ETV Bharat / state

भोपाल में बिखरी मालवा संस्कृति की महक, उत्तराधिकार में हुई ‘घूमर’ की प्रस्तुति - भोपाल में घूमर नृत्य का प्रदर्शन

पारंपरिक संगीत की साप्ताहिक श्रृंखला उत्तराधिकार में ‘घूमर’ नृत्य की प्रस्तुति की गई, जिसमें मालवा परंपरा की बेहद खूबसूरत झलक दिखाई गई.

Ghoomar dance performance
घूमर नृत्य का प्रदर्शन
author img

By

Published : Aug 31, 2020, 2:37 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की पारंपरिक संगीत की साप्ताहिक श्रृंखला 'उत्तराधिकार' में 30 अगस्त यानी रविवार को ‘घूमर’ नृत्य सहित गान का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल पर किया गया.

ghoomar-dance-performance-in-bhopal
घूमर नृत्य का दृश्य
इस कार्यक्रम में मालवा परंपरा के समवेत नृत्य-गान को प्रस्तुत किया गया. दरअसल यह क्षेत्र राजस्थान और गुजरात की सीमा से लगा प्रदेश का समृद्ध सांस्कृतिक जनपद है, जहां पड़ोसी राज्यों की बोली और व्यव्हार का प्रभाव भी है. मालवी संस्कृति में पर्व-अनुष्ठान, तीज-त्योहार और विविध अवसरों को समारोहित करने की अनूठी परंपरा है. क्षेत्र का गीत-संगीत अपनी सहोदरी बोलियों के साथ मिठास लिए फैला हुआ है. नृत्य-गीत की प्रस्तुति के माध्यम में मालवी जन सामूहिक और स्वतंत्र रूप से अपने परिवेश में जीवन व्यवहार के साथ कला में अभिव्यक्त करते हैं, जिसे दिखाने का प्रयास किया गया है.
ghoomar-dance-performance-in-bhopal
मंच पर बिखरी मालवा संस्कृतिक की छटा
इस पूरी प्रस्तुति में मालवा का मटकी, पनिहारिन, अखाड़ा, संजा लोकगीत और अन्य गीत-संगीत को प्रस्तुत किया गया . साथ ही अकादमी के लिए लोकरंग-2020 के अवसर पर कथक नृत्यांगना प्रतिभा रघुवंशी द्वारा संयोजित किया गया.
ghoomar-dance-performance-in-bhopal
भोपाल में बिखरी मालवा संस्कृति की महक
Ghoomar dance performance
घूमर नृत्य का प्रदर्शन

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की पारंपरिक संगीत की साप्ताहिक श्रृंखला 'उत्तराधिकार' में 30 अगस्त यानी रविवार को ‘घूमर’ नृत्य सहित गान का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल पर किया गया.

ghoomar-dance-performance-in-bhopal
घूमर नृत्य का दृश्य
इस कार्यक्रम में मालवा परंपरा के समवेत नृत्य-गान को प्रस्तुत किया गया. दरअसल यह क्षेत्र राजस्थान और गुजरात की सीमा से लगा प्रदेश का समृद्ध सांस्कृतिक जनपद है, जहां पड़ोसी राज्यों की बोली और व्यव्हार का प्रभाव भी है. मालवी संस्कृति में पर्व-अनुष्ठान, तीज-त्योहार और विविध अवसरों को समारोहित करने की अनूठी परंपरा है. क्षेत्र का गीत-संगीत अपनी सहोदरी बोलियों के साथ मिठास लिए फैला हुआ है. नृत्य-गीत की प्रस्तुति के माध्यम में मालवी जन सामूहिक और स्वतंत्र रूप से अपने परिवेश में जीवन व्यवहार के साथ कला में अभिव्यक्त करते हैं, जिसे दिखाने का प्रयास किया गया है.
ghoomar-dance-performance-in-bhopal
मंच पर बिखरी मालवा संस्कृतिक की छटा
इस पूरी प्रस्तुति में मालवा का मटकी, पनिहारिन, अखाड़ा, संजा लोकगीत और अन्य गीत-संगीत को प्रस्तुत किया गया . साथ ही अकादमी के लिए लोकरंग-2020 के अवसर पर कथक नृत्यांगना प्रतिभा रघुवंशी द्वारा संयोजित किया गया.
ghoomar-dance-performance-in-bhopal
भोपाल में बिखरी मालवा संस्कृति की महक
Ghoomar dance performance
घूमर नृत्य का प्रदर्शन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.