भोपाल। ‘पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः। पितरि प्रीतिमापन्ने सर्वाः प्रीयन्ति देवता।।’ अर्थात् पिता ही धर्म है, पिता ही स्वर्ग है और पिता ही सबसे श्रेष्ठ तपस्या है. पिता (Father) के प्रसन्न हो जाने पर सारे देवता प्रसन्न हो जाते हैं. हमारे देश के विभिन्न ग्रंथ पिता (Father's day) की महत्ता को इसी तरह परिभाषित करते हैं. हमारे ही यहां क्यों बल्कि दुनिया के हर कोने में डैड (Dad), पापा (Papa) या पा को बच्चों का सुपरमैन (Father is Superman) कहा जाता है. इसी सुपरमैन की छवि ने शायद सोनोरा स्मार्ट डॉड को फादर्स डे (Fathers day 2021) मनाने की प्रेरणा दी. या यूं कहें प्रेरणा तो उनके घर में ही थे, जिनकी वजह से आज सब सोनोरा को धन्यवाद (Thank You Sonora)कहते हैं.
सोनोरा तुम्हें thanks a lot! (Sonora Smart Dodd)
दुनिया का हर बच्चा सोनोरा को शुक्रिया अदा करता है, क्योंकि अगर उसकी कोशिशें न होतीं तो हर वर्ष जून के तीसरे संडे (Third Sunday) को हमें Papa को Happy Father's Day कहने का सौभाग्य न मिलता. दरअसल,इसकी अवधारणा का श्रेय सोनोरा को ही जाता है, उसके बारे में मशहूर है कि उन्हें इसकी प्रेरणा 1909 में मदर्स डे से मिली थी। चर्च में धार्मिक उपदेश के दौरान उन्हें जानने का मौका मिला कि कैसे अन्ना जार्विस ने 1907 में अपनी मां के सम्मान में मदर्स डे मनाने की पहल की थी। इसके बाद ही उन्होंने सोचा कि अगर मदर्स डे हो सकता है तो फादर्स डे (Happy Fathers day) क्यों नहीं?
क्या किया सोनोरा ने? (Father's day decision)
सोनोरा अपने सिंगल पैरेंट पिता (Single Parent) के अथक प्रयास से अविभूत हुईं. मां की मौत के बाद पिता ने उन्हें और उनके पांच भाई बहनों को बड़े लाड से पाला. पिता अमेरिकी सेना में सैनिक थे. अपने व्यावसायिक और पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन उन्होंने पूरी इमानदारी से किया. बच्चों की परवरिश की. बेटी पिता की मुश्किलातों को समझते और देखते हुए बड़ी हुई. जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि उन्होंने धार्मिक प्रवचन सुनने के बाद church के Fathers से संपर्क किया. मर्दस डे की तर्ज पर फादर्स डे की बात कही. इसके लिए अपने पिता की जन्मतिथि 5 जून को चुना. लेकिन आगे चलकर जून के तीसरे रविवार को यह खास दिन मनाने की परंपरा शुरू हुई. यह खास दिन आज पूरी दुनिया में मानाया जा रहा है, जब बच्चे अपने पिता के प्रति प्यार और सम्मान को प्रदर्शित करते हैं.
एक और कहानी है इससे जुड़ी (Story Related to Father's Day)
सोनोरा की कहानी से इतर एक और कहानी भी है Father's Day Celebration की. जिसके मुताबिक इसका संबंध अमेरिका में साल 1907 में हुए एक खनन हादसे से है. जिसमें जान गंवाने वाले तकरीबन 250 पुरुष ऐसे थे, जो किसी न किसी के पिता थे और इस हादसे में उनकी मौत ने उनके परिवार व बच्चों को तोड़कर रख दिया. इस मत के अनुसार, तभी से फादर्स डे मनाए जाने की शुरुआत हुई.
वर्जीनिया में हुआ था हादसा (tragic accident)
यह खनन हादसा (1907 Coal Mine Accident) दिसंबर 1907 में वेस्ट वर्जीनिया (West Virginia) के मोनोगाह (Monongah) में हुआ था, जिसमें 361 पुरुषों की जान गई थी. इनमें से 250 पुरुष बाल-बच्चेदार थे, जिनके निधान ने उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचा. जिन लोगों ने इस हादसे (Tragic Accident) में अपने पिताओं (Fathers) को खोया था, उनमें ग्रेस गोल्डन क्लेटन (Grace Golden Clayton)भी थी. बताया जाता है कि 5 जुलाई 1908 को वह वेस्ट वर्जीनिया के विलियम्स मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च साउथ (Williams Memorial Church), जो अब सेंट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च, के तौर पर जाना जाता है, में अपने दिवंगत पिता (Late Father)के लिए प्रार्थना कर रही थीं, जब उन्होंने पादरी रॉबर्ट थॉमस वेब के सामने यह प्रस्ताव रखा कि उन्हें उन सभी पिताओं को सम्मान देना चाहिए, जिनकी मौत ने उनके बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया है. क्लेटन ने इसके लिए अपने पिता की जन्मतिथि के आसपास पड़ने वाले रविवार का दिन चुना और यहीं से फादर्स डे (Father's day) की शुरुआत हुई.
इन देशों में मनता है Fathers day
सभी देश एक ही तिथि पर पिता दिवस नहीं मनाते हैं। भारत, अमेरिका और कुछ अन्य देशों में जून के तीसरे रविवार (20 जून) को पिता दिवस मनाया जाता है। पुर्तगाल, स्पेन, क्रोएशिया और इटली सहित अन्य देशों ने 19 मार्च का दिन पिता को समर्पित किया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी और पापुआ न्यू गिनी में सितंबर माह में पिता दिवस मनाया जाता है।