भोपाल। लॉकडाउन के बाद नेशनल पार्क को भी आम लोगों के लिए 23 जुलाई से बंद कर दिया गया है. यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर किसी भी तरह का बड़ा आयोजन नहीं किया गया. इस दौरान वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर वन मंत्री कुंवर विजय शाह पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने वाले थे, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में परिवर्तन कर खुद ही वन विहार पहुंचकर भाग लिए, इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे.
वन मंत्री बाघ दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल
ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में बाघों को पुर्नस्थापित करने के प्रयास बेहतर वन्य प्राणी प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण है. इसके लिए उन्होंने तत्कालीन क्षेत्र संचालक श्रीनिवास मूर्ति को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कर्मठ अधिकारी को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार देने की पहल की जानी चाहिए. इस सिलसिले में प्रमुख सचिव वन से आवश्यक कदम उठाने के लिए भी कहा है.
प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा गौरव की बात
मंत्री ने कहा कि बाघों की संख्या के मामले में देश भर में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है. वर्ष 2018 की बाघ जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में 526 बाघ हैं, जिनमें सर्वाधिक बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हैं. मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने से प्रदेश का गौरव बढ़ा है और इसे बरकरार रखना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है. निश्चित रूप से बेहतर व्यवस्थाएं पिछले कुछ वर्षों में लगातार की गई हैं. जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं.
यही वजह है कि प्रदेश में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. मध्यप्रदेश बाघों के लिए सबसे अधिक सुरक्षित राज्य बन गया है. आगामी बाघ जनगणना में भी सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में ही होंगे. हमें वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए दृढ़-संकल्पित होना होगा. मंत्री ने वन्य प्राणियों से संबंधित वृत्तचित्र, पुस्तिकाओं और पोस्टर का विमोचन किया और मध्यप्रदेश टाइगर फॉउंडेशन सोसाइटी द्वारा पिछले तीन माह में आयोजित क्विज प्रतियोगिता में गुरूग्राम की शेफाली शुक्ला को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 7 हजार रुपए की पुरस्कार राशि और प्रमाण-पत्र भी जारी किया.