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पूनम ने खुद की कमजोरी को बनाई अपनी ताकत, राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित - flight of spirits

कहते हैं हौसलों की उड़ान आपकी शारीरिक क्षमता से बहुत ऊपर होती है और इसी का उदाहरण पेश करती हैं भोपाल की पूनम श्रोती, जानते हैं क्या है इनकी कहानी.

exclusive interviews of poonam shroti of bhopal with etv bharat
पूनम की उड़ान
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Published : Mar 1, 2020, 12:28 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:00 PM IST

भोपाल। जो लोग अपने हौसलों को मजबूत कर संघर्ष कर सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं उन्हें दुनिया सलाम करती है. वाकई यह कहावत तब सच होती नजर आई जब एक ढाई फीट की महिला भोपाल ही नहीं बल्कि देश के लिए एक मिसाल बन गई है, जी हां हम बात कर रहे हैं साल 2016 में देश की 100 पावर फूल महिलाओं में शामिल पूनम श्रोती की, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सम्मानित किया था, जिनकी उम्र 34 साल है और कद 2.8 फीट है जिन्हें राष्ट्रपति भी झुककर सलाम करते हैं.

पूनम की उड़ान

दरअसल पूनम जन्म के बाद से कई गंभीर बीमारियों से घिरी रही हैं जिसके चलते उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाया, ओस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा नाम की बीमारी के चलते हड्डियां इतनी कमजोर हैं कि ठोकर से फैक्चर हो जाता है अपनी उम्र से दोगुनी बार फैक्चर की तकलीफ झेल चुकी हैं पूनम यही नहीं कुछ समय पहले ब्रेन हेमरेज का भी सामना कर चुकी हैं.

पूनम श्रोती से ETV भारत से खास बातचीत

पूनम श्रोती उदीप एनजीओ के माध्यम से विकलांग लोगों को समान अधिकार देने के लिए समाज में सम्मान दिलाने के लिए एक अभियान चला रही हैं बीमारी के कारण पूनम की हाइट 2 फीट 8 इंच से ज्यादा नहीं है लेकिन पूनम ने हालातों से समझौता करने के बजाए उसे ही अपना हथियार बनाया पूनम का कहना है कि शुरुआत में उन्हें असहजता महसूस होती थी लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने आप को समझाया और खुद को स्पेशल मानते हुए जिंदगी की शुरुआत की.

जिसके बाद से लगातार आज तक वह डिसेबल लोगों की लड़ाई लड़ रही हैं जिसमें उनके परिवार का सहयोग भी अहम है, पूनम को बचपन से पढ़ाई से लगाव था और वही लगाव उनका जुनून बनता गया और पूनम ने डबल MBA किया.

बता दें पूनम एक NGO चलाती हैं, विकलांग असहाय और कैदियों को मोटिवेट करती हैं, पूनम एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर जानी जाती हैं, इसके साथ ही उद्दीप NGO के माध्यम से अक्षम लोगों की मदद करना और महिला शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने में वो कभी पीछे नहीं रहतीं, ईटीवी भारत ऐसी महिला शक्ति को नमस्कार करता है.

भोपाल। जो लोग अपने हौसलों को मजबूत कर संघर्ष कर सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं उन्हें दुनिया सलाम करती है. वाकई यह कहावत तब सच होती नजर आई जब एक ढाई फीट की महिला भोपाल ही नहीं बल्कि देश के लिए एक मिसाल बन गई है, जी हां हम बात कर रहे हैं साल 2016 में देश की 100 पावर फूल महिलाओं में शामिल पूनम श्रोती की, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सम्मानित किया था, जिनकी उम्र 34 साल है और कद 2.8 फीट है जिन्हें राष्ट्रपति भी झुककर सलाम करते हैं.

पूनम की उड़ान

दरअसल पूनम जन्म के बाद से कई गंभीर बीमारियों से घिरी रही हैं जिसके चलते उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाया, ओस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा नाम की बीमारी के चलते हड्डियां इतनी कमजोर हैं कि ठोकर से फैक्चर हो जाता है अपनी उम्र से दोगुनी बार फैक्चर की तकलीफ झेल चुकी हैं पूनम यही नहीं कुछ समय पहले ब्रेन हेमरेज का भी सामना कर चुकी हैं.

पूनम श्रोती से ETV भारत से खास बातचीत

पूनम श्रोती उदीप एनजीओ के माध्यम से विकलांग लोगों को समान अधिकार देने के लिए समाज में सम्मान दिलाने के लिए एक अभियान चला रही हैं बीमारी के कारण पूनम की हाइट 2 फीट 8 इंच से ज्यादा नहीं है लेकिन पूनम ने हालातों से समझौता करने के बजाए उसे ही अपना हथियार बनाया पूनम का कहना है कि शुरुआत में उन्हें असहजता महसूस होती थी लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने आप को समझाया और खुद को स्पेशल मानते हुए जिंदगी की शुरुआत की.

जिसके बाद से लगातार आज तक वह डिसेबल लोगों की लड़ाई लड़ रही हैं जिसमें उनके परिवार का सहयोग भी अहम है, पूनम को बचपन से पढ़ाई से लगाव था और वही लगाव उनका जुनून बनता गया और पूनम ने डबल MBA किया.

बता दें पूनम एक NGO चलाती हैं, विकलांग असहाय और कैदियों को मोटिवेट करती हैं, पूनम एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर जानी जाती हैं, इसके साथ ही उद्दीप NGO के माध्यम से अक्षम लोगों की मदद करना और महिला शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने में वो कभी पीछे नहीं रहतीं, ईटीवी भारत ऐसी महिला शक्ति को नमस्कार करता है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:00 PM IST
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