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जिंदगी की जद्दोजहद! सांसों के इंतजाम में चार घंटे भटकते रहे परिजन

एमपी के भोपाल में अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे है. ऐसे में अस्पताल मरीजों के परिजनों को नोटिस थमा दे रहे हैं और मरीज को कहीं और शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं. वहीं गुरुवार को मरीज के लिए ऑक्सीजन के इंतजाम में चार घंटे भटकते रहे.

oxygen crisis
ऑक्सीजन की किल्लत
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Published : Apr 22, 2021, 8:26 PM IST

भोपाल। राजधानी में कोरोना की चपेट में मरीजों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे ऑक्सीजन आपूर्ति के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. यहां सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में मरीज को जीवनदायिनी ऑक्सीजन के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ रही है. इसके बावजूद भी मरीज को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. मरीज के परिजन बदहवास होकर इलाज के लिए ऑक्सीजन को ढूंढने निकल पड़ते हैं. अपने निजी वाहनों से या किराए के वाहनों से कई किलोमीटर दूर जाकर ऑक्सीजन भरकर ला रहे हैं इसके लिए भी उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है.

ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे अस्पताल.

अस्पतालों में नहीं बची ऑक्सीजन
अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने के कारण प्रबंधन द्वारा मरीज को अस्पताल से घर ले जाने के नोटिस भी दिए जा रहे हैं. परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत खराब है. ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है लेकिन अस्पताल वाले यह कह रहे हैं कि हमारे पास ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है इसलिए अब हम मरीज को यहां नहीं रख सकते. मरीज के परिजनों को यह जानकारी नोटिस के रूप में हाथ में भी थमा दी जा रही है.

hospital giving notice
परिजनों को नोटिस थमा रहे अस्पताल.

अस्पताल ने मरीज को घर ले जाने का थमाया नोटिस
रायसेन रोड पर पिपलानी क्षेत्र में स्थित अनंत श्री हॉस्पिटल में अब्दुल्लागंज के सज्जन नागर ने अपने रिश्तेदार को भर्ती कराया है. वह कोरोना संक्रमित है. उनकी पल्स रेट कम है और ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है लेकिन उन्हें आज अस्पताल द्वारा नोटिस दिया गया है कि वह अपने मरीज को यहां से किसी और स्थान पर ले जाएं. यहां अस्पताल में ऑक्सीजन समाप्त होने वाली है. इसके बाद उन्होंने काफी गुजारिश की तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें भोपाल में कहीं से दो ऑक्सीजन सिलेंडर लाने की सलाह दी. इसके बाद परिजन ऑक्सीजन के लिए निजी वाहन से उन स्थानों की तलाश में जुटे रहे.

जेके रोड पर चार घंटे तक ढूंढते रहे ऑक्सीजन
लगभग दो बजे उन्हें अस्पताल से दो खाली सिलेंडर दिए गए. उन्हें लेकर सज्जन नागर ऑक्सीजन के लिए जेके रोड क्षेत्र में भटकते रहे. अपनी कार से उन्होंने जेके रोड रायसेन रोड और मिनाल रेसीडेंसी में कई चक्कर लगाए लेकिन उन्हें ऑक्सीजन का ठिकाना नहीं मिला. जद्दोजहद के बाद उन्होंने बीएचईएल जाकर ऑक्सीजन की व्यवस्था की. इस पूरी मशक्कत में उन्हें लगभग चार घंटे का समय लग गया.

जल्द शुरू होगा 111 टन ऑक्सीजन का उत्पादन, 42 जिलों में लगेंगे प्लांट

ऑक्सीजन के लिए लग रहीं लाइनें
मरीज के परिजनों का कहना है कि किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं है. सभी मरीज ऑक्सीजन के लिए परेशान हो रहे हैं. जबकि सरकार दावे कर रही है कि मरीजों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी लेकिन एक-एक सिलेंडर ऑक्सीजन के लिए परिजनों को घंटों तक लाइन में लगकर परेशान होना पड़ रहा है.

भोपाल। राजधानी में कोरोना की चपेट में मरीजों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे ऑक्सीजन आपूर्ति के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. यहां सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में मरीज को जीवनदायिनी ऑक्सीजन के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ रही है. इसके बावजूद भी मरीज को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. मरीज के परिजन बदहवास होकर इलाज के लिए ऑक्सीजन को ढूंढने निकल पड़ते हैं. अपने निजी वाहनों से या किराए के वाहनों से कई किलोमीटर दूर जाकर ऑक्सीजन भरकर ला रहे हैं इसके लिए भी उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है.

ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे अस्पताल.

अस्पतालों में नहीं बची ऑक्सीजन
अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने के कारण प्रबंधन द्वारा मरीज को अस्पताल से घर ले जाने के नोटिस भी दिए जा रहे हैं. परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत खराब है. ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है लेकिन अस्पताल वाले यह कह रहे हैं कि हमारे पास ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है इसलिए अब हम मरीज को यहां नहीं रख सकते. मरीज के परिजनों को यह जानकारी नोटिस के रूप में हाथ में भी थमा दी जा रही है.

hospital giving notice
परिजनों को नोटिस थमा रहे अस्पताल.

अस्पताल ने मरीज को घर ले जाने का थमाया नोटिस
रायसेन रोड पर पिपलानी क्षेत्र में स्थित अनंत श्री हॉस्पिटल में अब्दुल्लागंज के सज्जन नागर ने अपने रिश्तेदार को भर्ती कराया है. वह कोरोना संक्रमित है. उनकी पल्स रेट कम है और ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है लेकिन उन्हें आज अस्पताल द्वारा नोटिस दिया गया है कि वह अपने मरीज को यहां से किसी और स्थान पर ले जाएं. यहां अस्पताल में ऑक्सीजन समाप्त होने वाली है. इसके बाद उन्होंने काफी गुजारिश की तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें भोपाल में कहीं से दो ऑक्सीजन सिलेंडर लाने की सलाह दी. इसके बाद परिजन ऑक्सीजन के लिए निजी वाहन से उन स्थानों की तलाश में जुटे रहे.

जेके रोड पर चार घंटे तक ढूंढते रहे ऑक्सीजन
लगभग दो बजे उन्हें अस्पताल से दो खाली सिलेंडर दिए गए. उन्हें लेकर सज्जन नागर ऑक्सीजन के लिए जेके रोड क्षेत्र में भटकते रहे. अपनी कार से उन्होंने जेके रोड रायसेन रोड और मिनाल रेसीडेंसी में कई चक्कर लगाए लेकिन उन्हें ऑक्सीजन का ठिकाना नहीं मिला. जद्दोजहद के बाद उन्होंने बीएचईएल जाकर ऑक्सीजन की व्यवस्था की. इस पूरी मशक्कत में उन्हें लगभग चार घंटे का समय लग गया.

जल्द शुरू होगा 111 टन ऑक्सीजन का उत्पादन, 42 जिलों में लगेंगे प्लांट

ऑक्सीजन के लिए लग रहीं लाइनें
मरीज के परिजनों का कहना है कि किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं है. सभी मरीज ऑक्सीजन के लिए परेशान हो रहे हैं. जबकि सरकार दावे कर रही है कि मरीजों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी लेकिन एक-एक सिलेंडर ऑक्सीजन के लिए परिजनों को घंटों तक लाइन में लगकर परेशान होना पड़ रहा है.

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