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शहर-शहर ईटीवी भारत ने किया कोरोना का रियलिटी चेक, जानिए कितना तैयार है एमपी - एमपी लेटेस्ट न्यूज

एमपी में कोरोना का संक्रमण तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा भी है, इसलिए वैक्सीनेशन (MP children vaccination) अभियान भी चलाया जा रहा है. इसके बावजूद प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के इलाज को लेकर क्या विशेष व्यवस्था की गई है, इसका रियलिटी चेक (MP corona reality check) किया ईटीवी भारत ने.

MP corona reality check
कोरोना का रियलिटी चेक
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Published : Jan 10, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 6:15 PM IST

इंदौर/ भोपाल/छिंदवाड़ा/सागर/जबलपुर। मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश के इंदौर और राजधानी भोपाल संक्रमण के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. वहीं दूसरे जिलों में भी संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है. बीते 9 दिनों में राज्य में 9099 नए केस सामने आए हैं. तीसरी लहर के बढ़ते खतरे को देखते हुए शिवराज सरकार पाबंदियां भी बढ़ा सकती है. वहीं कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए (fights against corona) और खास कर बच्चों के इलाज के लिए विभिन्न जिलों में कितनी तैयारी है, इसका रियलिटी चेक (MP corona reality check) किया ईटीवी भारत की टीम ने.

कोरोना का हॉस्पॉट इंदौर (Corona hotspot Indore)

इंदौर कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है, जहां कोरोना मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न हॉस्पिटलों को चिन्हित किया गया है तो वही अस्पताल में बेड्स और ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है. इंदौर जिला प्रशासन ने इस बार बच्चों की सेहत का भी विशेष ध्यान रखा है और शहर के सरकारी हॉस्पिटल्स के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी चिन्हित किया गया है, जहां पर बच्चों का इलाज हो सकेगा. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने भी इंदौर के एक सरकारी हॉस्पिटल का निरीक्षण किया और वहां पर बच्चों को किस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी, इसकी जानकारी ली. बता दें प्रशासन ने यहां पर बच्चों के ट्रीटमेंट के लिए अलग-अलग तरह की व्यवस्था की हुई है और स्पेशल डॉक्टरों की टीम को भी यहां पर तैनात किया गया है.

इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स रिजर्व

नाकाफी नजर आती है व्यवस्था

बता दें स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के इलाज के लिए एमआरटीवी और सरकारी हॉस्पिटल में व्यवस्था की है. एमआरटीवी में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ऑक्सीजन, बेड के साथ ही बच्चों को ट्रीटमेंट किस तरह से दिया जाना है इसको लेकर व्यवस्था दुरुस्त की हुई है. साथ ही यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी तैनात किया गया है. लेकिन जिस तरह से इंदौर में कोरोना केस में इजाफा हो रहा है, उसके मद्देनजर ये इंतजाम नाकाफी नजर आते हैं. क्योंकि प्रशासन ने अभी मात्र एमआरटीवी और सरकारी हॉस्पिटल में ही व्यवस्था की है. लेकिन फिलहाल कोरोना बड़ों और बुजुर्गों को ही अपनी चपेट में ले रहा है, लेकिन यदि अचानक से कोरोना संक्रमण ने बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया तो इंदौर में स्वास्थ्य विभाग ने जो व्यवस्थाएं जुटाई हुई है उसकी पोल खुल सकती है.

कोरोना का रियलिटी चेक

प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी तैयारी
बता दें कि कोरोना संक्रमितों के लिए प्रशासन ने कई तरह की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया हुआ है. वहीं बच्चों को देखते हुए इंदौर के सभी सरकारी हॉस्पिटलों के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटलों को चिन्हित किया गया है. संक्रमित बच्चे को किसी तरह की कोई तकलीफ ना हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है. इसलिए अस्पताल में बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी रखने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग ने की है. हालांकि कोरोना के संक्रमण से बच्चे दूर हैं और इक्का-दुक्का मामले ही विभिन्न हॉस्पिटल में सामने आ रहे हैं.

