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Guru Gochar 2023: 12 साल बाद मेष राशि में गोचर करेंगे बृहस्पति, विपरीत राजयोग में 5 राशियों पर बरसेगी गुरु की कृपा

बृहस्पति गोचर 2023: 12 वर्ष बाद बृहस्पति ग्रह मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं, ये गुरु के इस गोचर से विपरीत राजयोग का निर्माण होने जा रहा है. इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों के लिए इस योग का असर बेहद हितकारी साबित होगा.

Guru Gochar 2023
बृहस्पति गोचर 2023
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Published : Apr 4, 2023, 12:59 PM IST

Guru Gochar 2023: जब राशियों और ग्रहों में बदलाव होता है तो ज्योतिष गणना के मुताबिक इनका बहुत महत्व माना जाता है. नक्षत्रों में बदलाव राशि जातकों का ऐसा वाला समय तय करता है कि उसे कितनी ख़ुशियां मिलेंगी या कष्ट भोगने होंगे. 22 अप्रैल को बुद्धिमता, समृद्धि के देव बृहस्पति यानी गुरु मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. गुरु का यह गोचर पूरे 12 वर्ष बाद होने जा रहा है, पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु और विशाखा नक्षत्रों के स्वामी हैं. अगर कुंडली में गुरु की स्थिति मज़बूत हो तो जातक का भाग्य उदय रहता है, लेकिन कमजोर हो जीवन में नकारात्मकता का प्रभाव रहता है. 22 अप्रैल को होने जा रहे राशि परिवर्तन से भी कुछ राशियों के समय में अच्छा बदलाव होगा, क्योंकि गुरु के गोचर के साथ मेष राशि में विपरीत राजयोग बन रहा है. मूल रूप से मिथुन, कर्क, कन्या, तुला और मीन राशि के जातकों को इस योग का बहुत लाभ मिलने वाला है.

राशियों पर विपरीत राजयोग का प्रभाव
मिथुन: इस राशि में गुरु ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं, चूंकि वे इस राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं ऐसे में यह गोचर जातकों की कुंडली में विपरीत राजयोग का शुभ असर दिखाएगा. नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन और इनक्रीमेंट मिल सकता है, वहीं कारोबारी जातकों को व्यवसाय में धनलाभ होगा और आय में वृद्धि होगी.

कर्क: कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बृहस्पति 6वें और 9वें भाव के स्वामी हैं, ऐसे में गुरु के गोचर से बनने वाला विपरीत राजयोग इस राशि के जातकों के जीवन में पारिवारिक सुख और शांति प्रदान करेगा. धनलाभ और यश की प्राप्ति होगी नौकरी में बेहतर अवसर मिलेंगे और कारोबारी जातकों को व्यवसाय में बदलाव या कारोबार बदलना लाभदायक साबित होगा.

कन्या: इस राशि में गुरु चौथे और सातवें स्थान के स्वामी हैं, जो कुंडली के आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में कन्या राशि के जातकों के जीवन में विपरीत राजयोग के शुभ प्रभाव से यश वैभव और मान-सम्मान की बढ़ोत्तरी होगी, दाम्पत्य जीवन में अपने जीवनसाथी के साथ रिश्तों में और मधुरता आएगी और रिश्ता मजबूत बनेगा. विपरीत राजयोग के असर से इस समय किया गया आपका हर काम सफलता दिलाएगा.

इन खबरों पर भी एक नजर:

तुला: तुला राशि के जातकों की कुंडली में गुरु सातवें भाव में गोचर कर रहें हैं, गुरु के गोचर से हो रहे विपरीत राजयोग के निर्माण का शुभ प्रभाव इस राशि के जातकों की कुंडली में ख़ुशियाँ लेकर आएगा. जातकों की आर्थिक स्थित में मज़बूती आएगी, आय के नये रास्ते खुलेंगे. लम्बे समय से अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे. नौकरी करने वाले जातक अपने काम से सम्मान पायेंगे, प्रमोशन के भी प्रबल योग बन रहे हैं.

मीन: अपनी स्वराशि मीन में गुरु कुंडली के दसवें भाव के भी स्वामी हैं और जब वे 22 अप्रैल को कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करेंगे तो विपरीत राजयोग का शुभ प्रभाव इस राशि के जातकों पर भी पड़ेगा. इसके बल पर धनलाभ हो सकता है, कार्यस्थल पर जातकों को वैभव और सम्मान की प्राप्ति होगी. व्यापारी जातकों को कारोबार में फ़ायदा मिलने के योग हैं.

