भोपाल। मध्यप्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट लेक्चर्रस अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. सत्ता में आई कांग्रेस द्वारा वादे नहीं निभाने से कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है. वहीं कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में उन्हें नियमित करने का दावा किया था, लेकिन अभी तक कांग्रेस सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है. उन्होंने बताया कि कॉलेजों के प्राचार्य द्वारा खुलेआम कैबिनेट के निर्णय का उल्लंघन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा अतिथि शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है.
अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि कैबिनेट के स्पष्ट आदेश हैं कि अतिथि विद्वानों की 1 साल से पहले सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी, लेकिन प्राचार्यों की मनमानी के कारण कईयों को 1 साल पूरा होने से पहले ही निकाल दिया जाता है. जिसके चलते उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. गेस्ट फैकल्टी ने चेतावनी दी है कि अगर आचार संहिता के बाद सरकार ने उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.