भोपाल। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने और कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर किसानों ने नए यंत्र जबरदस्ती थोपे जाने का आरोप लगाया है. इसे लेकर प्रदेशभर से आए किसान कृषि मंत्री सचिन यादव से मिलने पहुंचे. किसानों ने आरोप लगाया कि कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा अनाज से कंकड़ अलग करने और ग्रेडिंग मशीन ना लेने पर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं.
किसानों का कहना है कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है. किसानों ने आरोप लगाया कि एक लाख 40 हजार में मिलने वाली क्लीनिंग कम ग्रेटर मशीन को 6 लाख 64 हजार रुपए में खरीदने की शर्त रखी है. ये हाल तब है जब इस मशीन की किसानों को जरूरत ही नहीं है. इस मशीन को नहीं लेने के लिए किसानों ने कस्टम हायरिंग सेंटर्स के लिए जो आवेदन किए थे, उन्हें भी निरस्त कर दिया गया है, लिहाजा भोपाल पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है और जो मशीन 6 लाख 50 हजार में दी जा रही है, वह बाजार में इससे कहीं कम कीमत पर उपलब्ध है.
उधर कृषि मंत्री सचिन यादव ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि एक-दो दिनों में असमंजस की स्थिति दूर हो जाएगी.