भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने बीजेपी पर विधानसभा की मर्यादा का उल्लंघन करने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि क्या मध्य प्रदेश की विधानसभा की मर्यादा का उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि विधानसभा संविधान के तहत गठित होती है, उसका अध्यक्ष होता है, क्या बीजेपी ने उसकी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया.
एनपी प्रजापति ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप जिस प्रदेश में हैं, पहले उसके बारे में सोचिए और समझिए. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट नहीं गए थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान पूरे विधायकों के पक्ष में शपथ पत्र देते हैं. अंग्रेजी में दस्तखत करते हैं. हम कौन-कौन से विधायकों के नाम ले, जो अंग्रेजी में दस्तखत करते हैं, लेकिन शिवराज सिंह ने उनके दस्तखत बनाए और कहा कि यह विधायक कोर्ट में नहीं आना चाहते हैं. शिवराज सिंह कोर्ट गए और कहा कि हम आना नहीं चाहते हैं. यहीं से हमारा त्यागपत्र मंजूर कर दीजिए. ऐसा नहीं होता है.
शिवराज सिंह की मांग की थी कि बिना बैंगलुरु में रुके विधायकों के ही फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. विधानसभा के अध्यक्ष ने जो निर्णय दिया था, उसके ऊपर बीजेपी ने यह फैसला लिया था कि 20 मार्च को फ्लोर टेस्ट करवाई जाए. एनपी प्रजापति ने कहा कि शाम को निर्णय होता है, लेकिन रात को तीन बजे कैसे विधायकों पहुंचकर सूचना दें. मतलब यह है कि पहले मेरा अधिकार था, मेरे अधिकार पर आपने ऐसा अधिकार जमा दिया कि जो संविधान पर प्रश्नचिन्ह बन गया.