भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के समय स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किए गए अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है. कर्मचारियों को पिछले दिनों अचानक हटा दिया गया था. जिसके बाद अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्यकर्मी भोपाल में धरना दे रहे थे, लेकिन भोपाल पुलिस ने बर्बरता पूर्व लाठीचार्ज कर गिरफ्तार कर लिया था. इन कर्मचारियों ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर अपनी पीड़ा सुनाई थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कमलनाथ ने इन कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में नियमित करने की मांग की है.
6 हजार कोरोना योद्धा परिवारों के सामने खड़ा हुआ आजीविका का संकट
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा है कि संपूर्ण विश्व विगत 1 साल से कोरोना महामारी के प्रकोप का सामना कर रहा है. मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 6 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों की अस्थाई नियुक्ति निश्चित समय के लिए की गई थी. नियुक्ति की अवधि को समय-समय पर बढ़ाया भी गया है. इन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने संपूर्ण कोरोना काल के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना हमारे प्रदेश के आमजन के स्वास्थ्य के लिए अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. इस दौरान अनेक कर्मचारी कोरोना से संक्रमित भी हुए और उनकी मौत भी हुई. स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना योद्धा कह कर सम्मानित भी किया गया. लेकिन अब इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवाएं आपकी सरकार द्वारा समाप्त कर दी गई हैं. जिससे 6000 से अधिक कोरोना परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है.
शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मचारियों से कमलनाथ ने की थी मुलाकात
राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन पर बैठे 500 से अधिक कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था. जिसके बाद शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से अपने बंगले पर मुलाकात की थी. जहां उन्होनें कर्मचारियों से बात की और उनकी समस्या जानी थी. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या को सुलझाने का आश्वासन दिया थी.
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क्या है मामला
फ्रंटलाइन पैरामेडिकल स्टाफ जिसे कोरोना महामारी के दौरान सरकारी सेवाएं देने के लिए बुलाया गया था. उन्हें डेली वेजेस के मुताबिक पैसा दिया गया है. महामारी के दौर में दिन-रात डटे रहे इन कोरोना वॉरियर्स को अब सरकार काम निकलने के बाद बाहर का रास्ता दिखाने में जुट गई है.
अब तक करीब 60 फीसदी कोरोना वॉरियर्स को सरकार बाहर का रास्ता दिखाकर, उनकी सेवाएं भी समाप्त कर चुकी है. ऐसे में अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर शहर के नीलम पार्क में स्वास्थ्यकर्मी धरना दे रहे थे. गुरुवार शाम को भोपाल पुलिस ने उन प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था.