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पाक से थे तंग तो ली भारत में शरण, 30 साल का लम्बा इंतजार लाया रंग, मिल गई नागरिकता

भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए पाकिस्तान से आए लोगों ने लम्बा इंतजार किया. आखिरकार जब सूबे के गृहमंत्री ने नागरिकता प्रमाण पत्र थमाया तो राहत की सांस ली. इन छह को पाकिस्तान में बिताए वो पल भी याद आ गए जिससे छुटकारे के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी.

Indian Citizenship after a long wait
मिल गई नागरिकता!
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Published : Jul 7, 2021, 12:24 PM IST

भोपाल। भारत की नागरिकता के लिए सालों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद आखिरकार 6 पाकिस्तान नागरिकों को भारत की नागरिकता मिल गई. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में रह रहे छह पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की नागरिकता के सर्टिफिकेट सौंपे.

सालों बाद मिली नागरिकता से भारत में रह रहे नागरिकों के चेहरे खुशी से खिल उठे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन्होंने नारकीय जीवन बिताया. करीब 30 साल पहले भागकर भारत आए और अब कहीं जाकर वे भारतीय नागरिक बन गए हैं.

30 साल से थी आस

करीब 30 साल पहले पाकिस्तान से मध्यप्रदेश के मंदसौर आए अर्जुन दास बताते हैं कि वे पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते थे. उन्हें हमेशा डर के माहौल में रहना पड़ता था. भारत में जब भी दंगे फसाद होते या पाकिस्तान विरोधी माहौल होता तो इसका खामियाजा पाकिस्तान में रहने वाले हम जैसे लोगों को भुगतना पड़ता था.

बहू बेटियों की इज्जत का था सवाल

हिंदू मंदिर जलाए जाते हमारी बहू बेटियों से बदसलूकी होती. काम धंधा करना भी मुश्किल हो गया. इससे परेशान होकर 1990 में पाकिस्तान से भागकर भारत आ गए. मध्यप्रदेश के मंदसौर में कुछ रिश्तेदार रहते थे तो वही शिफ्ट हो गए. पिछले करीब 20 सालों से भारत की नागरिकता के लिए लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे अब कहीं जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है.

चेहरे अलग पर कहानी लगभग एक

करीब 20 साल पहले भारत केशव लाल आडवाणी भी इन छह में से एक हैं. कई सालों से भारत की नागरिकता के लिए परेशान थे और अब वो सपना पूरा हुआ. वे कहते हैं कि अब वे भारतीय हो चुके हैं उन्हें भारत में वोट डालने का अधिकार मिलेगा और वे तमाम दस्तावेज बनवा सकेंगे.

नंदलाल पंजवानी ने भी बताया दर्द

भोपाल के बैरागढ़ में पिछले 30 सालों से रह रहे नंदलाल पंजवानी कहते हैं उन्हें करीब 31 साल रहते हुए हो गए हैं और अब जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है. अभी तक भारत की नागरिकता ना मिलने की वजह से उन्हें हर 2 साल में अपना रिकॉर्ड विदेश मंत्रालय भेजना होता था.

उनकी मां और भाई बहुत पहले ही भारत आ गए थे लेकिन वह पाकिस्तान में ही रुक गए थे लेकिन जब पाकिस्तान में हालात ज्यादा बिगड़ने लगे तो अपना मकान आदि सब वहीं छोड़कर मैं भारत आ गए.

करीब 2000 पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी रहते हैं यहां

करीब 2000 पाकिस्तानी मध्यप्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में पाकिस्तान से आए करीब 2000 नागरिक रह रहे हैं. भोपाल के बैरागढ़ में ऐसे बड़ी संख्या में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए नागरिक रहे हैं, जिन्हें भारत की नागरिकता का इंतजार है. 6 नागरिकों को भारत की नागरिकता मिलने के बाद उन्हें उम्मीद है कि जल्दी इन्हें भी भारत की नागरिकता प्राप्त होगी.

भोपाल। भारत की नागरिकता के लिए सालों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद आखिरकार 6 पाकिस्तान नागरिकों को भारत की नागरिकता मिल गई. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में रह रहे छह पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की नागरिकता के सर्टिफिकेट सौंपे.

सालों बाद मिली नागरिकता से भारत में रह रहे नागरिकों के चेहरे खुशी से खिल उठे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन्होंने नारकीय जीवन बिताया. करीब 30 साल पहले भागकर भारत आए और अब कहीं जाकर वे भारतीय नागरिक बन गए हैं.

30 साल से थी आस

करीब 30 साल पहले पाकिस्तान से मध्यप्रदेश के मंदसौर आए अर्जुन दास बताते हैं कि वे पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते थे. उन्हें हमेशा डर के माहौल में रहना पड़ता था. भारत में जब भी दंगे फसाद होते या पाकिस्तान विरोधी माहौल होता तो इसका खामियाजा पाकिस्तान में रहने वाले हम जैसे लोगों को भुगतना पड़ता था.

बहू बेटियों की इज्जत का था सवाल

हिंदू मंदिर जलाए जाते हमारी बहू बेटियों से बदसलूकी होती. काम धंधा करना भी मुश्किल हो गया. इससे परेशान होकर 1990 में पाकिस्तान से भागकर भारत आ गए. मध्यप्रदेश के मंदसौर में कुछ रिश्तेदार रहते थे तो वही शिफ्ट हो गए. पिछले करीब 20 सालों से भारत की नागरिकता के लिए लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे अब कहीं जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है.

चेहरे अलग पर कहानी लगभग एक

करीब 20 साल पहले भारत केशव लाल आडवाणी भी इन छह में से एक हैं. कई सालों से भारत की नागरिकता के लिए परेशान थे और अब वो सपना पूरा हुआ. वे कहते हैं कि अब वे भारतीय हो चुके हैं उन्हें भारत में वोट डालने का अधिकार मिलेगा और वे तमाम दस्तावेज बनवा सकेंगे.

नंदलाल पंजवानी ने भी बताया दर्द

भोपाल के बैरागढ़ में पिछले 30 सालों से रह रहे नंदलाल पंजवानी कहते हैं उन्हें करीब 31 साल रहते हुए हो गए हैं और अब जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है. अभी तक भारत की नागरिकता ना मिलने की वजह से उन्हें हर 2 साल में अपना रिकॉर्ड विदेश मंत्रालय भेजना होता था.

उनकी मां और भाई बहुत पहले ही भारत आ गए थे लेकिन वह पाकिस्तान में ही रुक गए थे लेकिन जब पाकिस्तान में हालात ज्यादा बिगड़ने लगे तो अपना मकान आदि सब वहीं छोड़कर मैं भारत आ गए.

करीब 2000 पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी रहते हैं यहां

करीब 2000 पाकिस्तानी मध्यप्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में पाकिस्तान से आए करीब 2000 नागरिक रह रहे हैं. भोपाल के बैरागढ़ में ऐसे बड़ी संख्या में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए नागरिक रहे हैं, जिन्हें भारत की नागरिकता का इंतजार है. 6 नागरिकों को भारत की नागरिकता मिलने के बाद उन्हें उम्मीद है कि जल्दी इन्हें भी भारत की नागरिकता प्राप्त होगी.

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