भोपाल। इंदौर की घटना के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में आंखफोड़वा कांड सामने आया है. इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए . तो मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई, उन्होंने काह कि बीजेपी और गोपाल भार्गव इस मामले में न बोलें, क्योंकि उनके शासनकाल में बड़वानी और खरगोन से इससे भी गंभीर मामले सामने आये थे.
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मुख्यमंत्री के गृह जिले में आंखफोड़वा कांड बेहद ही शर्मनाक घटना है।
— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना गंभीर लापरवाही है। @OfficeOfKNath @BJP4MP
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मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना गंभीर लापरवाही है। @OfficeOfKNath @BJP4MPमुख्यमंत्री के गृह जिले में आंखफोड़वा कांड बेहद ही शर्मनाक घटना है।
— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) October 2, 2019
मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा में शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना गंभीर लापरवाही है। @OfficeOfKNath @BJP4MP
एक बार फिर गरीब मरीज डॉक्टरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए. यह मामला जनता के प्रति सरकार की गंभीरता को तो दर्शाता ही है, साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है.
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मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया,
— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए
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इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिएमरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया,
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इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए
मरीजों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने पर भी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया, इस घटना के पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तथा उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कर, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.