भोपाल में 100 बच्चे पॉजिटिव

दुनिया भर के साथ भारत और मध्य प्रदेश में भी तीसरी लहर का खतरा अब नज़र आने लगा है. लगातार पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर नजर आने वाला है. अकेले भोपाल में ही 100 से अधिक बच्चे पॉजिटिव (100 children positive in Bhopal) हो गए हैं, जिनकी संख्या और बढ़ने का अनुमान है. राजधानी में बीते 24 घंटे में 27 बच्चों सहित 489 संदिग्धों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है.

Beds reserve for children in various hospitals of Indore
इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स रिजर्व

हो सकते हैं ऑफलाइन एग्जाम

एक ओर अभी भी स्कूल खुले हुए हैं वहीं दूसरी ओर बच्चों के कोरोना संक्रमित होने से स्थिति भयावह होती नजर आ रही है. स्कूल शिक्षा विभाग इस बार ऑफलाइन क्लास के साथ ही ऑफलाइन एग्जाम कराने की भी तैयारी कर रहा है. फरवरी में यह एग्जाम होने हैं, लेकिन उसके पहले बच्चों का लगातार पॉजिटिव होना चिंता का विषय बना हुआ है. मध्य प्रदेश अभिभावक संघ भी बच्चों के ऑनलाइन एग्जाम कराने के खिलाफ है.

भोपाल के अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स की स्थिति (status of beds for kids in mp)
हमीदिया अस्पतालः कुल 900 बिस्तर कोविड मरीज के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें से 90 बिस्तर बच्चों के लिए हैं. इसमें आईसीयू, वेंटीलेटर से युक्त सभी बिस्तर हैं.
जेपी अस्पतालः कुल 400 बिस्तर हैं, जिसमें से ऑक्सीजन बेड के 56 और वेंटिलेटर वाले बेड्स 82 हैं. इसमें से 10 बिस्तर कोविड संक्रमित बच्चों के लिए हैं.
काटजू अस्पतालः यहां कुल 200 बिस्तर हैं और यह सभी कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिसमें से बच्चों के लिए 20 बिस्तर हैं. इनकी संख्या बढ़ाई-घटाई जा सकेगी.

ज्यादातर संक्रमित बच्चे होम आइसोलेशन में
इसके अलावा भोपाल में 2 दर्जन से अधिक बच्चों के अस्पताल हैं, इनमें भी 200-250 बिस्तर छोटे बच्चों के लिए रखे गए हैं. भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि फिलहाल जितने भी बच्चे हैं उनमें से अधिकतर घर पर ही आइसोलेट हैं. सरकारी अस्पतालों में फिलहाल बच्चों भर्ती नहीं हैं. ऐसे में अगर ज्यादा बच्चे संक्रमित होते हैं तो बिस्तरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

Special arrangements for the treatment of children in Sagar
सागर में बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था

जबलपुर में बच्चों के लिए 45 बेड्स

तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के खतरे के बीच जबलपुर प्रशासन ने कोरोना वार्ड को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. यहां जिला अस्पताल सहित ब्लॉक लेवल पर भी ऑक्सीजन युक्त बैड तैयार कर लिए गए हैं. जबलपुर जिला अस्पताल में पीआईसीयू में 12 बेड ऑक्सीजन और वेंटीलेटर युक्त तैयार कर लिए गए हैं, इसके अलावा चिल्ड्रेन वार्ड में 20 बेड एवं एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में 15 बैड तैयार हैं, जिनमें ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के बेड की व्यवस्था पूरी तरह से कर ली गई है. जहां पर कुछ कमी है उसे भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.

ब्लॉक स्तर पर भी बेड तैयार (Beds ready at block level)
डॉक्टर संजय मिश्रा की मानें तो सरकारी अस्पतालों सहित बच्चों के निजी अस्पतालों को भी अलर्ट मोड में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी निजी अस्पतालों को हिदायत दी गई है कि वह अपने अस्पतालों में बच्चों को लेकर खास इंतजाम रखें. बेड की व्यवस्थाएं तैयार रखें. उधर जिला अस्पताल सहित सातों ब्लॉक स्तर पर स्थित सिविल अस्पतालों में भी ऑक्सीजन युक्त बैड तैयार कर लिए गए हैं, प्रत्येक ब्लॉक में ऑक्सीजन युक्त 10 बेड की व्यवस्था की गई है और जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाकर 15 बेड्स तक किए जा सकते हैं.

