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प्रोफेसरों के रिसर्च सार्वजनिक करेगी सरकार, युवाओं को मिलेगी नई दिशा

प्रदेश के सभी प्रोफेसरों के रिसर्च को राज्य सरकार अब सार्वजनिक करेगी, ताकि युवाओं को इन रिपोर्ट्स को पढ़ने के बाद प्रेरणा मिल सके.

सरकार करेगी अब प्रोफेसरों की रिसर्च को सार्वजनिक
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Published : Nov 14, 2019, 1:13 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 1:35 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार प्रोफेसरों के रिसर्च को सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है, ताकि युवाओं को इन रिपोर्ट्स को पढ़ने के साथ-साथ प्रेरित भी किया जा सके. प्रोफेसरों की रिसर्च से लेकर सभी अकादमिक जानकारियों को सार्वजनिक करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. प्रोफेसर अब तक कैसे और कितने रिसर्च डेवलप किए हैं, इन सभी चीजों का जिक्र संग्रहित किया जा रहा है.

प्रोफेसरों के रिसर्च सार्वजनिक करेगी राज्य सरकार

'राजीव ज्ञान ज्योति अभियान' की होगी शुरुआत

प्रशासनिक सहित सामाजिक गतिविधियों में प्रोफेसरों की क्या भूमिका रही. ये बातें उच्च शिक्षा विभाग सार्वजनिक करेगा, ताकि छात्रों सहित अन्य लोग इनकी अकादमिक और रिसर्च संबंधी उपलब्धियां प्राप्त कर इसका फायदा ले सकें. इस योजना को साकार करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 'राजीव ज्ञान ज्योति अभियान' शुरू किया है. इसके तहत विभाग में एक ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार कर प्रोफेसरों से 9 बिंदुओं पर जानकारी मांगी जा रही है.

सेमिनार और पीएचडी अवार्ड की होगी जानकारी
इस अभियान के तहत प्रोफेसरों के सेमिनार में शामिल होने और सेमिनार आयोजित करने संबंधी सभी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी, साथ ही ये भी बताया जाएगा कि किस प्रोफेसर को किस अवार्ड से नवाजा गया है और उनके मार्गदर्शन में कितने पीएचडी अवार्ड दिए गए हैं. अभी प्रोफेसरों की उपलब्धियां जानने और समझने के लिए कोई प्लेटफार्म मौजूद नहीं है.

छात्रों को ये सार्वजनिक जानकारी संबंधित कॉलेज की वेबसाइट से मिलनी चाहिए, लेकिन कॉलेज सहित विभाग की वेबसाइट पर भी ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं की गई हैं, यही वजह है कि अब कमलनाथ सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है, ताकि प्रोफेसरों की उपलब्धियों को भी छात्र-छात्राओं से रूबरू कराया जा सके. उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए अभियान की शुरूआत कर दिया है. ताकि छात्र और अभिभावक के साथ शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्य साझा किए जा सकें. प्रोफेसरों ने इस अभियान से जुड़कर जानकारी उपलब्ध कराना भी शुरू कर दिया है. अब तक करीब ढाई हजार प्रोफेसर अपनी जानकारी मॉड्यूल का उपयोग कर दर्ज करवा चुके हैं.

छात्रों को भविष्य में मिले लाभ
राज्य शासन ने भरोसा जताया है कि इससे अकादमिक उपलब्धियों का संग्रह तैयार किया जा सकता है. जिससे छात्रों को आने वाले भविष्य में लाभ मिलेगा, इससे परीक्षा परिणामों में भी काफी सुधार आएगा, साथ ही इन सभी जानकारियों को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के करीब 5 हजार से ज्यादा प्रोफेसरों की उपलब्धियां और रिसर्च को संग्रहित कर युवाओं से रूबरू कराया जाए.

भोपाल। कमलनाथ सरकार प्रोफेसरों के रिसर्च को सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है, ताकि युवाओं को इन रिपोर्ट्स को पढ़ने के साथ-साथ प्रेरित भी किया जा सके. प्रोफेसरों की रिसर्च से लेकर सभी अकादमिक जानकारियों को सार्वजनिक करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. प्रोफेसर अब तक कैसे और कितने रिसर्च डेवलप किए हैं, इन सभी चीजों का जिक्र संग्रहित किया जा रहा है.

प्रोफेसरों के रिसर्च सार्वजनिक करेगी राज्य सरकार

'राजीव ज्ञान ज्योति अभियान' की होगी शुरुआत

प्रशासनिक सहित सामाजिक गतिविधियों में प्रोफेसरों की क्या भूमिका रही. ये बातें उच्च शिक्षा विभाग सार्वजनिक करेगा, ताकि छात्रों सहित अन्य लोग इनकी अकादमिक और रिसर्च संबंधी उपलब्धियां प्राप्त कर इसका फायदा ले सकें. इस योजना को साकार करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 'राजीव ज्ञान ज्योति अभियान' शुरू किया है. इसके तहत विभाग में एक ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार कर प्रोफेसरों से 9 बिंदुओं पर जानकारी मांगी जा रही है.

सेमिनार और पीएचडी अवार्ड की होगी जानकारी
इस अभियान के तहत प्रोफेसरों के सेमिनार में शामिल होने और सेमिनार आयोजित करने संबंधी सभी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी, साथ ही ये भी बताया जाएगा कि किस प्रोफेसर को किस अवार्ड से नवाजा गया है और उनके मार्गदर्शन में कितने पीएचडी अवार्ड दिए गए हैं. अभी प्रोफेसरों की उपलब्धियां जानने और समझने के लिए कोई प्लेटफार्म मौजूद नहीं है.

