भोपाल। प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में राज्य सरकार जल्द ही राहत देने जा रही है. राज्य सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने जा रही है. प्रदेश में अभी कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है, जो केन्द्रीय कर्मचारियों से 4 फीसदी कम है. महंगाई भत्ते से प्रदेश के करीब साढ़े 7 लाख कर्मचारी अधिकारियों को लाभ पहुंचेगा.
पेंशनर्स को करना होगा इंतजार: केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है. इसके बाद केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 42 फीसदी हो गया है. हालांकि पूर्व में परंपरा रही है कि केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के साथ ही मध्यप्रदेश में भी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी हो जाती थी, लेकिन कमलनाथ सरकार के समय यह परंपरा टूट गई थी. हालांकि अब फिर इस मामले में राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को राहत दी जा रही है. राज्य सरकार जल्द ही कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी की तैयारी कर रही है. इसके बाद प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 42 फीसदी हो जाएगा. हालांकि प्रदेश के पेंशनर्स को महंगाई भत्ते के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. प्रदेश सरकार को पेंशनर्स के महंगाई भत्ते के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के वित्त विभाग की अनुमति लेनी होती है. जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछली महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर ही अभी तक सहमति नहीं दी है.
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छत्तीसगढ़ से इसलिए लेनी होती है अनुमति: मध्यप्रदेश में पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति लेनी होती है. दरअसल मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) की संवैधानिक बाध्यता के चलते छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना जरूरी होता है. इसमें महंगाई भत्ते की बढोत्तरी से जो आर्थिक भार आता है, उसका 26 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ सरकार जबकि 74 फीसदी हिस्सा मध्यप्रदेश सरकार को उठाना पड़ता है.