भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 विधानसभा में पारित हो गया है. मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 पेश हुआ. इस बात पर चर्चा के लिए 1 घंटे 30 मिनट का समय था. जिसमें पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया. इस दौरान कांग्रेस ने इस कानून को सिर्फ वर्ग विशेष के लोगों में भय पैदा करने वाला विधेयक बताया. धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि हमने जो बोला वो किया. हमने धारा-370 हटाने के बात कही थी और पूरी की. ट्रिपल तलाक कानून लाने की बात कही थी और हम लेकर आए, लेकिन कांग्रेस सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति करती है. मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शायराना अंदाज में कहा कि कि उन्होंने कहा था, कि कितने अफजल मारोगे हर घर से अफजल निकलेगा, तो हमने कहा था हम उस घर को मारेंगे जिस घर से अफजल निकलेगा.
कांग्रेस ने फैलाया था भ्रम
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसके पहले भी सीएए कानून के दौरान कांग्रेस ने भ्रम फैलाया था. लोगों से उनके तीन पीढ़ी के कागज मांगे जाएंगे और उस दौरान एक चुटकुला भी चलता था कि कागज बकरी खा गई, बकरी को अब्बू खा गए, अब ऐसे में क्या कागज दें. जिस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सख्त लहजे में कहा कि यदि कोई रफीक से रवि बनेगा और शकील से सूरज बनेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा. जो नाम बदलकर हमारी बेटियों को चराते हैं उन्हें नहीं बख्शा जाएगा.
'महिला दिवस पर धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर विधानसभा में होगी चर्चा'
वर्ग विशेष पर दबाब बनाने के लिए ला रहे विधेयक
लव जिहाद विधेयक पर बोलते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने कहा इस बिल का कोई औचित्य नहीं है. सरकार के पास कोई काम नहीं है इसलिए कोई भी विधेयक ला रही है. कोई भी धोखा देकर यदि शादी करता है तो उसको लेकर संविधान में पहले से ही सजा देने की व्यवस्था की गई है. यह सिर्फ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दरबार मे वाहवाही लूटना चाहते हैं. इसलिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की नकल कर मध्यप्रदेश में कानून बना रहे हैं. जबकि इस कानून से सिर्फ वर्ग विशेष के लोगों को सरकार दबाब में लाना चाहती है. दरअसल मध्य प्रदेश में पिछले कई सालों से लव जिहाद को लेकर शिकायतें सामने आ रही थीं जिसके बाद राज्य सरकार ने इस पर कानून बनाने की घोषणा की. एमपी में जब से लव जिहाद को लेकर कानून बना है तब से करीब 23 मामले दर्ज हो चुके हैं. और अब इस कानून पर विधानसभा की भी मुहर लग गई है. सबसे ज्यादा मामले भोपाल मंड़ल में दर्ज हुए.