ETV Bharat / state

भिंड में कोविड-19 गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन, रोजना मिल रहे 10 से 12 नए कोरोना मरीज

author img

By

Published : Nov 24, 2020, 8:01 AM IST

Updated : Nov 24, 2020, 12:24 PM IST

भिंड जिले में लोगों के लिए अब कोरोना बेअसर हो चुका है. यहां के लोगों का मानना है कि भिंड में रिकवरी रेट अच्छा है. जिले में रहने वाले लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, और न ही मास्क लगा रहे हैं. कोरोना को लेकर जिले के लोग कितना गंभीर हैं. ईटीवी भारत ने इसका जायजा लिया है.

bhind
भिंड

भिंड। मध्यप्रदेश में एक बार फिर तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही अब सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. इंदौर भोपाल ग्वालियर समेत आठ शहरों में नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया गया है. भिंड में प्रतिदिन करीब 10 नये कोरोना संक्रमण के मरीज सामने आ रहे हैं.व्यापारी से लेकर आम लोगों के बीच क्या हालात है. ईटीवी भारत ने इसका जायजा लिया.

बाजार में न मास्क और न ही सोशल डिस्टेंसिंग

रिकवरी बेहतर होने से लोगों का डर हुआ कम
भिंड जिले में लोगों के लिए अब कोरोना बेअसर हो चुका है. यहां के लोगों का मानना है कि भिंड में रिकवरी रेट अच्छा है. जिले में रहने वाले लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, और न ही मास्क लगा रहे हैं. दोपहिया वाहनों पर भी आमतौर पर तीन सवारी चलने लगी है. बाजार हो या कोई अन्य सार्वजनिक जगह कोरोना वैश्विक महामारी से अब लोगों को फर्क नजर नहीं आ रहा है.

अब नहीं रहा लोगों को महामारी का डर !
भिंड जिले में रिकवरी रेट भी काफी अच्छा है.जिसका एक अलग प्रभाव भिंड की जनता पर दिख रहा है. लोग बीमारी की गंभीरता के बजाय उसकी रिकवरी रेट से तुलना कर रहे हैं. क्योंकि अब तक भिंड जिले में आए 1300 से ज्यादा मरीजों में लगभग 94 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं. यही वजह है कि अब लोग इस बात का तर्क देते हैं, कि कोरोना होगा भी तो जल्दी ठीक हो जाएंगे.

बाजार में दिख रही भारी भीड़
25 नवंबर के दिन से प्रदेश में शादी समारोह शुरू हो जाएंगे. जिसके चलते बाजारों में लोगों की भीड़ काफी मात्रा में दिख रही है. लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान भी जहां दुकानें खाली दिख रही थी. वहां अब लोग सामान खरीदने पहुंच रहे हैं. आम दिनों में लोग कोरोना के डर से कम ही बाहर निकलते थे, लेकिन अब बाजार में भीड़ बढ़ गई है और यह भीड़ भी न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रखी है, और न ही कोरोना महामारी को गंभीरता से ले रही है.

सरकार के कड़े फैसलों पर दुकानदारों की राय
भोपाल इंदौर ग्वालियर समेत प्रदेश के 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के फैसले पर जब ईटीवी भारत ने व्यापारी वर्ग से बात की तो दुकानदारों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं. जहां किराना स्टोर के संचालक का कहना है सरकार द्वारा भिंड में भी कर्फ्यू लगाया जाना चाहिए. क्योंकि यहां के लोग अब लापरवाही पर उतर आए हैं. यहां 90 फीसदी लोग मास्क का उपयोग नहीं करते है. दुकानदारों में भी हर कोई कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहा है. ऐसे में बीमारी दोबारा विकराल रूप ले, उससे पहले सरकार को कुछ कड़े कदम भिंड जिले के लिए भी उठाना चाहिए.

दुकानदारों की अलग-अलग राय
लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के सवाल पर जब व्यापारियों से बात की गई, तो उनकी मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. एक ओर जहां दुकानदारों ने कहा कि जब तक कोरोना के लिए सख्ती नहीं बरती जाएगी. तब तक यह कंट्रोल में नहीं आएगा. अगर सरकार नाइट कर्फ्यू लगाती है, तो उससे उनकी बिक्री पर भी ज्यादा असर नहीं होगा. क्योंकि अमूमन दुकानों में जो बिक्री का समय होता है वह शाम 7 से रात 10 बजे के बीच होता है. वहीं शहर के ही एक अन्य व्यापारी का कहना है कि यदि दोबारा लॉकडाउन किया गया, तो बिक्री पर असर होना निश्चित है. क्योंकि ज्यादातर लोग शाम के समय ही खरीददारी के लिए आते हैं. ऐसे में लॉकडाउन लगने से दुकान बंद रहेगी. तो बिक्री भी बंद होगी. जिसका सीधा असर व्यापारी वर्ग को होगा.

सरकार की गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
शहर के हालात और व्यापारियों से बात करने पर एक बात तो साफ होती है कि, वाकई भिंड की जनता अब कोरोना महामारी को लेकर लापरवाही बरत रही है. जब आंकड़ा 1300 के पार हो चुका है और हर रोज 10 से 12 नए मरीज सामने आ रहे हैं, तब भी लोग अपनी सुरक्षा के लिए मास्क का उपयोग तक नहीं कर रहे हैं. शासन प्रशासन की तमाम समझाइश अब बेअसर हो चुकी है,ऐसे में प्रदेश सरकार को कड़े कदम उठाने की जरुरत है.

