भोपाल। खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने को लेकर उनके बेटे अशोक ध्यानचंद ने खुशी जाहिर की है. अशोक ध्यानचंद का कहना है कि सरकार के इस फैसले से खिलाड़ियों में नई ऊर्जा आएगी. पुरस्कार का नाम बदलने को लेकर किए गए सवालों पर अशोक ध्यानचंद ने सिर्फ इतना कहा कि उनके नाम को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
खेल रत्न का नाम बदलने पर जाहिर की खुशी
ओलंपिक से लौटे खिलाड़ियों के सम्मान में भोपाल में आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल होने आए मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद ने भारतीय टीम के ओलंपिक में पदक जीतने पर खुशी जताई. अशोक ध्यानचंद ने कहा कि 41 साल बाद ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के ओलंपिक में मैडल जीता है ये सभी के लिए गर्व की बात है. ध्यानचंद के नाम पर खेल अवॉर्ड होने पर खुशी जाहिर करते हुए ध्यानचंद ने कहा कि खिलाड़ियों के नाम पर अवॉर्ड का नाम होने से खिलाड़ियों को खुशी होती है.
खिलाड़ियों को मिलता है मोटिवेशन
अशोक ध्यानचंद ने कहा कि खिलाड़ियों के नाम से अवॉर्ड का नाम रखने से खिलाड़ियों को मोटिवेशन मिलता है. अशोक ध्यानचंद ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का नाम अपने आप में इतना बड़ा है कि उनके नाम पर सियासत नहीं होना चाहिए. अशोक ध्यानचंद ने बताया कि जब वे मध्य प्रदेश में थे तो उन्होंने विवेक को खेलते हुए देखकर कई टिप्स दिए थे.
ओलंपिक मेडल आ गया...अब रंग चेंज करना है, Etv Bharat से बातचीत में बोले विवेक सागर
भारतीय टीम को परफॉर्मेंस बरकरार रखना होगा
अशोक ध्यानचंद ने कहा कि विवेक सागर और पूरी भारतीय टीम अच्छा परफॉर्म कर रही है, पूरी टीम को इस परफॉर्मेंस को बरकरार रखना होगा. टीम को यह तय करना होगा कि अगले टूर्नामेंट में पिछली बार से ज्यादा अच्छा परफॉर्मेंस हो, सेमीफाइनल तक पहुंचना एक टारगेट बन गया है. टीम को इससे नीचे अपना परफॉर्मेंस नहीं लाना है और अगली बार गोल्ड जीतकर आना है.