भोपाल। पीएससी से चयनित उम्मीदवार और अतिथि विद्वानों में संघर्ष छिड़ गया है, एक ओर पीएससी चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अतिथि विद्वानों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर छिंदवाड़ा से आंदोलन शुरू कर दिया है.
अतिथि विद्वानों का कहना है कि, प्रदेश सरकार जिस पीएससी परीक्षा को व्यापमं टू का नाम देती थी, आज उन्हें ही नियुक्ति देना चाहती है और दूसरी ओर जिन्हें वचन पत्र में नियमित करने का वादा किया था उन्हें नौकरी से निकालने का प्रयास कर रही है, साथ ही उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अपना दोहरा चरित्र उजागर कर दिया है.
अतिथि विद्वानों का आरोप है कि सरकार उन्हें ट्रांसफर देने के नाम पर बेरोजगार करने का विचार कर रही है, लेकिन अगर वाकई में सरकार को अतिथि विद्वानों की चिंता है तो पद बनाकर उनका समायोजन करें. विद्वानों ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री विभाग के ही अधिकारियों के बहकावे में आकर कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं. अतिथि विद्वानों ने मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा को ज्ञापन सौंपा है.
नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अतिथि विद्वानों की समस्याओं को मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष रखा जाएगा और उनके हित में निर्णय लेने पर जोर दिया जाएगा ताकि अतिथि विद्वानों को परेशानी ना हो.