भिंड। मध्यप्रदेश में एक बार फिर तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही अब सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. इंदौर भोपाल ग्वालियर समेत आठ शहरों में नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया गया है. भिंड में प्रतिदिन करीब 10 नये कोरोना संक्रमण के मरीज सामने आ रहे हैं.व्यापारी से लेकर आम लोगों के बीच क्या हालात है. ईटीवी भारत ने इसका जायजा लिया.

बाजार में न मास्क और न ही सोशल डिस्टेंसिंग

रिकवरी बेहतर होने से लोगों का डर हुआ कम
भिंड जिले में लोगों के लिए अब कोरोना बेअसर हो चुका है. यहां के लोगों का मानना है कि भिंड में रिकवरी रेट अच्छा है. जिले में रहने वाले लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, और न ही मास्क लगा रहे हैं. दोपहिया वाहनों पर भी आमतौर पर तीन सवारी चलने लगी है. बाजार हो या कोई अन्य सार्वजनिक जगह कोरोना वैश्विक महामारी से अब लोगों को फर्क नजर नहीं आ रहा है.

अब नहीं रहा लोगों को महामारी का डर !
भिंड जिले में रिकवरी रेट भी काफी अच्छा है.जिसका एक अलग प्रभाव भिंड की जनता पर दिख रहा है. लोग बीमारी की गंभीरता के बजाय उसकी रिकवरी रेट से तुलना कर रहे हैं. क्योंकि अब तक भिंड जिले में आए 1300 से ज्यादा मरीजों में लगभग 94 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं. यही वजह है कि अब लोग इस बात का तर्क देते हैं, कि कोरोना होगा भी तो जल्दी ठीक हो जाएंगे.

बाजार में दिख रही भारी भीड़
25 नवंबर के दिन से प्रदेश में शादी समारोह शुरू हो जाएंगे. जिसके चलते बाजारों में लोगों की भीड़ काफी मात्रा में दिख रही है. लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान भी जहां दुकानें खाली दिख रही थी. वहां अब लोग सामान खरीदने पहुंच रहे हैं. आम दिनों में लोग कोरोना के डर से कम ही बाहर निकलते थे, लेकिन अब बाजार में भीड़ बढ़ गई है और यह भीड़ भी न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रखी है, और न ही कोरोना महामारी को गंभीरता से ले रही है.

सरकार के कड़े फैसलों पर दुकानदारों की राय
भोपाल इंदौर ग्वालियर समेत प्रदेश के 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के फैसले पर जब ईटीवी भारत ने व्यापारी वर्ग से बात की तो दुकानदारों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं. जहां किराना स्टोर के संचालक का कहना है सरकार द्वारा भिंड में भी कर्फ्यू लगाया जाना चाहिए. क्योंकि यहां के लोग अब लापरवाही पर उतर आए हैं. यहां 90 फीसदी लोग मास्क का उपयोग नहीं करते है. दुकानदारों में भी हर कोई कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहा है. ऐसे में बीमारी दोबारा विकराल रूप ले, उससे पहले सरकार को कुछ कड़े कदम भिंड जिले के लिए भी उठाना चाहिए.

दुकानदारों की अलग-अलग राय
लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के सवाल पर जब व्यापारियों से बात की गई, तो उनकी मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. एक ओर जहां दुकानदारों ने कहा कि जब तक कोरोना के लिए सख्ती नहीं बरती जाएगी. तब तक यह कंट्रोल में नहीं आएगा. अगर सरकार नाइट कर्फ्यू लगाती है, तो उससे उनकी बिक्री पर भी ज्यादा असर नहीं होगा. क्योंकि अमूमन दुकानों में जो बिक्री का समय होता है वह शाम 7 से रात 10 बजे के बीच होता है. वहीं शहर के ही एक अन्य व्यापारी का कहना है कि यदि दोबारा लॉकडाउन किया गया, तो बिक्री पर असर होना निश्चित है. क्योंकि ज्यादातर लोग शाम के समय ही खरीददारी के लिए आते हैं. ऐसे में लॉकडाउन लगने से दुकान बंद रहेगी. तो बिक्री भी बंद होगी. जिसका सीधा असर व्यापारी वर्ग को होगा.

सरकार की गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
शहर के हालात और व्यापारियों से बात करने पर एक बात तो साफ होती है कि, वाकई भिंड की जनता अब कोरोना महामारी को लेकर लापरवाही बरत रही है. जब आंकड़ा 1300 के पार हो चुका है और हर रोज 10 से 12 नए मरीज सामने आ रहे हैं, तब भी लोग अपनी सुरक्षा के लिए मास्क का उपयोग तक नहीं कर रहे हैं. शासन प्रशासन की तमाम समझाइश अब बेअसर हो चुकी है,ऐसे में प्रदेश सरकार को कड़े कदम उठाने की जरुरत है.

Last Updated : Nov 24, 2020, 12:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.