भोपाल। देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल की के दामों को लेकर प्रदेश के पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार लगातार महंगाई बढ़ाती जा रही है, जिस वजह से आम जनता के ऊपर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमण की वजह से कई लोगों के कामकाज पूरी तरह से ठप हो चुके हैं, यहां तक की तेजी से बेरोजगारी भी बढ़ रही है. इसके बावजूद महंगाई को कम करने का काम केंद्र सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है.
बीजेपी खेल रही सत्ता का खेल
पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि प्रदेश में लगातार ट्रक ऑपरेटरों और बस ऑपरेटरों से ऐसे समय का टैक्स वसूला जा रहा है, जिस समय उनके पास कोई रोजगार ही उपलब्ध नहीं था. वे लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, हड़ताल पर चल रहे हैं, इसके बावजूद भी सरकार अब तक उनकी समस्याओं का निदान नहीं कर पाई है. इस दौरान बीजेपी तो सिर्फ सत्ता के खेल खेलने में लगी हुई है. आने वाले उपचुनाव के दौरान प्रदेश की जनता बीजेपी को करारा जवाब देगी. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जहां एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगातार नए उद्योग स्थापित का राष्ट्रीयकरण किया था तो वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निजी सेक्टर को महत्वता दी जा रही है, जिस वजह से बेरोजगारी का एक बड़ा संकट देश के सामने खड़ा हो रहा है.
नागरिकों को हलाकान कर रहे मोदी
सुखदेव पांसे ने कहा कि कोई भी आम आदमी इस बात को आसानी से समझ सकता है कि ईंधन के भाव बढ़ने की सीधी मार देश के किसानों पर, उद्योगों पर और हर नागरिक के दैनिक जीवन पर पड़ती है. आज जब देश कोविड-19 के संक्रमण की आपदा से गुजर रहा है, तो देश के नागरिकों को सरकार से मदद की दरकार रहती है, लेकिन मोदी तो आपदा को भी सरकार के लिए अवसर में बदलने की बात बोल कर देश की नागरिकों को ही हलाकान करने में लगे हुए हैं.
बीजेपी दे रही उद्योगपतियों को राहत
उन्होंने कहा कि विश्व बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी देश के नागरिकों को इसका लाभ न देकर बीजेपी की सरकार बड़े उद्योगपतियों को राहत देनें में लगी है. पूरे विश्व में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स भारत में लिया जा रहा है. क्रूड ऑयल के रेट 2014 में 100 डाॅलर से भी ज्यादा थे जो कि आज मात्र 40 डाॅलर हैं. लेकिन इसका फायदा मोदी सरकार ने जनता को नहीं दिया. साल 2014 में पेट्रोल पर 9.48 रुपए का टैक्स था और डीजल पर 3.56 रुपए का जो आज बढ़कर पेट्रोल में 32.98 रुपए और डीजल पर 31.83 रूपये हो गया है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 5 जून को पेट्रोल का रेट 77.58 रुपये था वो अब 90 रुपये हो गया है. डीजल का रेट 68.28 रुपए था वो अब 82 रुपए हो गया है. डीजल के बढ़ते रेट के कारण ट्रक ऑपरेटर्स ने अभी हाल ही में तीन दिन की हड़ताल भी की थी. लाॅकडाउन के कारण ट्रक महीनों तक खड़े रहे लेकिन सरकार रोड टैक्स पर लेट पेमेंट पैनल्टी ले रही है.
सुखदेव पांसे ने कहा कि 13 जून 2020 से मध्य प्रदेश में एक रुपए का सेंस भी लगा दिया गया है. जब से केंद्र में मोदी सरकार काबिज हुई है, तब से मंहगाई चरम पर है. खाद्य सामग्री हो, रेल्वे का किराया हो या भाड़ा, किसी भी वस्तु के दामों पर सरकार नियंत्रण नहीं रख पा रही है. विपक्ष में रहकर मोदी ने तेल के 50 पैसे दाम बढ़ने पर भी खूब हो हल्ला मचाया था, जैसे उनके सत्ता में आते ही तेल के दाम बढ़ेंगे ही नहीं.
अब तक के सबसे उच्चतम दाम
उन्होंने कहा कि साल 2014 में कच्चे तेल के दाम 140 डाॅलर प्रति बैरल से भी ज्यादा थे, तब भी डीजल-पेट्रोल के दामों में मनमोहन सिंह की सरकार में इतनी वृद्धि नहीं हुई जितनी आज जब कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 40 डाॅलर प्रति बैरल है. आज 90 रुपए लीटर पेट्रोल और 82 रुपए लीटर डीजल के दाम हो गए हैं जो कि अभी तक के सबसे उच्चतम दाम है.
अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम मोदी सरकार
मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम साबित हुई है और अपने मित्र धन्नासेठों की मदद करने के लिए रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा रहे हैं. देश के जो सरकारी उपक्रम अर्थव्यवस्था प्रदान करते थे, उन्हें एक-एक कर कौड़ी के मोल निजी हाथों में बेचा जा रहा है. ऐसे में जनता की जेब से रुपए निकालने का सबसे आसान रास्ता डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाते चले जाओ, यही मोदी सरकार कर रही है.
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सरकार भर रही अपना खजाना
पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के चलते आर्थिक रूप से टूट चुका है. आंकड़े बताते है कि लगभग 16 करोड़ रोजगार छिन गए हैं. जो जमा पूंजी गरीब और मध्यम वर्ग के पास थी अब वह भी खत्म हो गई है. गरीब और मध्यम वर्ग के लिए परिवार का पालन पोषण कठिन हो गया है. ऐसे में ये वर्ग सरकार से बहुत उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन सरकार की सारी घोषणाएं जुमला साबित हुई है. कोई राहत अभी तक लोगों को प्राप्त नहीं हुई है. उल्टा पेट्रोल-डीजल के मनमाने दाम बढ़ाकर कर सरकार अपना खजाना तो भर रही है लेकिन आम आदमी को कंगाल करने में कोई कसर नही छोड़ रही है. आर्थिक नीति में पूरी तरह विफल सरकार से किसी तरह की आशा रखना बेमानी है.