Disclaimer: यह आर्टिकल सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, ETV BHARAT ऐसी किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता.

Guru Gochar 2023: जब राशियों और ग्रहों में बदलाव होता है तो ज्योतिष गणना के मुताबिक इनका बहुत महत्व माना जाता है. नक्षत्रों में बदलाव राशि जातकों का ऐसा वाला समय तय करता है कि उसे कितनी ख़ुशियां मिलेंगी या कष्ट भोगने होंगे. 22 अप्रैल को बुद्धिमता, समृद्धि के देव बृहस्पति यानी गुरु मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. गुरु का यह गोचर पूरे 12 वर्ष बाद होने जा रहा है, पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु और विशाखा नक्षत्रों के स्वामी हैं. अगर कुंडली में गुरु की स्थिति मज़बूत हो तो जातक का भाग्य उदय रहता है, लेकिन कमजोर हो जीवन में नकारात्मकता का प्रभाव रहता है. 22 अप्रैल को होने जा रहे राशि परिवर्तन से भी कुछ राशियों के समय में अच्छा बदलाव होगा, क्योंकि गुरु के गोचर के साथ मेष राशि में विपरीत राजयोग बन रहा है. मूल रूप से मिथुन, कर्क, कन्या, तुला और मीन राशि के जातकों को इस योग का बहुत लाभ मिलने वाला है.

राशियों पर विपरीत राजयोग का प्रभाव
मिथुन: इस राशि में गुरु ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं, चूंकि वे इस राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं ऐसे में यह गोचर जातकों की कुंडली में विपरीत राजयोग का शुभ असर दिखाएगा. नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन और इनक्रीमेंट मिल सकता है, वहीं कारोबारी जातकों को व्यवसाय में धनलाभ होगा और आय में वृद्धि होगी.

कर्क: कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बृहस्पति 6वें और 9वें भाव के स्वामी हैं, ऐसे में गुरु के गोचर से बनने वाला विपरीत राजयोग इस राशि के जातकों के जीवन में पारिवारिक सुख और शांति प्रदान करेगा. धनलाभ और यश की प्राप्ति होगी नौकरी में बेहतर अवसर मिलेंगे और कारोबारी जातकों को व्यवसाय में बदलाव या कारोबार बदलना लाभदायक साबित होगा.

कन्या: इस राशि में गुरु चौथे और सातवें स्थान के स्वामी हैं, जो कुंडली के आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में कन्या राशि के जातकों के जीवन में विपरीत राजयोग के शुभ प्रभाव से यश वैभव और मान-सम्मान की बढ़ोत्तरी होगी, दाम्पत्य जीवन में अपने जीवनसाथी के साथ रिश्तों में और मधुरता आएगी और रिश्ता मजबूत बनेगा. विपरीत राजयोग के असर से इस समय किया गया आपका हर काम सफलता दिलाएगा.

इन खबरों पर भी एक नजर:

तुला: तुला राशि के जातकों की कुंडली में गुरु सातवें भाव में गोचर कर रहें हैं, गुरु के गोचर से हो रहे विपरीत राजयोग के निर्माण का शुभ प्रभाव इस राशि के जातकों की कुंडली में ख़ुशियाँ लेकर आएगा. जातकों की आर्थिक स्थित में मज़बूती आएगी, आय के नये रास्ते खुलेंगे. लम्बे समय से अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे. नौकरी करने वाले जातक अपने काम से सम्मान पायेंगे, प्रमोशन के भी प्रबल योग बन रहे हैं.

मीन: अपनी स्वराशि मीन में गुरु कुंडली के दसवें भाव के भी स्वामी हैं और जब वे 22 अप्रैल को कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करेंगे तो विपरीत राजयोग का शुभ प्रभाव इस राशि के जातकों पर भी पड़ेगा. इसके बल पर धनलाभ हो सकता है, कार्यस्थल पर जातकों को वैभव और सम्मान की प्राप्ति होगी. व्यापारी जातकों को कारोबार में फ़ायदा मिलने के योग हैं.

Disclaimer: यह आर्टिकल सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, ETV BHARAT ऐसी किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता.

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