भोपाल। किसान कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस-बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने है. दरअसल कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सत्ता में आई शिवराज सरकार लगातार कमलनाथ सरकार और राहुल गांधी पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते रहे हैं कि कर्जमाफी का वादा कर कमलनाथ सरकार ने किसानों को धोखा दिया है. लेकिन रविवार को कृषि मंत्री कमल पटेल ने कर्जमाफी करने की बात स्वीकार की है. इसे लेकर पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कमल पटेल को धन्यवाद दिया है.
कांग्रेस ने थपथपाई अपनी पीठ
दरअसल, कमलनाथ सरकार गिरने के बाद जब से शिवराज सरकार सत्ता में आई है, तब से लगातार कमलनाथ की सरकार पर आरोप लगा रही है कि कर्ज माफी के नाम उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों से धोखा किया है. कृषि मंत्री कमल पटेल तो एक कदम आगे बढ़कर किसानों से यह कहते रहे कि उन्हें राहुल गांधी और कमलनाथ के खिलाफ कोर्ट जाकर एफआईआर दर्ज कराना चाहिए. क्योंकि इन्होंने 10 दिन में कर्ज माफी का वादा किया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने 15 महीने में भी इसे पूरा नहीं किया लेकिन रविवार को कृषि मंत्री कमल पटेल से रविवार को कर्जमाफी को लेकर सवाल पूछा गया। तो उन्होंने कहा कि कर्जमाफी तो हुई है, लेकिन 2 लाख तक के कर्ज माफ नहीं हुए हैं. उनका बयान आते ही कांग्रेस एक बार फिर से अपनी पीठ थपथपा रही है.
कांग्रेस चरणबद्ध तरीके से कर रही थी कर्जमाफी
कृषि मंत्री कमल पटेल के बयान के बाद कमलनाथ सरकार में कृषि मंत्री रहे सचिन यादव का कहना है कि आज वह कृषि मंत्री कमल पटेल को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने खुद स्वीकार किया कि कांग्रेस ने कर्ज माफी की और यह भी स्वीकार किया कि दो लाख तक के कर्ज माफ हुए हैं. तत्कालीन कमलनाथ सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने लगातार कहा था कि कर्ज माफी योजना चरणबद्ध तरीके से चल रही है और अगर आज कांग्रेस के गद्दारों ने भाजपा का साथ नहीं दिया होता. तो पूरे प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ हो चुका होता. भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करके हमारी किसान हितैषी सरकार को गिरा दिया. अगर भाजपा सच्ची किसान देती है, तो बचे हुए किसानों का कर्ज माफी का लाभ दें.