ETV Bharat / state

वचन पत्र के वादे नहीं निभा पा रही कांग्रेस सरकार, अतिथि शिक्षकों में खासी नाराजगी - अतिथि विद्वानों ने चेतावनी दी

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस द्वारा वचन पत्र में किए गए वादे पूरा नहीं करने पर अतिथि विद्वानों ने नाराजगी जताई है. साथ ही उन्होंने उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.

सीएम कमलनाथ
author img

By

Published : May 17, 2019, 2:06 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट लेक्चर्रस अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. सत्ता में आई कांग्रेस द्वारा वादे नहीं निभाने से कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है. वहीं कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.


अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में उन्हें नियमित करने का दावा किया था, लेकिन अभी तक कांग्रेस सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है. उन्होंने बताया कि कॉलेजों के प्राचार्य द्वारा खुलेआम कैबिनेट के निर्णय का उल्लंघन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा अतिथि शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है.

अतिथि शिक्षकों ने सीएम को दी चेतावनी


अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि कैबिनेट के स्पष्ट आदेश हैं कि अतिथि विद्वानों की 1 साल से पहले सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी, लेकिन प्राचार्यों की मनमानी के कारण कईयों को 1 साल पूरा होने से पहले ही निकाल दिया जाता है. जिसके चलते उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. गेस्ट फैकल्टी ने चेतावनी दी है कि अगर आचार संहिता के बाद सरकार ने उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

भोपाल। मध्यप्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट लेक्चर्रस अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. सत्ता में आई कांग्रेस द्वारा वादे नहीं निभाने से कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है. वहीं कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.


अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में उन्हें नियमित करने का दावा किया था, लेकिन अभी तक कांग्रेस सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है. उन्होंने बताया कि कॉलेजों के प्राचार्य द्वारा खुलेआम कैबिनेट के निर्णय का उल्लंघन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा अतिथि शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है.

अतिथि शिक्षकों ने सीएम को दी चेतावनी


अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि कैबिनेट के स्पष्ट आदेश हैं कि अतिथि विद्वानों की 1 साल से पहले सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी, लेकिन प्राचार्यों की मनमानी के कारण कईयों को 1 साल पूरा होने से पहले ही निकाल दिया जाता है. जिसके चलते उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. गेस्ट फैकल्टी ने चेतावनी दी है कि अगर आचार संहिता के बाद सरकार ने उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

Intro:मध्य प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विज्ञान अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया अतिथि विद्वानों ने बताया कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में अतिथि विद्वानों को नियमित करने की बात कही थी लेकिन अपने वादों पर कांग्रेस सरकार खरी नहीं उतर पा रही है जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना जरूर पड़ेगा


Body:मध्य प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्यान अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी मांगों का समाधान नहीं हो सका है अतिथि विद्वानों ने बताया कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में अतिथि विद्वानों को नियमित करने का दावा किया था लेकिन अभी तक कांग्रेस सरकार उनकी मांगों के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है जिस कारण अतिथि विद्वानों में खासी नाराजगी है साथ ही उन्होंने बताया कि कॉलेजों के प्राचार्य द्वारा खुलेआम कैबिनेट के निर्णय का उल्लंघन किया जा रहा है जिसका खामियाजा अतिथि विद्वानों को उठाना पड़ रहा है कैबिनेट के स्पष्ट आदेश हैं कि अतिथि विद्यालयों की 1 साल से पहले सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी लेकिन प्राचार्यो की मनमानी के कारण कई अतिथि विद्वानों को 1 साल पूर्ण होने से पहले ही निकाल दिया जाता है जिस कारण उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है अतिथि विद्वानों ने चेतावनी दी है कि अगर आचार संहिता के बाद सरकार ने उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी....


Conclusion:शासकीय कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की मांगे पूरी नहीं होने से अतिथि शिक्षकों में सरकार के खिलाफ खासी नाराजगी है अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि आचार संहिता के बाद उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो अतिथि शिक्षक उग्र आंदोलन करने पर विवश हो जाएंगे जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.