ETV Bharat / state

किसान विरोधी नीतियों को लेकर कमलनाथ का बयान, कहा- किसानों की आजीविका से खिलवाड़ ना करे केंद्र सरकार

केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कृषि और किसान नीतियों का देश भर में विरोध किया जा रहा है. किसान विरोधी फैसलों लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

Former CM Kamal Nath Statement on Anti-farmer policies
किसान विरोधी नीतियों को लेकर कमलनाथ का बयान
author img

By

Published : Sep 24, 2020, 12:06 AM IST

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने केंद्र सरकार की कृषि और किसान विरोधी नीतियों को लेकर एक बयान जारी कर कई मामलों में सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने 2014 के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए गए वादों और किसान विरोधी फैसलों को लेकर अपनी बात रखी है.

Former CM Kamal Nath Statement on Anti-farmer policies
कमलनाथ ने केंद्र सरकार सरकार पर साधा निशाना

कमलनाथ ने कहा कि केंद्र हो या मध्य प्रदेश भाजपा सरकार, किसानों के साथ हमेशा विश्वासघात किया है. किसान मेहनत से लगातार उत्पादन बढ़ा रहे हैं. लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी उपज का उचित दाम मिल सके, ऐसी व्यवस्था नहीं की है. केंद्र सरकार का समर्थन मूल्य घोषित करना भी एक औपचारिकता मात्र रह गया है. केंद्र सरकार किसानों की 23 प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करती है. लेकिन व्यापक पैमाने पर सिर्फ गेहूं और धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है. क्योंकि कांग्रेस की केंद्र सरकार 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून लेकर आई थी और उसके दायरे में देश के 86 करोड़ लोगों को लाया गया था, तब समर्थन मूल्य की खरीद का दायरा बढ़ गया था.

कमलनाथ ने कहा कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य देने का वचन दिया था. लेकिन सरकार में आते ही सुप्रीम कोर्ट में शपथ देकर साफ इंकार कर दिया और कहा कि समर्थन मूल्य से बाजार डिस्टार्ट हो जाएगा. वहीं आज जब केंद्र सरकार द्वारा तीन कानून लाए गए हैं तो किसानों को प्रतीत हो रहा है कि यह कानून उनकी आजीविका का संरक्षण नहीं करते हैं.

कमलनाथ ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने आनन-फानन में रबी सीजन 20, 21, 22 की फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा की है. जिसमें गेहूं के समर्थन मूल्य में सिर्फ 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इसी प्रकार चने में मात्र 4.6 प्रतिशत और जॉब में मात्र 4.9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इससे भी बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार के कृषि लागत और मूल्य आयोग की रिपोर्ट को दें. वहीं इससे पता चलता है कि समर्थन मूल्य निर्धारण करने में लागत मूल्य वही रखा गया है जो पिछले वर्ष था और कई राज्यों में लागत निर्धारित मूल्य से बहुत अधिक है.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने केंद्र सरकार की कृषि और किसान विरोधी नीतियों को लेकर एक बयान जारी कर कई मामलों में सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने 2014 के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए गए वादों और किसान विरोधी फैसलों को लेकर अपनी बात रखी है.

Former CM Kamal Nath Statement on Anti-farmer policies
कमलनाथ ने केंद्र सरकार सरकार पर साधा निशाना

कमलनाथ ने कहा कि केंद्र हो या मध्य प्रदेश भाजपा सरकार, किसानों के साथ हमेशा विश्वासघात किया है. किसान मेहनत से लगातार उत्पादन बढ़ा रहे हैं. लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी उपज का उचित दाम मिल सके, ऐसी व्यवस्था नहीं की है. केंद्र सरकार का समर्थन मूल्य घोषित करना भी एक औपचारिकता मात्र रह गया है. केंद्र सरकार किसानों की 23 प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करती है. लेकिन व्यापक पैमाने पर सिर्फ गेहूं और धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है. क्योंकि कांग्रेस की केंद्र सरकार 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून लेकर आई थी और उसके दायरे में देश के 86 करोड़ लोगों को लाया गया था, तब समर्थन मूल्य की खरीद का दायरा बढ़ गया था.

कमलनाथ ने कहा कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य देने का वचन दिया था. लेकिन सरकार में आते ही सुप्रीम कोर्ट में शपथ देकर साफ इंकार कर दिया और कहा कि समर्थन मूल्य से बाजार डिस्टार्ट हो जाएगा. वहीं आज जब केंद्र सरकार द्वारा तीन कानून लाए गए हैं तो किसानों को प्रतीत हो रहा है कि यह कानून उनकी आजीविका का संरक्षण नहीं करते हैं.

कमलनाथ ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने आनन-फानन में रबी सीजन 20, 21, 22 की फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा की है. जिसमें गेहूं के समर्थन मूल्य में सिर्फ 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इसी प्रकार चने में मात्र 4.6 प्रतिशत और जॉब में मात्र 4.9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इससे भी बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार के कृषि लागत और मूल्य आयोग की रिपोर्ट को दें. वहीं इससे पता चलता है कि समर्थन मूल्य निर्धारण करने में लागत मूल्य वही रखा गया है जो पिछले वर्ष था और कई राज्यों में लागत निर्धारित मूल्य से बहुत अधिक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.