भोपाल। क्राइम ब्रांच भोपाल में फर्जी तरीके से संस्थाये बनाने और विदेशी अनुदान प्राप्त कर गबन करने के मामले में भोपाल स्थित रजिस्टर्ड संस्था एफसीआरए, सेंट जॉन इवेन्जिलिकल लूथरन चर्चेस इन और ईएलसीइन एमपी, छिंदवाडा के 11 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामले की शिकायत डॉक्टर निशिकांत विश्वास ने लिखित में पुलिस से की थी.
संस्थाओं के कुल 11 गवर्निग सदस्यों ने अवैध रूप से विदेशी अनुदान/फंड संस्था के खाते में प्राप्त कर अनुदान को नियम विरूद्ध तरीके से अन्य बैंक खातों में ट्रान्सफर किया गया. साथ ही संस्था के सभी सदस्यों द्वारा मिली भगत कर संस्था की अचल सम्पत्तियों को भी धोखाधडी से बेचा गया.
ये है आरोपी
- अनिल मार्टिन
- ई पंचू
- नितिन सहाय
- एसके सुक्का
- अनिल मैथ्यूस
- जीटी विश्वास
- अशोक चौकसे
- डीए प्रसाद
- अशोक कुमार
- डीडी खलको
- शिवाजी पोकालो
कैसे मिली जानकारी
आरोपी अनिल मार्टिन द्वारा सेंट जॉन इवेन्जिलिकल लूथरन चर्चेस इन गोविन्दपुरा डी सेक्टर भोपाल के नाम पर रजिस्टर्ड किया गया था, जिसमें स्वयं अनिल मार्टिन प्रबंधक है. जिसकी जानकारी लोक सूचना अधिकार के तहत लेने पर पाया गया कि सम्पूर्ण गोविन्दपुरा क्षेत्र में इस नाम से कोई संस्था संचालित नहीं है.
2017 में गृह मंत्रालय ने किया था ब्लैकलिस्टेड
आरोपी अनिल मार्टिन ने सेंट जॉन इवेन्जिलिकल लूथरन चर्चेस इन का रजिस्ट्रेशन, फर्म एवं सोसायटी में रजिस्टर्ड संस्था ईएलसीइन एमपी छिंदवाडा के नाम पर ही करवाया है. जबकि छिंदवाडा की इस संस्था को वर्ष 2015 एवं 2017 में गृह मंत्रालय ब्लैकलिस्टेड कर दिया था. बाबजूद इसके संस्था में अवैध रूप से विदेशी अनुदान प्राप्त कर दुरूपयोग किया है.
प्रकरण न्यायालय में होने के बाद भी अनुदान प्राप्त किया
आरोपी अनिल मार्टिन के विरूद्ध थाना चौराई जिला छिंदवाडा में वन संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध होकर प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी संस्था में चीफ फंक्शनरी के रूप में संचालन करते हुए अवैध रूप से विदेशी अनुदान प्राप्त किया जा रहा है.
करोड़ों रुपये का लिया अवैध लाभ
संस्थाओं को फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन करवाने, संस्था की अचल सम्पत्तियों को बेचने से संबंधित फर्जी दस्तावेज षडयंत्र पूर्वक तैयार किये जाकर करोड़ों रूपयों का अवैध लाभ अर्जित किया गया. इस ब्लेकलिस्टेड संस्था के नाम पर अलग-अलग नामो से नियमविरूद्ध तरीके से संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन करवाकर अवैध रूप से विदेशी अनुदान प्राप्त किया.