भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन अवधि में वन विभाग ने विभिन्न स्तरों पर लगभग 2 लाख मास्क, 45 हजार सेनिटाइजर बॉटल, 55 हजार साबुन, 6 हजार फूड पैकेट्स और अस्थाई क्वॉरेंटाइन सेंटर्स बनाने के लिए 3 हजार बांस-बल्ली वितरित की हैं. इसके अलावा भोपाल, शहडोल, इंदौर और उज्जैन के विभागीय गेस्ट हाउस के साथ ही 22 बोलेरो वाहन प्रशासन को सौंपे गए हैं. वन विभाग के 1 हजार 522 कर्मचारी भी पुलिस और प्रशासन के साथ ड्यूटी कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री राहत कोष में वन अधिकारियों-कर्मचारियों ने कोरोना से निपटने के लिए अब तक 30 लाख रुपये की राशि दान दी है. विभाग ने सागर, भोपाल, छिंदवाड़ा, बैतूल, शिवपुरी, खंडवा, इंदौर, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, उज्जैन, होशंगाबाद, रीवा और ग्वालियर वनवृत्तों में 3 हजार से ज्यादा जागरुकता शिविरों का भी आयोजन किया है.
वन विभाग द्वारा वनवासियों और वन समिति के सदस्यों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, इन्ही केन्द्रों पर पूर्व में सिलाई प्रशिक्षण और सिलाई मशीन प्राप्त महिलाएं आज प्रदेश में मास्क की कमी को पूरा कर रही हैं. वन विभाग केन्द्र शासन की गाइडलाइन के अनुसार इन महिलाओं को प्रति मास्क 5 रुपये की दर से सहायता प्रदान कर रहा है. अभी तक बैतूल वन वृत्त में 59 हजार, सीहोर में 36 हजार, भोपाल में 35 हजार, होशंगाबाद में 20 हजार मास्क तैयार किए गए हैं.
वन रोपणियों में कोरोना का एक भी केस नहीं
अपर प्रधान मुख्य संरक्षक पीसी दुबे ने बताया कि प्रदेश की 171 रोपणियों में प्रतिदिन ढाई हजार श्रमिक काम कर रहे हैं, इन्हें जागरुक करने के साथ ही, नि:शुल्क मास्क, सेनिटाइजर, साबुन आदि बांटे गए हैं. ये अपने घर, परिवार और गांव को भी जागरुक कर रहे हैं. यही कारण है कि अभी तक इनमें और इनके परिवार में कोरोना का एक भी केस देखने में नहीं आया है.