मध्य प्रदेश में भारी बारिश से अन्नदाता मायूस है. फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. खेत में खड़ी फसल खराब होने से किसानों की माली हालत भी गड़बड़ा गई. मदद के लिए अब सरकार का मुंह देखने के अलावा इनके पास कोई चारा नहीं. सरकार ने अपना काम तो शुरू किया लेकिन घाव पर मरहम पूरी तरह नहीं लग पाया है. किसानों के सामने एक दो नहीं बल्की ढरों समस्याएं मूंह बाए खड़ी है. घर में खाने के लिए दाना नहीं तो अगली फसल की बुआई के लिए पैसे भी नहीं बचे. हैरान परेशान किसान सरकार से मदद और मुआवजे की आस लगाए बैठा है. अन्नदाता के पास बैंकों से लिए कर्ज को चुकता करने का भी दबाव है.
ईटीवी भारत शुरु कर रहा है 'मिट्टी का लाल' मुहिम. इसके जरिए हम किसानों की आवाज और उनका दर्द सरकार के सामने रखेंगे ताकि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का निराकरण हो.
किसानों की क्या हैं समस्याएं -
- भारी बारिश से किसानों की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा.
- फसल खराब होने से किसानों की आर्थिक स्थिति चौपट हुई.
- सरकार से मुआवजे की राह अभी भी देख रहे किसान.
- क्रॉप इंश्योरेंश का फायदा अब तक पूरी तरह नहीं मिल पाया.
- कमलनाथ सरकार की कर्जमाफी का भी अन्नदाता को ठीक से नहीं मिला लाभ.
- बैंकों और सूदखोरों से लिए कर्ज के बोझ तले दबे किसान.
- बेटी की शादी, बेटे की पढ़ाई, घर का खर्च चलाए की समस्या किसान के सामने है.
- केंद्र और राज्य की लड़ाई में पिस रहा अन्नदाता.
- परेशानियों के चलते मौत को गले लगाने को मजबूर हैं किसान.