भोपाल। मध्यप्रदेश में एमपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी. विद्यार्थियों को उनके पिछले 3 साल के रिजल्ट के आधार पर अंक मिलेंगे. और वह छात्र जो फेल होने की स्थिति में होंगे, उन्हें 33% अंक देकर पास कर दिया जाएगा. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है. इसके लिए प्रस्ताव भी सरकार को भेज दिया गया है, जिसमें एक-दो दिन में ही आदेश जारी होने की उम्मीद है.
सरकार को भेजा गया प्रस्ताव
दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल दसवीं बोर्ड की परीक्षा को लेकर काफी समय से मीटिंग कर रहा है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कोई निर्णय नहीं हो पाया. वहीं अब दसवीं के वैल्यूएशन और 12वीं एग्जाम के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेज दिया गया है. दसवीं की परीक्षाएं ना लेते हुए विद्यार्थियों को पिछले 3 साल के रिजल्ट के आधार पर अंक दिए जाएंगे. वहीं 12वीं की परीक्षा का निर्णय 15 मई तक किया जाएगा. 12वीं की परीक्षा को लेकर उम्मीद है कि कोरोना संक्रमण थमने के बाद ही परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
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वहीं 12वीं बोर्ड परीक्षा का पैटर्न क्या होगा, यह सब कोरोना की परिस्थिति के अनुसार तय किया जाएगा. वैसे यह उम्मीद की जा रही है कि 12वीं बोर्ड की परीक्षा कोरोना संक्रमण के थमने के बाद ही आयोजित की जाएंगी. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल 10वीं के स्टूडेंट को सीबीएसई की तरह जनरल प्रमोशन ना देकर उनको मार्कशीट में अंक देने का कार्य करेगा.