भोपाल। कोरोना संकट के बीच में किसानों की फसल खरीदी का काम भी शुरू हो चुका है. ताकि इन विषम परिस्थितियों में किसानों को परेशानी ना उठानी पड़े. लेकिन मंडियों में प्याज के दाम अचानक काफी नीचे आने पर किसान बेहद परेशान नजर आ रहा है. क्योंकि प्रदेश की ज्यादातर मंडियों में प्याज का दाम बेहद कम मिल रहा है. ऐसी स्थिति में किसान की लागत भी नहीं निकल पा रही है. तो कई जगह किसान की प्याज रखे-रखे ही खराब हो रही है. किसानों को प्याज के कम दाम मिलने पर प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री ने सरकार के रवैए पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्याज प्रोत्साहन योजना प्रदेश में लागू करते हुए प्याज का क्रय किया जाए, ताकि प्रदेश के किसानों को प्याज का सही दाम मिल सके.
इस दौरान उन्होंने रतलाम के जावरा मंडी का जिक्र भी किया है. जहां प्याज 1.50 रूपए प्रति किलो के भाव से बिकी है, जो शायद प्रदेश में प्याज का सबसे न्यूनतम दाम बताया जा रहा है. हालांकि प्रदेश में इस वर्ष प्याज की फसल काफी बेहतर हुई है, लेकिन जिस तरह के दाम मंडियों में मिल रहे हैं उसकी वजह से किसान का मंडी में आने-जाने का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. लागत निकलना तो अब दूर की बात नजर आ रही है. पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने इस मामले को लेकर ट्वीट भी किया है.
प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि रतलाम के जावरा मंडी में प्याज 1.50 रूपए किलो प्याजा बिका मतलब 1 क्विंटल के मात्र 150 रू किसान को मिले. इसमें तो किसान को मंडी आने जाने का भाड़ा भी नहीं निकलेगा. लागत मूल्य तो बहुत दूर की बात है, ऐसे में किसान फिर से भारी कर्ज के बोझ तले दबता चला जाएगा. उन्होंने कहा कि प्याज को लेकर किसान अभी भी प्रदेश में लगातार परेशान हो रहा है जरूरत है कि ऐसे समय पर सरकार आगे आए और व्यवस्थाओं को बेहतर करें.
पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि प्रदेश के प्याज उत्पादक किसान सरकार की उदासीनता की वजह से गुस्से में हैं. हमारी सरकार ने "मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना" के अंतर्गत किसानों से प्याज खरीदा था. मैं सीएम शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध करता हूं कि वह इस संकट की घड़ी मे इस योजनांतर्गत प्याज क्रय कर किसानों को राहत प्रदान करें. ताकि किसानों को थोड़ी राहत मिल सके .