भोपाल। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि कंपोजिट शराब दुकानों की नीति के बाद प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या तीन गुनी हो गई है. इसके लिए सरकार ने शराब ठेकेदारों से खूब कमीशन लिया है. वहीं उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी को लेकर हफ्ते दो हफ्ते में शराब की दुकान पर पत्थर चलाती हैं. इसके बाद सीएम उनसे मिलते हैं और वे फिर शांत हो जाती हैं.
अचानक शांत क्यों हो जाती हैं उमाभरती : जीतू पटवारी ने पूछा कि आखिर ऐसा क्या होता है कि उमा भारती इसके बाद कुछ समय शांत रहती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह विवाद शराब ठेकेदारों से कमीशनखोरी का है. उमा भारती और सरकार के बीच शराब के कमीशन को लेकर विवाद चल रहा है. सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है, प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को सरकार नशाखोरी की राह पर लेकर जा रही है.
एमपी के बालाघाट में बड़ा हादसा, कुएं की सफाई करने उतरे 3 सगे भाइयों समेत 5 की मौत
उमा भारती लगातार कर रही हैं विरोध : बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती शराब बंदी को लेकर लगातार अपने सख्त तेवर दिखा रही हैं. भोपाल के गोविंदपुरा क्षेत्र की शराब दुकान पर पत्थर चलाने के बाद उमा भारती ने दो दिन पहले आशिमा मॉल के पास शराब की दुकान और अहाते के पास चौपाल लगाई थी. इस दौरान उमा भारती ने कहा कि अब पत्थर नहीं मारेंगे, पत्थर मारना तो अपराध है, अब कुछ और मारेंगे. हालांकि इसको लेकर पिछले दिनों उमा भारती और मुख्यमंत्री शिवराज की मुलाकात भी हुई थी. (Former minister Jitu Patwari serious allegations) (Umabharti is protesting for commission) (Jugalbandi between liquor contractors and government)