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ईद पर कोरोना का कहर, लॉकडाउन से बकरा व्यापार डाउन

कल यानी एक अगस्त को बकरीद का त्योहार है इससे एक दिन पहले बकरों को जमकर खरीदी होती है. इस साल कोरोना वायरस के कहर के बीच बकरा व्यापार भी डाउन है. भोपाल में फिलहाल लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में बकरा मंडी भी नहीं लगी है, जिसके कारण व्यापारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. पढ़िए पूरी खबर..

goat trade down
लॉकडाउन से बकरा व्यापार डाउन
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Published : Jul 29, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 9:36 PM IST

भोपाल। एक अगस्त को मुस्लिम समाज के बड़े त्योहारों में से एक बकरीद है. बकरीद पर भी कोरोना असर देखने को मिल रहा है. कोरोना के बढ़ते मरीज को देखते हुए भोपाल में 25 जुलाई से 5 अगस्त तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के चलते भोपाल में इस बार बकरा मंडी भी नहीं लगी है. जिसके कारण बकरा व्यापारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

लॉकडाउन से बकरा व्यापार डाउन

भोपाल में अब तक 20 फीसदी के करीब ही बकरा का व्यापार देखने को मिला है. बकरा व्यापारियों का कहना है कि पिछली बार की तुलना में इस बार काफी फर्क है. 4 महीने से जो कोरोना काल चल रहा है, ऐसे में लोगों के पास जो जमा पूंजी थी वो लॉकडाउन के दौरान खत्म हो गई है. महंगे बकरे के लिए खरीददार ही नहीं मिल रहे हैं, जो बकरे खरीदने आ रहे हैं वो कम बजट के बकरे मांग रहे हैं. बकरा व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिसके चलते बकरा खरीदी नहीं हो पा रही है.

पिछली बार की तुलना में रेट कम

कोरोना काल में बकरों की जो कीमत है, उसमें भी काफी गिरावट देखने को मिल रही है, जो बकरा पिछली बार 30 हजार में बिका था, उसकी कीमत इस बार 18 से 20 हजार के बीच है. लिहाजा मजबूरी में कम कीमत में पशुपालक को बकरा बेचना पड़ रहा है, क्योंकि बकरीद के सीजन में बकरा नहीं बिकेगा तो बकरे को 1 साल फिर से पालना पड़ेगा, जिससे पशुपालकों का खर्चा और बढ़ जाएगा.

दूसरे प्रदेशों से नहीं आया बकरा

भोपाल की मंडी में दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी मात्रा में व्यापारी बकरा लेकर पहुंचते थे, लेकिन इस बार दूसरे प्रदेशों से गाड़ी नहीं आई है. राजधानी में इस बार 20 फीसदी माल ही बाहर से आया है. राजस्थान में सिरोही, सोजत, गुजरी,अजमेरा, उत्तर प्रदेश से जमना परी, बर्बरी ब्रीड का बकरा आता था, लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण ये ब्रीड का बकरी नहीं आए हैं.

लॉकडाउन के कारण किराए में इजाफा

लॉक डाउन के कारण भोपाल के आसपास से भी बकरे लेकर ग्रामीण भोपाल पहुंचते थे, लेकिन वह भी इस बार नहीं आ पाए, क्योंकि भोपाल मे बाहर से आने वाले को बगैर परमिशन के इजाजत नहीं है. वहीं इस बार ट्रेनों से भी बकरा दूसरे राज्यों से नहीं आया है, क्योंकि पहले के मुकाबले ट्रेन नहीं चल रही हैं. पर्सनल गाड़ी से बकरे बाहर भेजे जा रहे हैं तो उसमें 8 से 10 हजार ज्यादा किराया देना पड़ रहा है.

भोपाल। एक अगस्त को मुस्लिम समाज के बड़े त्योहारों में से एक बकरीद है. बकरीद पर भी कोरोना असर देखने को मिल रहा है. कोरोना के बढ़ते मरीज को देखते हुए भोपाल में 25 जुलाई से 5 अगस्त तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के चलते भोपाल में इस बार बकरा मंडी भी नहीं लगी है. जिसके कारण बकरा व्यापारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

लॉकडाउन से बकरा व्यापार डाउन

भोपाल में अब तक 20 फीसदी के करीब ही बकरा का व्यापार देखने को मिला है. बकरा व्यापारियों का कहना है कि पिछली बार की तुलना में इस बार काफी फर्क है. 4 महीने से जो कोरोना काल चल रहा है, ऐसे में लोगों के पास जो जमा पूंजी थी वो लॉकडाउन के दौरान खत्म हो गई है. महंगे बकरे के लिए खरीददार ही नहीं मिल रहे हैं, जो बकरे खरीदने आ रहे हैं वो कम बजट के बकरे मांग रहे हैं. बकरा व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिसके चलते बकरा खरीदी नहीं हो पा रही है.

पिछली बार की तुलना में रेट कम

कोरोना काल में बकरों की जो कीमत है, उसमें भी काफी गिरावट देखने को मिल रही है, जो बकरा पिछली बार 30 हजार में बिका था, उसकी कीमत इस बार 18 से 20 हजार के बीच है. लिहाजा मजबूरी में कम कीमत में पशुपालक को बकरा बेचना पड़ रहा है, क्योंकि बकरीद के सीजन में बकरा नहीं बिकेगा तो बकरे को 1 साल फिर से पालना पड़ेगा, जिससे पशुपालकों का खर्चा और बढ़ जाएगा.

दूसरे प्रदेशों से नहीं आया बकरा

भोपाल की मंडी में दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी मात्रा में व्यापारी बकरा लेकर पहुंचते थे, लेकिन इस बार दूसरे प्रदेशों से गाड़ी नहीं आई है. राजधानी में इस बार 20 फीसदी माल ही बाहर से आया है. राजस्थान में सिरोही, सोजत, गुजरी,अजमेरा, उत्तर प्रदेश से जमना परी, बर्बरी ब्रीड का बकरा आता था, लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण ये ब्रीड का बकरी नहीं आए हैं.

लॉकडाउन के कारण किराए में इजाफा

लॉक डाउन के कारण भोपाल के आसपास से भी बकरे लेकर ग्रामीण भोपाल पहुंचते थे, लेकिन वह भी इस बार नहीं आ पाए, क्योंकि भोपाल मे बाहर से आने वाले को बगैर परमिशन के इजाजत नहीं है. वहीं इस बार ट्रेनों से भी बकरा दूसरे राज्यों से नहीं आया है, क्योंकि पहले के मुकाबले ट्रेन नहीं चल रही हैं. पर्सनल गाड़ी से बकरे बाहर भेजे जा रहे हैं तो उसमें 8 से 10 हजार ज्यादा किराया देना पड़ रहा है.

Last Updated : Jul 29, 2020, 9:36 PM IST
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