भोपाल। लंबे मंथन के बाद आखिरकार आज शिवराज मंत्रिमंडल का गठन आज हो चुका है. शिवराज की नई टीम में पूर्व मंत्री संजय पाठक को जगह नहीं मिली है. इसको लेकर संजय पाठक ने कहा कि पार्टी की कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, क्योंकि मौजूदा समय में एक अनार सौ बीमार जैसी परिस्थितियां हैं. मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बाद से ही संजय पाठक को मंत्री बनाए जाने की अटकलों ने तेजी से जोर पकड़ा था, जिस पर अब पूरी तरह विराम लग चुका है. संजय पाठक के अलावा शिवराज सरकार के इस मंत्रिमंडल में कई नेताओं को जगह नहीं मिली है.
शिवराज कैबिनेट में आज 28 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है, जिसमें 20 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल हैं, वहीं पूर्व मंत्री संजय पाठक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. संजय पाठक पहले कांग्रेसी विधायक थे और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी ने उन्हें मंत्री बनाया था और सत्ता परिवर्तन के दौरान भी संजय पाठक की भूमिका अहम थी, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
संजय पाठक का कहना है कि सिंधिया के कारण सरकार बनी है. ऐसे में सिंधिया के लोगों को सम्मान देना जरूरी था. हालांकि संजय पाठक ने एक इशारा जरूर किया है कि जल्दी पार्टी में उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी.
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के दौरान सबसे ज्यादा शिकंजा सरकार ने संजय पाठक के कारोबार पर किया था और सत्ता परिवर्तन के दौरान भी कई बार संजय पाठक पर कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं और अब संजय पाठक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया.