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भोपाल में अतिथि विद्वानों का आंदोलन जारी, दो स्थायी शिक्षकों के भरोसे 800 छात्रों का भविष्य

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Published : Nov 10, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 11:56 PM IST

भोपाल के अटल बिहारी विश्वविद्यालय में अतिथि विद्वानों का आंदोलन जारी है. पिछले तीन माह से मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन जारी है. विश्वविद्यालय में अव्यवस्था का माहौल है जिसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते अतिथि विद्वान

भोपाल। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों का पिछले तीन माह से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी है. अतिथि विद्वान वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है. वहीं इस बारे में विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी. भारती का कहना है कि अतिथि विद्वान मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांकि विश्वविद्यालय की आर्थिक सीमा और नियम के आधार पर ही उनकी मांगों का निराकरण किया जाएगा.

विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते अतिथि विद्वान

हड़ताल पर अतिथि विद्वान, अधर में छात्रों का भविष्य

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वान पिछले 3 महीने से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अतिथि विद्वानों ने विश्वविद्यालय में सद्बुद्धि यज्ञ और गायन भी किया गया. जिसको राज्यपाल लालजी टंडन ने भी संज्ञान में लिया और हिंदी दिवस पर ये ऐलान किया कि हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों का मानदेय बढ़ाया जाए साथ ही विश्वविद्यालय में जो अतिथि विद्वान लंबे समय से काम कर रहे हैं उन्हें विश्वविद्यालय में नियमित किया जाए.आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में केवल दो ही स्थायी शिक्षक हैं, ऐसे में जिन अतिथि शिक्षकों के सहारे विश्वविद्यालय के 800 छात्र अध्ययन कर रहे हैं, उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है.

भोपाल। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों का पिछले तीन माह से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी है. अतिथि विद्वान वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है. वहीं इस बारे में विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी. भारती का कहना है कि अतिथि विद्वान मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांकि विश्वविद्यालय की आर्थिक सीमा और नियम के आधार पर ही उनकी मांगों का निराकरण किया जाएगा.

विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते अतिथि विद्वान

हड़ताल पर अतिथि विद्वान, अधर में छात्रों का भविष्य

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वान पिछले 3 महीने से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अतिथि विद्वानों ने विश्वविद्यालय में सद्बुद्धि यज्ञ और गायन भी किया गया. जिसको राज्यपाल लालजी टंडन ने भी संज्ञान में लिया और हिंदी दिवस पर ये ऐलान किया कि हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों का मानदेय बढ़ाया जाए साथ ही विश्वविद्यालय में जो अतिथि विद्वान लंबे समय से काम कर रहे हैं उन्हें विश्वविद्यालय में नियमित किया जाए.आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में केवल दो ही स्थायी शिक्षक हैं, ऐसे में जिन अतिथि शिक्षकों के सहारे विश्वविद्यालय के 800 छात्र अध्ययन कर रहे हैं, उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है.

Intro:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्धानों का अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी है अतिथि विद्वान पिछले 3 माह से वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं बावजूद इसके ना तो उनके वेतन में वृद्धि की जा रही है और ना ही अन्य मांगों का निराकरण किया जा रहा है वही इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी भारती का कहना है कि अतिथि विद्धान मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं हालांकि नियम और विश्वविद्यालय की आर्थिक सीमा के आधार पर ही उनकी मांगों का निराकरण किया जाएगा,Body:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्धानों का अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी है अतिथि विद्वान पिछले 3 माह से वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं बावजूद इसके ना तो उनके वेतन में वृद्धि की जा रही है और ना ही अन्य मांगों का निराकरण किया जा रहा है वही इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी भारती का कहना है कि अतिथि विद्धान मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं हालांकि नियम और विश्वविद्यालय की आर्थिक सीमा के आधार पर ही उनकी मांगों का निराकरण किया जाएगा,

अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्धान पिछले कई समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं अतिथि विद्धान द्वारा विश्वविद्यालय में सद्बुद्धि यज्ञ एवं सद्बुद्धि गायन भी अतिथि विद्धानों द्वारा किया गया, इसके साथ ही शिक्षक दिवस पर भी अतिथि विद्धानों ने अपना आंदोलन जारी रखा जिसको राज्यपाल लालजी टंडन ने भी संज्ञान में लिया और हिंदी दिवस पर यह ऐलान किया कि हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों का मानदेय बढ़ाया जाए साथ ही विश्वविद्यालय में जो अतिथि विद्धान लंबे समय से कार्य कर रहे हैं उन्हें विश्वविद्यालय में ही नियमित किया जाए बावजूद इसके अतिथि विद्धानों की मांगों को विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा नज़रंदाज़ किया जा रहा है, वही अतिथि विद्धानों का कहना है कि यदि उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो वे इसी तरह अपना आंदोलन जारी रखेंगे।।

बाइट- कुलसचिव बी भारतीConclusion:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों का आंदोलन जारी अतिथि विद्धानों के आंदोलन से विश्वविद्यालय में अव्यवस्था का माहौल विश्वविद्यालय में केवल दो ही स्थाई शिक्षक है ऐसे में जिन अतिथि विद्वानों के सहारे विश्वविद्यालय के 800 छात्र अध्ययन कर रहे हैं उनकी पढ़ाई पर भी इस आंदोलन का गहरा असर पड़ रहा है हालांकि अब देखना होगा कि अतिथि विद्वानों की मांगे कब तक पूरी की जाएंगी
Last Updated : Nov 10, 2019, 11:56 PM IST
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