भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन के बाद राज्य में अब जंगल बचाने के लिए आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है. छतरपुर के बक्सर में हीरा खदान के लिए काटे जा रहे जंगल के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा. इसको लेकर पहले चरण में शनिवार से आने वाले 5 दिनों तक पर्यावरण प्रेमी अनशन पर बैठेंगे. अनशन का नाम हरित सत्याग्रह दिया गया है.
30 जून तक चलेगा अनशन
पर्यावरण प्रेमी शरद सिंह कुमरे ने बताया कि छतरपुर जिला प्रशासन से शांतिपूर्ण अनशन की अनुमति मांगी गई थी. अनुमति नहीं मिलने के बाद 'हीरे के लिए हरियाली विनाश' परियोजना के खिलाफ प्रदेश के पर्यावरण प्रेमी 26 जून से अनशन पर बैठेंगे. यह अनशन 30 जून तक चलेगा.
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पर्यावरण प्रेमी प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भी प्रदर्शन करेंगे. मुख्य आंदोलन छतरपुर मुख्यालय पर किया जाएगा. इस दौरान कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग जंगल के अलावा वहां उपस्थित वर्क पेंटिंग्स को बचाना है, जो वहां सदियों से बनी हुई है. इसके अलावा आंदोलन में जंगल के साथ विश्व धरोहर संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग भी की जाएगी.
बिंदूवार समझें आंदोलन की प्रमुख मांगें
- बक्स्वाहा डायमंड प्रोजेक्ट निरस्त हो.
- बक्स्वाहा के साथ बाकी जंगल का पूर्ण रूप से संरक्षित हो.
- बक्स्वाहा जंगल के प्रागैतिहासिक शैल चित्र कलाकृति को विश्व धरोहर घोषित कर संरक्षित किया जाए.
- बक्सवाहा जंगल से जुड़े ग्रामीणों की खेती वनों पर आधारित टिकाऊ आजीविका की योजना तैयार की जाए.
- बक्स्वाहा जंगल को नेचुरल ओपन स्टडी, नेचर टूरिज्म के रूप में विकसित कर रोजगार व अध्ययन क्षेत्र की नई संभावनाएं विकसित की जाएं.