भोपाल। प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच हो रहे इस पत्राचार की चर्चा सभी जगह पर की जा रही है. क्योंकि अब राज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर के द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब दिया है.
विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह विधायकों की वापसी के लिए जरूरी कदम उठाएं. उनका पत्र पहुंचने के बाद से ही राज्यपाल द्वारा जवाबी पत्र तैयार कराया जा रहा था. जिसे बुधवार सुबह जारी किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को राज्यपाल लालजी टंडन ने पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि विधानसभा सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण उनकी सुरक्षा के संबंध में आपकी चिंता कि मैं प्रसन्नता करता हूं.
राज्यपाल ने दिया जवाब
राज्यपाल ने लिखा है कि पिछले 8 दिनों से आप जिस पीड़ा से गुजर रहे होंगे, उसका भी मुझे अंदाजा हो रहा है. इन दिनों में इस संबंध में सदस्यों की जानकारी प्राप्त करने बाबत आपके द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख पत्र में नहीं किया गया है. फिर भी मैं मानता हूं कि निश्चित रूप से आप ने समुचित प्रयास किए होंगे. जहां तक माननीय सदस्यों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने के संबंध में प्रश्न हैं. उसमें आपके द्वारा 22 में से 6 माननीय सदस्यों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने के निष्पक्ष,साहस पूर्ण और शीघ्र किए गए निराकरण की भी मैं प्रसन्नता करता हूं.
लापता विधायकों को लेकर पत्र
आप अध्यक्ष होने के नाते भली-भांति अवगत होंगे कि किसी सदस्य के इस्तीफे को स्वीकार करने की प्रक्रिया अथवा विधानसभा की बैठक आहत होने के उपरांत बिना सूचना के अनुपस्थित होने पर किस विधिक प्रक्रिया का पालन कर क्या कार्यवाही की जानी चाहिए. हालांकि विधायकों के त्यागपत्र के आवेदन के निराकरण में आपको हो रहे असमंजस का भी मुझे आभास है. इसके अलावा राज्यपाल ने लिखा है कि आपके पत्र के दूसरे पैराग्राफ में मुझसे कुछ प्रश्नों के उत्तर की अपेक्षा की गई है, उक्त अपेक्षा निश्चित ही किसी नियमावली के अंतर्गत होगी और आपने उसका अवलोकन भी किया होगा. कृपया संबंधित नियमावली मुझे प्रेषित करने का कष्ट करें. तथाकथित लापता विधायकों से आपको और मुझे लगातार पत्र प्राप्त हो रहे हैं.
कार्यपालिका का है दायित्व
उन्होंने अपने किसी भी पत्र में जहां पर भी वे वर्तमान में हैं. अपनी ओर से कोई समस्या व्यक्त नहीं की है. उनके पत्र एवं वीडियो लगातार समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया में आ रहे हैं. अब वे सर्वोच्च न्यायालय भी पहुंच गए हैं. आपने अपने पत्र के अंतिम पैराग्राफ में विधायकों की सुरक्षा की मांग की है. प्रदेश के सभी नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व कार्यपालिका का है. आप उससे ही सुरक्षा चाहते होंगे, किंतु त्रुटिबस यह पत्र मुझे प्रेषित होता प्रतीत हो रहा है. मुझे खुशी होगी यदि मैं किसी रूप से आप की वर्तमान चिंता और कष्ट का समाधान कर सकूं.
प्रदेश में राजनीति का पारा लगातार गर्म बना हुआ है . बीजेपी के फ्लोर टेस्ट की मांग से लेकर स्पीकर के द्वारा विधानसभा का सत्र 26 मार्च तक स्थगित किए जाने से लगातार राजनीति गरमाई हुई दिखाई दे रही है विपक्ष लगातार विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग कर रहा है तो वही कांग्रेस भी बार-बार अपने 16 विधायकों को बेंगलुरु से वापस लाने की मांग कर रही है जहां एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सभी नाराज 22 विधायकों से मिलने के लिए बेंगलुरु पहुंच गए हैं तो वही विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा राज्यपाल को भी एक पत्र लिखा गया था जिसमें उन्होंने कांग्रेस के 16 विधायकों की सुरक्षा की मांग की थी . इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा भी राज्यपाल को पत्र लिखा गया है साथ ही राज्यपाल लालजी टंडन के द्वारा भी मुख्यमंत्री को दो बार पत्र लिखे गए हैं .