छात्रों को ये सार्वजनिक जानकारी संबंधित कॉलेज की वेबसाइट से मिलनी चाहिए, लेकिन कॉलेज सहित विभाग की वेबसाइट पर भी ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं की गई हैं, यही वजह है कि अब कमलनाथ सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है, ताकि प्रोफेसरों की उपलब्धियों को भी छात्र-छात्राओं से रूबरू कराया जा सके. उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए अभियान की शुरूआत कर दिया है. ताकि छात्र और अभिभावक के साथ शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्य साझा किए जा सकें. प्रोफेसरों ने इस अभियान से जुड़कर जानकारी उपलब्ध कराना भी शुरू कर दिया है. अब तक करीब ढाई हजार प्रोफेसर अपनी जानकारी मॉड्यूल का उपयोग कर दर्ज करवा चुके हैं.

छात्रों को भविष्य में मिले लाभ
राज्य शासन ने भरोसा जताया है कि इससे अकादमिक उपलब्धियों का संग्रह तैयार किया जा सकता है. जिससे छात्रों को आने वाले भविष्य में लाभ मिलेगा, इससे परीक्षा परिणामों में भी काफी सुधार आएगा, साथ ही इन सभी जानकारियों को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के करीब 5 हजार से ज्यादा प्रोफेसरों की उपलब्धियां और रिसर्च को संग्रहित कर युवाओं से रूबरू कराया जाए.

Intro:सरकार करेगी अब प्रोफेसरों की रिसर्च को सार्वजनिक, युवाओं को जागरूक करने की दिशा में उठाया जा रहा है कदम



भोपाल | कमलनाथ सरकार उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक बड़ा निर्णय लेने जा रही है . जिसके तहत वह प्रोफेसरों के द्वारा की गई रिसर्च को अब सार्वजनिक करेगी , ताकि युवाओं को इन रिपोर्ट्स को पढ़ने के बाद प्रेरणा मिल सके . उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों में काम कर रहे प्रोफेसरों की रिसर्च से लेकर सभी अकादमिक जानकारियों को सार्वजनिक करने की तैयारी शुरू कर दी गई है . प्रोफेसर ने अब तक कैसे और कितने रिसर्च डिवेलप किए हैं , इन सभी चीजों का जिक्र संग्रहित किया जा रहा है .


Body:बताया जा रहा है कि प्रशासनिक के समेत सामाजिक गतिविधियों में उनकी क्या भूमिका रही यह बातें उच्च शिक्षा विभाग सार्वजनिक करेगा ताकि छात्रों सहित अन्य लोग इनकी अकादमिक और रिसर्च संबंधी उपलब्धियां प्राप्त कर इसका फायदा ले सके योजना को साकार करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने राजीव ज्ञान ज्योति अभियान शुरू किया है इसके तहत विभाग में एक ऑनलाइन माड्यूल तैयार कर प्रोफेसरों से 9 बिंदुओं की जानकारी भी मांगी है .


बताया जा रहा है कि इस अभियान के तहत तो प्रोफेसर द्वारा सेमिनार में शामिल होने और सेमिनार आयोजित करने संबंधी सभी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी साथ यह भी बताया जाएगा कि किस प्रोफेसर को कौन से अवार्ड से नवाजा गया है उनके मार्गदर्शन में कितनी पी एचडी अवार्ड की गई है अभी प्रोफेसरों की उपलब्धियां जाने के लिए कोई भी प्लेटफार्म मौजूद नहीं है छात्रों को यह सार्वजनिक जानकारी संबंधित कॉलेज की वेबसाइट से मिलनी चाहिए लेकिन कॉलेज सहित विभाग की वेबसाइट पर भी यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं की गई है यही वजह है कि अब कमलनाथ सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है ताकि प्रोफेसरों की उपलब्धियों को भी छात्र-छात्राओं से रूबरू कराया जा सके


Conclusion:बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा प्रथम चरण का अभियान शुरू कर दिया गया है ताकि छात्र और अभिभावक के साथ शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्य साझा किए जा सके प्रोफेसरों ने इस अभियान में जुड़ कर जानकारी उपलब्ध कराना भी शुरू कर दिया है अभी तक करीब ढाई हजार प्रोफेसर अपनी जानकारी माड्यूल का उपयोग कर दर्ज करवा चुके हैं . राज्य शासन को इस मामले में पूरा भरोसा है कि इससे अकादमिक उपलब्धियों का संग्रह तैयार किया जा सकता है जिससे विद्यार्थियों को आने वाले भविष्य में लाभ मिलेगा इससे परीक्षा परिणामों में भी काफी सुधार आएगा साथ ही इन सभी जानकारियों को विभाग के द्वारा वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाएगा सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश भर में करीब 5 हजार से ज्यादा प्रोफ़ेसर मौजूद है और इन सभी की उपलब्धियां और रिसर्च को संग्रहित कर युवाओं से रूबरू कराना है निश्चित रूप से सरकार का यह कदम काफी सराहनीय भी है और यह कदम प्रोफेसरों को भी पसंद आ रहा है क्योंकि प्रोफेसरों के पास भी अपनी बात और उपलब्धि बताने के लिए कोई प्लेटफार्म मौजूद नहीं था .

Last Updated : Nov 14, 2019, 1:35 PM IST
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