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कमलनाथ के OSD की कंपनी पर सरकार की टेढ़ी नजर, 2 टेंडर पर लगाई रोक

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Published : Jun 25, 2020, 6:17 PM IST

कमलनाथ की सरकार में ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ के बेटे और पार्टनर की कंपनी पर वर्तमान सरकार नजर बनाए हुए है. जहां आउटसोर्सिंग कंपनी के टेंडर सहित बिजली वितरण कंपनियों में मैन पॉवर सर्विसेस को लेकर जारी करोड़ों के टेंडर को भी निरस्त कर दिया गया है.

government banned two tenders of Kamal Nath OSD company
ओएसडी कंपनी के दो टेंडर पर सरकार की रोक

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार में ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ के बेटे और पार्टनर की कंपनी पर शिवराज सरकार की टेढ़ी निगाह है. शासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण आहार अंतर्गत कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी के टेंडर को निरस्त कर दिया है. वहीं प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों में मैन पॉवर सर्विसेस को लेकर जारी 938 करोड़ के टेंडर को भी निरस्त कर दिया गया है.

पोषण अभियान के तहत मैन पॉवर उपलब्ध कराने के लिए इंदौर की एक कंपनी से अनुबंध किया गया था. 3 साल के लिए हुए टेंडर को हर साल रिन्यू किया जाना था. कॉन्ट्रेक्ट के तहत कंपनी ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 1 हजार 027 कर्मचारियों को पदस्थ किया था, लेकिन अब महिला एवं बाल विकास विभाग ने महाशय कंपनी के अनुबंध को खत्म कर दिया है. हालांकि अप्रैल माह से खत्म होने के बाद भी पिछले माह तक सभी कर्मचारियों से काम कराया गया था, लेकिन इन कर्मचारियों को पिछले 2 माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है.

बिजली कंपनियों में आउटसोर्सिंग का टेंडर भी निरस्त

प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों में मैन पॉवर सर्विसेस विशेष को लेकर जारी 938 करोड़ रुपए के टेंडर को निरस्त कर दिया गया है. इसको लेकर पूर्व मंत्री विजय शाह ने 4 मई 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखित में शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 28 से 30 हजार मैन पॉवर वाले इस टेंडर में पूर्व सीएम कमलनाथ के ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ के बेटे और पार्टनर की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए 70 फीसदी से ज्यादा शर्तों को बदला गया था. तीनों विद्युत वितरण कंपनी में आउटसोर्सिंग पर मैन पॉवर सर्विसेज के लिए 2019 में टेंडर जारी हुए थे.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार में ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ के बेटे और पार्टनर की कंपनी पर शिवराज सरकार की टेढ़ी निगाह है. शासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण आहार अंतर्गत कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी के टेंडर को निरस्त कर दिया है. वहीं प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों में मैन पॉवर सर्विसेस को लेकर जारी 938 करोड़ के टेंडर को भी निरस्त कर दिया गया है.

पोषण अभियान के तहत मैन पॉवर उपलब्ध कराने के लिए इंदौर की एक कंपनी से अनुबंध किया गया था. 3 साल के लिए हुए टेंडर को हर साल रिन्यू किया जाना था. कॉन्ट्रेक्ट के तहत कंपनी ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 1 हजार 027 कर्मचारियों को पदस्थ किया था, लेकिन अब महिला एवं बाल विकास विभाग ने महाशय कंपनी के अनुबंध को खत्म कर दिया है. हालांकि अप्रैल माह से खत्म होने के बाद भी पिछले माह तक सभी कर्मचारियों से काम कराया गया था, लेकिन इन कर्मचारियों को पिछले 2 माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है.

बिजली कंपनियों में आउटसोर्सिंग का टेंडर भी निरस्त

प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों में मैन पॉवर सर्विसेस विशेष को लेकर जारी 938 करोड़ रुपए के टेंडर को निरस्त कर दिया गया है. इसको लेकर पूर्व मंत्री विजय शाह ने 4 मई 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखित में शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 28 से 30 हजार मैन पॉवर वाले इस टेंडर में पूर्व सीएम कमलनाथ के ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ के बेटे और पार्टनर की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए 70 फीसदी से ज्यादा शर्तों को बदला गया था. तीनों विद्युत वितरण कंपनी में आउटसोर्सिंग पर मैन पॉवर सर्विसेज के लिए 2019 में टेंडर जारी हुए थे.

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