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अतिथि शिक्षकों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी, नियमित करने की कर रहे मांग

मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से विरोध जता रहे अतिथि शिक्षक ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नियमित किए जाने की मांग करते हुए इन शिक्षकों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है.

कांग्रेस कार्यालय पहुंचे अतिथि शिक्षक
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Published : Jul 17, 2019, 10:33 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से विरोध जता रहे अतिथि शिक्षक मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की, अतिथि शिक्षकों ने नियमितिकरण का वचन निभाने की मांग की है. वहीं शिक्षकों ने मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है.


दरअसल, पिछले 12 सालों से मध्यप्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के पद पर अतिथि शिक्षक काम कर रहे हैं. लंबे समय से नियमितिकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में नियमितिकरण का वचन दिया था. लेकिन कांग्रेस सरकार बने सात महीने बीत गए हैं. फिर भी कमलनाथ सरकार ने अतिथि शिक्षकों के हित में कोई फैसला नहीं लिया.

कांग्रेस कार्यालय पहुंचे अतिथि शिक्षक


परेशान अतिथि शिक्षकों ने पीसीसी पहुंचकर कांग्रेस नेताओं को अपनी परेशानी बताई. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 8 दिनों में हमारी मांगों पर फैसला नहीं लिया गया. तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी. आंदोलनकारी अतिथि शिक्षक आकाश भूरिया का कहना है कि इतने लंबे समय तक उन्होंने कम मानदेय में काम किया.मौजूदा सत्र में 10-10 साल काम करने वाले अतिथि शिक्षकों का हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले आज रोजी रोटी के लिए परेशान हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से विरोध जता रहे अतिथि शिक्षक मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की, अतिथि शिक्षकों ने नियमितिकरण का वचन निभाने की मांग की है. वहीं शिक्षकों ने मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है.


दरअसल, पिछले 12 सालों से मध्यप्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के पद पर अतिथि शिक्षक काम कर रहे हैं. लंबे समय से नियमितिकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में नियमितिकरण का वचन दिया था. लेकिन कांग्रेस सरकार बने सात महीने बीत गए हैं. फिर भी कमलनाथ सरकार ने अतिथि शिक्षकों के हित में कोई फैसला नहीं लिया.

कांग्रेस कार्यालय पहुंचे अतिथि शिक्षक


परेशान अतिथि शिक्षकों ने पीसीसी पहुंचकर कांग्रेस नेताओं को अपनी परेशानी बताई. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 8 दिनों में हमारी मांगों पर फैसला नहीं लिया गया. तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी. आंदोलनकारी अतिथि शिक्षक आकाश भूरिया का कहना है कि इतने लंबे समय तक उन्होंने कम मानदेय में काम किया.मौजूदा सत्र में 10-10 साल काम करने वाले अतिथि शिक्षकों का हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले आज रोजी रोटी के लिए परेशान हैं.

Intro:भोपाल। सालों से स्कूल शिक्षा विभाग में बतौर अतिथि शिक्षक कार्य कर सैकड़ों आंदोलनकारी शिक्षक मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए और जमकर नारेबाजी की। आंदोलनकारी अतिथि शिक्षकों ने प्रदेश कार्यालय में जमकर नारेबाजी की। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने नियमितीकरण का वचन दिया था। इसीलिए हम सभी ने कांग्रेस का समर्थन किया था। लेकिन आज हम सब दर दर ठोकरें खा रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर 8 दिन में अगर हमारी मांग नहीं मानी गई, तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।


Body:दरअसल,पिछले 12 सालों से मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षकों के पद के विरुद्ध अतिथि शिक्षक कार्य कर रहे हैं। लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में नियमितीकरण का वचन दिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार बने सात महीने बीत गए हैं। फिर भी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को सात महीने बीत जाने के बाद भी अतिथि शिक्षक के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। वहीं दूसरी तरफ 12-12 साल अपनी सेवाएं दे चुके अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है। परेशान अतिथि शिक्षकों ने आज कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर अपनी परेशानी से कांग्रेस नेताओं को अवगत कराया और चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 8 दिनों में हमारी मांगो पर फैसला नहीं लिया गया। तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।इसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी।



Conclusion:आंदोलनकारी अतिथि शिक्षक आकाश भूरिया का कहना है कि हम लोग 12-12 साल से बतौर अतिथि शिक्षक काम कर रहे है। इतने लंबे समय तक हमने अल्प मानदेय में काम किया। लेकिन मौजूदा सत्र में 10-10 साल काम करनेवाले अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है। जो खून के आंसू रो रहे हैं। हमने विधानसभा चुनाव के समय खुलकर कांग्रेस का समर्थन किया था। कांग्रेस का विरोध करनेवाले अतिथि शिक्षकों को फिर से नियुक्त कर दिया गया। लेकिन कांग्रेस का समर्थन करनेवाले आज रोजी रोटी के लिए परेशान हैं। हम कांग्रेस सरकार को 8 दिन का समय देते हैं। अगर हमारी मांगो को नहीं माना गई, तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
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