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आंखफोड़वा कांड: गोपाल भार्गव को पीसी शर्मा की नसीहत, कहा- आपके शासनकाल में हुए थे इससे भी गंभीर मामले

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Published : Oct 3, 2019, 11:16 PM IST

छिंदवाड़ा की घटना पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा को मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई.

अंखफोड़वा कांड में गोपाल भार्गव के सवाल पर मंत्री पीसी शर्मा की नसीहत

भोपाल। इंदौर की घटना के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में आंखफोड़वा कांड सामने आया है. इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए . तो मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई, उन्होंने काह कि बीजेपी और गोपाल भार्गव इस मामले में न बोलें, क्योंकि उनके शासनकाल में बड़वानी और खरगोन से इससे भी गंभीर मामले सामने आये थे.

अंखफोड़वा कांड में गोपाल भार्गव के सवाल पर मंत्री पीसी शर्मा की नसीहत
छिंदवाड़ा की घटना पर गोपाल भार्गव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के इलाके में ही स्वास्थ्य सुविधाओं की यह स्थिति है तो, बाकी प्रदेश के क्या हाल होंगे. उन्होंने कहा है कि महीने भर पहले इंदौर में भी इस तरह की घटना सामने आई थी, जिसमें 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी और अब छिंदवाड़ा में 4 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है.
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने उन्हें न बोलने की हिदायत देते हुए पीड़ितों की हरसंभव मदद करने और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.डेढ़ माह पूर्व इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंख की रोशनी चले जाने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद भी प्रशासन सजग ओर सचेत नहीं हुआ। इंदौर की घटना से सबक न लेने के कारण ऐसी घटना की पुनरावृत्ति हुई है.
  • मुख्यमंत्री के गृह जिले में आंखफोड़वा कांड बेहद ही शर्मनाक घटना है।
    मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना गंभीर लापरवाही है। @OfficeOfKNath @BJP4MP

    — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक बार फिर गरीब मरीज डॉक्टरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए. यह मामला जनता के प्रति सरकार की गंभीरता को तो दर्शाता ही है, साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है.

  • मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया,
    इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए

    — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया, इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.


भोपाल। इंदौर की घटना के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में आंखफोड़वा कांड सामने आया है. इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए . तो मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई, उन्होंने काह कि बीजेपी और गोपाल भार्गव इस मामले में न बोलें, क्योंकि उनके शासनकाल में बड़वानी और खरगोन से इससे भी गंभीर मामले सामने आये थे.

अंखफोड़वा कांड में गोपाल भार्गव के सवाल पर मंत्री पीसी शर्मा की नसीहत
छिंदवाड़ा की घटना पर गोपाल भार्गव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के इलाके में ही स्वास्थ्य सुविधाओं की यह स्थिति है तो, बाकी प्रदेश के क्या हाल होंगे. उन्होंने कहा है कि महीने भर पहले इंदौर में भी इस तरह की घटना सामने आई थी, जिसमें 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी और अब छिंदवाड़ा में 4 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है.
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने उन्हें न बोलने की हिदायत देते हुए पीड़ितों की हरसंभव मदद करने और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.डेढ़ माह पूर्व इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंख की रोशनी चले जाने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद भी प्रशासन सजग ओर सचेत नहीं हुआ। इंदौर की घटना से सबक न लेने के कारण ऐसी घटना की पुनरावृत्ति हुई है.
  • मुख्यमंत्री के गृह जिले में आंखफोड़वा कांड बेहद ही शर्मनाक घटना है।
    मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना गंभीर लापरवाही है। @OfficeOfKNath @BJP4MP

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एक बार फिर गरीब मरीज डॉक्टरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए. यह मामला जनता के प्रति सरकार की गंभीरता को तो दर्शाता ही है, साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है.

  • मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया,
    इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए

    — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया, इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.


Intro:भोपाल। इंदौर की घटना के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में आंखफोड़वा कांड सामने आया है। इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री के इलाके में ही स्वास्थ्य सुविधाओं की यह स्थिति है। तो बाकी प्रदेश के क्या हाल होंगे,इससे अंदाजा लगाया जा सकता है उन्होंने कहा है कि महीने भर पहले इंदौर में भी इस तरह की घटना सामने आई थी। जिसमें 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी और अब छिंदवाड़ा में 4 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।नेता प्रतिपक्ष के सवाल खड़े किए जाने पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि गोपाल भार्गव और भाजपा इस मामले में नहीं बोले।क्योंकि इनके राज में इंदौर के पास बड़वानी में और खरगोन जिले में इससे गंभीर मामले सामने आए थे। हम पीड़ितों की हर संभव मदद करेंगे, उनका इलाज कराएंगे और इस घटना में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्यवाही की जाएगी।Body:इस घटना को लेकर गोपाल भार्गव ने एक के बाद एक ट्वीट करके सवाल खड़े किए हैं उन्होंने कहा है कि....

जब मुख्यमंत्री के जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं ऐसी है तो प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं किस तरह चरमराई हुई होगी ? इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।...

डेढ़ माह पूर्व इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंख की रोशनी चले जाने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद भी प्रशासन सजग ओर सचेत नहीं हुआ। इंदौर की घटना से सबक न लेने के कारण ऐसी घटना की पुनरावृत्ति हुई है।

एक बार फिर गरीब मरीज डॉक्टरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए। यह मामला जनता के प्रति सरकार की गंभीरता को तो दर्शाता ही है, साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।

मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया,इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए

मुख्यमंत्री के गृह जिले में आंखफोड़वा कांड बेहद ही शर्मनाक घटना है।मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना गंभीर लापरवाही है।Conclusion:नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के सवाल खड़े किए जाने पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि गोपाल भार्गव जी या भाजपा इन मामलों में ना बोले। पूरा मध्य प्रदेश जानता है कि इनके राज में इंदौर और खरगोन जिले में यह सब कांड हो चुके हैं। कोई भी इस मामले में दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़ितों का समुचित इलाज और आर्थिक मदद भी की जाएगी।
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