भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा मजदूरों को और दूसरे राज्यों के लोगों को उनके घर मुफ्त भेजने की व्यवस्था के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. यह आरोप पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने प्रदेश सरकार पर लगाया है. पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार कह रही है कि वह ट्रेन का किराया नहीं ले रही है और मुफ्त में घर पहुंचा रही है यह झूठ है.
दरअसल पीसी शर्मा को जानकारी मिली थी कि भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में बाहर जाने वाले लोगों का पंजीयन किया जा रहा है, लेकिन उनसे पैसों की मांग की जा रही है.सूचना मिलने पर पीसी शर्मा सरोजनी नायडू स्कूल पहुंचे और वहां मौजूद लोगों से उन्होंने बात की, जहां उन्हें पता चला कि प्रति व्यक्ति 625 रूपए किराया लिया गया है. लोगों ने बताया कि इस परेशानी के समय में उनके पास पैसे नहीं हैं और ऐसे में उनसे टिकट का पैसा लिया जा रहा है.
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ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आ चुके है , जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गयी है।
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अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीक़ा ढूँढ लिया गया है।
यह है भोपाल की तस्वीर , जहाँ टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है।
हद है बेशर्मी की - यह है इनकी वास्तविकता
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">ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आ चुके है , जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गयी है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 23, 2020
अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीक़ा ढूँढ लिया गया है।
यह है भोपाल की तस्वीर , जहाँ टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है।
हद है बेशर्मी की - यह है इनकी वास्तविकता
2/2ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आ चुके है , जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गयी है।
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अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीक़ा ढूँढ लिया गया है।
यह है भोपाल की तस्वीर , जहाँ टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है।
हद है बेशर्मी की - यह है इनकी वास्तविकता
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पूर्व मंत्री ने कहा कि यह जो सब हो रहा है, ये घोषणाओं के विपरीत है. केवल घोषणा करने से काम नहीं चलेगा. यहां से जाने वाले लोगों को निशुल्क पास देना चाहिए थी. इसी तरह सड़कों से जाने वाले लोग भी परेशान हैं. उन्हें ट्रक में बैठने के बीच तीन-तीन हजार रूपए देने पड़ रहे हैं. राजस्थान सरकार द्वारा पैसे मांगने पर पीसी शर्मा ने कहा कि वह तो दो रोडवेज का आपस का मामला है, लेकिन रेलवे तो पीएम मोदी की है और पैसे प्रदेश सरकार ले रही है. सरकार को यह नहीं करना चाहिए.
पपीसी शर्मा ने कमलनाथ के ट्वीट को रिट्वीट किया है, जिसमें लिखा है कि कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गयी है. अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीक़ा ढूंढ लिया गया है. यह है भोपाल की तस्वीर, जहां टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है. हद है बेशर्मी की- यह है इनकी वास्तविकता.