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किसानों ने किया कृषि मंत्री के बंगले का घेराव, कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर लगाए गंभीर आरोप

कस्टम हायरिंग सेंटर्स की मनमानी से परेशान किसान भोपाल पहुंचे और कृषि मंत्री सचिन यादव के बंगले का घेराव किया. किसानों का आरोप है कि उन पर जबरदस्ती नए यंत्र थोपे जा रहे हैं.

किसानों ने किया कृषि मंत्री के बंगले का घेराव
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Published : Nov 19, 2019, 8:43 AM IST

भोपाल। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने और कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर किसानों ने नए यंत्र जबरदस्ती थोपे जाने का आरोप लगाया है. इसे लेकर प्रदेशभर से आए किसान कृषि मंत्री सचिन यादव से मिलने पहुंचे. किसानों ने आरोप लगाया कि कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा अनाज से कंकड़ अलग करने और ग्रेडिंग मशीन ना लेने पर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं.

किसानों ने किया कृषि मंत्री के बंगले का घेराव

किसानों का कहना है कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है. किसानों ने आरोप लगाया कि एक लाख 40 हजार में मिलने वाली क्लीनिंग कम ग्रेटर मशीन को 6 लाख 64 हजार रुपए में खरीदने की शर्त रखी है. ये हाल तब है जब इस मशीन की किसानों को जरूरत ही नहीं है. इस मशीन को नहीं लेने के लिए किसानों ने कस्टम हायरिंग सेंटर्स के लिए जो आवेदन किए थे, उन्हें भी निरस्त कर दिया गया है, लिहाजा भोपाल पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है और जो मशीन 6 लाख 50 हजार में दी जा रही है, वह बाजार में इससे कहीं कम कीमत पर उपलब्ध है.

उधर कृषि मंत्री सचिन यादव ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि एक-दो दिनों में असमंजस की स्थिति दूर हो जाएगी.

भोपाल। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने और कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर किसानों ने नए यंत्र जबरदस्ती थोपे जाने का आरोप लगाया है. इसे लेकर प्रदेशभर से आए किसान कृषि मंत्री सचिन यादव से मिलने पहुंचे. किसानों ने आरोप लगाया कि कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा अनाज से कंकड़ अलग करने और ग्रेडिंग मशीन ना लेने पर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं.

किसानों ने किया कृषि मंत्री के बंगले का घेराव

किसानों का कहना है कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है. किसानों ने आरोप लगाया कि एक लाख 40 हजार में मिलने वाली क्लीनिंग कम ग्रेटर मशीन को 6 लाख 64 हजार रुपए में खरीदने की शर्त रखी है. ये हाल तब है जब इस मशीन की किसानों को जरूरत ही नहीं है. इस मशीन को नहीं लेने के लिए किसानों ने कस्टम हायरिंग सेंटर्स के लिए जो आवेदन किए थे, उन्हें भी निरस्त कर दिया गया है, लिहाजा भोपाल पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है और जो मशीन 6 लाख 50 हजार में दी जा रही है, वह बाजार में इससे कहीं कम कीमत पर उपलब्ध है.

उधर कृषि मंत्री सचिन यादव ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि एक-दो दिनों में असमंजस की स्थिति दूर हो जाएगी.

Intro:ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने और कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर किसानों ने नए यंत्र जबरदस्ती थोपे जाने का आरोप लगाया है। इसको लेकर प्रदेशभर से आए किसान कृषि मंत्री सचिन यादव से मिलने पहुंचे। किसान ने आरोप लगाया कि कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा अनाज से कंकड़ अलग करने और ग्रेडिंग मशीन ना लेने पर उनकी आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है।


Body:किसानों ने आरोप लगाया कि एक लाख 40 हजार में मिलने वाली क्लीनिंग कम ग्रेटर मशीन को ₹664000 में खरीदने की शर्त जोड़ी क्या रही है इससे प्रति मशीन 5 लाख 24000 ज्यादा किसानों से ज्यादा ऐंठे जाएंगे। वह भी तब जब इस मशीन की किसानों को जरूरत ही नहीं है। यह मशीन ना देने पर कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए जिन पर किसानों ने आवेदन किए थे उन्हें निरस्त किया जा रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि सेंटर के लिए सिर्फ एक ही कंपनी को पात्र बताया जा रहा है और जो मशीन 6 लाख 50 हज़ार में दी जा रही है वह बाजार में इससे कहीं कम कीमत पर उपलब्ध है किया जा रहा है। उधर कृषि मंत्री सचिन यादव ने किसानों वह रोसा दिलाया है कि एक दो दिन में असमंजस की स्थिति दूर हो जाएगी।


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