भोपाल। कोरोना से राहत के बाद आ रहे मोदी सरकार के बजट से उद्योगपतियों और बाजार विशेषज्ञों को राहत और बूस्टर की उम्मीद है. भारत के इतिहास में यह पहला पेपरलेस आम बजट होगा. उद्योगपतियों के मुताबिक केंद्र सरकार अपने आगामी बजट में नए उद्योगों को राहत देगी. इसके अलावा टैक्स स्लैब में और सुधार करेगी. जिससे सरकार के खजाने में पैसा तो आएगा ही साथ ही टैक्स का भार कम होगा.
- नए उद्योगों को राहत दे सरकार
पिछले 5 साल के दौरान शुरू हुए नए उद्योगों को केंद्र सरकार द्वारा राहत दिए जाने की उम्मीद है. मंडीदीप एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार पिछले समय में जारी तीन लाख करोड़ के पैकेज में से कुछ राशि नए उद्योगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराएं, ताकि नए उद्योगों को राहत मिल सके. केंद्र सरकार को उद्योगों को अपनी परिसंपत्तियों बेचकर उद्योगों में लगाने पर कैपिटल गेन से छूट देनी चाहिए. इससे नए उद्योगों में निवेश बढ़ेगा.
- आयकर और टैक्स में राहत की उम्मीद
बाजार विशेषज्ञ आदित्य मनिया जैन के मुताबिक केंद्र सरकार दावा कर रही है कि, इस बार का बजट पिछले बजट के मुकाबले बहुत अलग होगा. मौजूदा वित्तीय वर्ष आम जनता और उद्योगों के हिसाब से पूरी तरह से खाली निकला है. उम्मीद है कि, आगामी बजट में केंद्र सरकार मेडिक्लेम में 80 डी का दायरा बढ़ाएगी. नेशनल पेंशन पॉलिसी में राशि को और बढ़ाया जाएगा. केंद्र सरकार को टैक्स स्लैब में और सुधार करना चाहिए, ताकि टैक्स भरने वालों की संख्या बढ़ सके. मौजूदा दौर में देश भर में 40 करोड़ पैन कार्ड धारक है. इनमें से सात करोड़ लो रिटर्न भरते हैं, जबकि सिर्फ तीन करोड़ लोग ही आयकर जमा करते हैं. इसलिए केंद्र सरकार को टैक्स स्लैब में सुधार करना चाहिए ताकि आयकर भरने वालों की संख्या बढ़ सके.
- आगामी बजट से यह सात उम्मीद
- होम लोन पर मिलने वाली छूट को लगातार जारी रखने की केंद्र सरकार से उम्मीद है. केंद्र को अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम में ढाई लाख की छूट को जारी रखना चाहिए. साथ ही बड़ा मकान बेचकर दो छोटे मकान लेने वालों को टैक्स से राहत दी जानी चाहिए.
- हेल्थ केयर सेक्टर को और बेहतर करने की दिशा में सरकार को कदम उठाने चाहिए.
- इंश्योरेंस सेक्टर के लिए नई पॉलिसी केंद्र सरकार को लाना चाहिए. कोरोना संक्रमण काल के बाद इंश्योरेंस सेक्टर में और तेजी आने की उम्मीद है.
- फोर व्हीलर, टू व्हीलर की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई है. इसलिए केंद्र सरकार को इलेक्ट्रिकल व्हीकल के साथ फोर व्हीलर पर भी टैक्स में राहत देनी चाहिए.
- उम्मीद है कि, दुपहिया वाहन और इसके स्पेयर पार्ट्स के साथ ही 10 लाख रुपए कीमत तक की कार जीएसटी दर को कम करके केंद्र सरकार 28 फ़ीसदी करेगी. ऑटो सेक्टर के मुताबिक केंद्र सरकार यदि कह रहा देती है, तो ऑटो इंडस्ट्री को खासी राहत मिलेगी
- आगामी बजट में केंद्र सरकार को वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को इसके लिए इंसेंटिव देना चाहिए, ताकि tier-1 और tier-2 सिटी के बाद छोटे शहरों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ सके.
- छोटे शहरों में इंडस्ट्री खोलने पर कंपनियों को केंद्र सरकार द्वारा राहत देनी चाहिए.