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RTE : गरीब बच्चों को एडमिशन देने वाले प्राइवेट स्कूलों के लिए खुशखबरी, गाइडलाइन जारी - आरटीई के तहत निजी स्कूलों का मामला

शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्रवेश देने वाले प्राइवेट स्कूलों के लिए राहतभरी खबर है. राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र ने इन स्कूलों को गरीब बच्चों की फीस जमा करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. आवश्यक कार्रवाई के बाद स्कूलों को फीस दे दी जाएगी. (proposal for fees submit related RTE )

admission with RTE
आरटीई के तहत प्रवेश
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Published : Mar 16, 2022, 5:48 PM IST

भोपाल। राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की सत्र 2020-21 और सत्र 2021-22 की फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मॉड्यूल 16 मार्च से 16 अप्रैल 2022 तक क्रियाशील रहेगा. प्राइवेट स्कूल यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन कर शुल्क प्रतिपूर्ति एवं भुगतान प्रबंधन आप्शन को चुनकर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार कर सकते हैं. माड्यूल यूजर फ्रेंडली होने के साथ ही पारदर्शिता पर आधारित है.

प्राइवेट स्कूलों को प्रपोजल देने को कहा
राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू ने बताया कि इस सबंध में सभी जिलों के कलेक्‍टर्स को विस्‍तृत निर्देश दिए गए हैं. निर्देशों में सभी प्राइवेट स्कूलों को प्रपोजल तैयार करने की प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराने और पारदर्शी माध्यम से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा गया है. आरटीई पोर्टल www.rteportal.mp.gov.in पर एक माडयूल तैयार किया गया है, जिसे कोई भी देख सकता है.

'शिक्षा का अधिकार' के नाम पर बड़ा घोटाला! जबलपुर में कागजों में चल रहे प्राइवेट स्कूल

कैसे होता है आरटीई के तहत प्रवेश

गौरतलब है कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है. इसमें कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा मे न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटन के उपरांत निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है. प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा सीधे स्कूल को की जाती है. यह प्रतिपूर्ति, प्रति विद्यार्थी निर्धारित व्यय अथवा स्कूल द्वारा ली जाने वाली वास्तविक शुल्क में से जो भी न्यूनतम हो, के अनुसार देय होती है. इस संबंध में बच्चों के आधार सत्यापन तथा संबधित स्कूल के नोडल अधिकारी के वास्तविक सत्यापन के उपरांत जिले से परीक्षण कर सक्षम अधिकारी के स्वीकृति आवश्‍यक होती है.
(proposal for fees submit related RTE )

भोपाल। राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की सत्र 2020-21 और सत्र 2021-22 की फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मॉड्यूल 16 मार्च से 16 अप्रैल 2022 तक क्रियाशील रहेगा. प्राइवेट स्कूल यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन कर शुल्क प्रतिपूर्ति एवं भुगतान प्रबंधन आप्शन को चुनकर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार कर सकते हैं. माड्यूल यूजर फ्रेंडली होने के साथ ही पारदर्शिता पर आधारित है.

प्राइवेट स्कूलों को प्रपोजल देने को कहा
राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू ने बताया कि इस सबंध में सभी जिलों के कलेक्‍टर्स को विस्‍तृत निर्देश दिए गए हैं. निर्देशों में सभी प्राइवेट स्कूलों को प्रपोजल तैयार करने की प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराने और पारदर्शी माध्यम से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा गया है. आरटीई पोर्टल www.rteportal.mp.gov.in पर एक माडयूल तैयार किया गया है, जिसे कोई भी देख सकता है.

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कैसे होता है आरटीई के तहत प्रवेश

गौरतलब है कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है. इसमें कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा मे न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटन के उपरांत निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है. प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा सीधे स्कूल को की जाती है. यह प्रतिपूर्ति, प्रति विद्यार्थी निर्धारित व्यय अथवा स्कूल द्वारा ली जाने वाली वास्तविक शुल्क में से जो भी न्यूनतम हो, के अनुसार देय होती है. इस संबंध में बच्चों के आधार सत्यापन तथा संबधित स्कूल के नोडल अधिकारी के वास्तविक सत्यापन के उपरांत जिले से परीक्षण कर सक्षम अधिकारी के स्वीकृति आवश्‍यक होती है.
(proposal for fees submit related RTE )

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