भोपाल। इन दिनों मसीहजनों का 40 दिवसीय प्रार्थना और उपवास का आखिरी चरण चल रहा है, गुड फ्राइडे इस साल 10 अप्रैल को मनाया जाएगा. लेकिन इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब प्रभु यीशु के बलिदान दिवस गुड फ्राइडे पर होने वाली विशेष आराधना चर्च में नहीं बल्कि घरों में की जाएगी और साथ ही बलिदान के तीसरे ही दिन होने वाले और पुरुथान दिवस पर भी चर्च में मोमबत्तियां प्रज्वलित नहीं की जाएंगी, इस दिन घर में ही प्रभु यीशु की प्रार्थना का स्थल बनेगा.
बता दें की लॉकडाउन के चलते शहर के कैथोलिक ईसाई समुदाय के सभी चर्च बंद हैं, इसीलिए यहां कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे. वही कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद ही ईश्वर का धन्यवाद करते हुए सामूहिक रूप से ईस्टर पर्व मनाया जाएगा.
वहीं आर्चबिशप ने वर्तमान परिपेक्ष्य में कहा है की सबसे पहला ईस्टर गायन और स्तुति के साथ भीड़भाड़ वाले पूजा स्थल में नहीं हुआ था, बल्कि इस पर पहले शिष्यों को उनके घर में बंद कर दिया गया था और उनके लिए बाहर आना खतरनाक था. पहला ईस्टर डे भी इसी तरह मनाया गया था, उन्होंने कहा इस साल हमें इस बात का अनुभव करना होगा की पहला ईस्टर डे कैसा था तथापि यह विश्वास करने से हम डरते हैं की आशा क्षितिज पर विद्यमान है.
बता दें की आज आर्चबिशप ईसाई समुदाय के लोगों से ऑनलाइन जुड़ेंगे और 10 अप्रैल को एक साथ सभी को ऑनलाइन संदेश देंगे.