Special ward for children in Chhindwara
छिंदवाड़ा में बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड

छिंदवाड़ा में बच्चों के लिए 120 बेड्स

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को भी खतरा हो सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में 120 बिस्तर बच्चों के लिए रिजर्व रखे गए हैं, जिसमें 40 बेड का बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है. छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर पवन नंदूरकर ने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों को अच्छा इलाज दे सकें इसके लिए 40 बिस्तरों का आधुनिक वार्ड बनाया गया है, जिसमें बच्चों के हिसाब से वॉल पेंटिंग और बिस्तर, खिलौने रखे गए हैं (Special ward for children in Chhindwara). इनमें आईसीयू सेक्शन में 19 बिस्तर, आईसीयू के 6 बेड्स नवजात बच्चों के लिए तो वहीं 15 बेड हाई डिपेंडेंसी यूनिट (HDU) वाले तैयार किए गए हैं. जबकि 80 बेड्स रिजर्व रखे गए हैं. फिलहाल छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में कोई भी बच्चा कोविड वार्ड में भर्ती नहीं है.

सागर में बच्चों के लिए 20 बेड्स

सागर जिले में मरीजों का आंकड़ा रोजाना बढ़ रहा है और हर उम्र के लोग कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं. बच्चों में संक्रमण न फैले इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. फिलहाल सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज कोविड केयर हॉस्पिटल के तौर पर कार्य कर रहा है. यहां कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. शिशु रोग विभाग में एक स्पेशल वार्ड पीआईसीयू तैयार किया गया है. जिसमें कुल 20 बेड बच्चों के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 14 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड है. इस स्पेशल वार्ड के लिए प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ के अलावा शिशु रोग विशेषज्ञ अलग से नियुक्त किए गए हैं.

10 दिनों में तेजी से बढ़ा संक्रमण
कोरोना की तीसरी लहर ने सागर में भी कहर बरसाना (MP corona update) शुरू कर दिया है. पिछले 10 दिनों में मरीजों का आंकड़ा (MP corona case) काफी तेजी से बढ़ा है और 9 जनवरी रविवार को एक ही दिन में 115 मरीज मिले हैं. तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 543 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित किए गए हैं. जिनमें से 236 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स है. इसके अलावा आईसीयू में 88 और एचडीयू में 205 बेड्स हैं. केंद्र सरकार की बीड़ी कामगार अस्पताल को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा प्रशासन ने जिला चिकित्सालय में कोविड-19 वार्ड तैयार करने और निजी चिकित्सालय में इलाज की तैयारियों के निर्देश दिए हैं.

इंदौर/ भोपाल/छिंदवाड़ा/सागर/जबलपुर। मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश के इंदौर और राजधानी भोपाल संक्रमण के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. वहीं दूसरे जिलों में भी संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है. बीते 9 दिनों में राज्य में 9099 नए केस सामने आए हैं. तीसरी लहर के बढ़ते खतरे को देखते हुए शिवराज सरकार पाबंदियां भी बढ़ा सकती है. वहीं कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए (fights against corona) और खास कर बच्चों के इलाज के लिए विभिन्न जिलों में कितनी तैयारी है, इसका रियलिटी चेक (MP corona reality check) किया ईटीवी भारत की टीम ने.

कोरोना का हॉस्पॉट इंदौर (Corona hotspot Indore)

इंदौर कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है, जहां कोरोना मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न हॉस्पिटलों को चिन्हित किया गया है तो वही अस्पताल में बेड्स और ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है. इंदौर जिला प्रशासन ने इस बार बच्चों की सेहत का भी विशेष ध्यान रखा है और शहर के सरकारी हॉस्पिटल्स के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी चिन्हित किया गया है, जहां पर बच्चों का इलाज हो सकेगा. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने भी इंदौर के एक सरकारी हॉस्पिटल का निरीक्षण किया और वहां पर बच्चों को किस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी, इसकी जानकारी ली. बता दें प्रशासन ने यहां पर बच्चों के ट्रीटमेंट के लिए अलग-अलग तरह की व्यवस्था की हुई है और स्पेशल डॉक्टरों की टीम को भी यहां पर तैनात किया गया है.

इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स रिजर्व

नाकाफी नजर आती है व्यवस्था

बता दें स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के इलाज के लिए एमआरटीवी और सरकारी हॉस्पिटल में व्यवस्था की है. एमआरटीवी में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ऑक्सीजन, बेड के साथ ही बच्चों को ट्रीटमेंट किस तरह से दिया जाना है इसको लेकर व्यवस्था दुरुस्त की हुई है. साथ ही यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी तैनात किया गया है. लेकिन जिस तरह से इंदौर में कोरोना केस में इजाफा हो रहा है, उसके मद्देनजर ये इंतजाम नाकाफी नजर आते हैं. क्योंकि प्रशासन ने अभी मात्र एमआरटीवी और सरकारी हॉस्पिटल में ही व्यवस्था की है. लेकिन फिलहाल कोरोना बड़ों और बुजुर्गों को ही अपनी चपेट में ले रहा है, लेकिन यदि अचानक से कोरोना संक्रमण ने बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया तो इंदौर में स्वास्थ्य विभाग ने जो व्यवस्थाएं जुटाई हुई है उसकी पोल खुल सकती है.

कोरोना का रियलिटी चेक

प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी तैयारी
बता दें कि कोरोना संक्रमितों के लिए प्रशासन ने कई तरह की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया हुआ है. वहीं बच्चों को देखते हुए इंदौर के सभी सरकारी हॉस्पिटलों के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटलों को चिन्हित किया गया है. संक्रमित बच्चे को किसी तरह की कोई तकलीफ ना हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है. इसलिए अस्पताल में बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी रखने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग ने की है. हालांकि कोरोना के संक्रमण से बच्चे दूर हैं और इक्का-दुक्का मामले ही विभिन्न हॉस्पिटल में सामने आ रहे हैं.

भोपाल में 100 बच्चे पॉजिटिव

दुनिया भर के साथ भारत और मध्य प्रदेश में भी तीसरी लहर का खतरा अब नज़र आने लगा है. लगातार पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर नजर आने वाला है. अकेले भोपाल में ही 100 से अधिक बच्चे पॉजिटिव (100 children positive in Bhopal) हो गए हैं, जिनकी संख्या और बढ़ने का अनुमान है. राजधानी में बीते 24 घंटे में 27 बच्चों सहित 489 संदिग्धों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है.

Beds reserve for children in various hospitals of Indore
इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स रिजर्व

हो सकते हैं ऑफलाइन एग्जाम

एक ओर अभी भी स्कूल खुले हुए हैं वहीं दूसरी ओर बच्चों के कोरोना संक्रमित होने से स्थिति भयावह होती नजर आ रही है. स्कूल शिक्षा विभाग इस बार ऑफलाइन क्लास के साथ ही ऑफलाइन एग्जाम कराने की भी तैयारी कर रहा है. फरवरी में यह एग्जाम होने हैं, लेकिन उसके पहले बच्चों का लगातार पॉजिटिव होना चिंता का विषय बना हुआ है. मध्य प्रदेश अभिभावक संघ भी बच्चों के ऑनलाइन एग्जाम कराने के खिलाफ है.

भोपाल के अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स की स्थिति (status of beds for kids in mp)
हमीदिया अस्पतालः कुल 900 बिस्तर कोविड मरीज के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें से 90 बिस्तर बच्चों के लिए हैं. इसमें आईसीयू, वेंटीलेटर से युक्त सभी बिस्तर हैं.
जेपी अस्पतालः कुल 400 बिस्तर हैं, जिसमें से ऑक्सीजन बेड के 56 और वेंटिलेटर वाले बेड्स 82 हैं. इसमें से 10 बिस्तर कोविड संक्रमित बच्चों के लिए हैं.
काटजू अस्पतालः यहां कुल 200 बिस्तर हैं और यह सभी कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिसमें से बच्चों के लिए 20 बिस्तर हैं. इनकी संख्या बढ़ाई-घटाई जा सकेगी.

ज्यादातर संक्रमित बच्चे होम आइसोलेशन में
इसके अलावा भोपाल में 2 दर्जन से अधिक बच्चों के अस्पताल हैं, इनमें भी 200-250 बिस्तर छोटे बच्चों के लिए रखे गए हैं. भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि फिलहाल जितने भी बच्चे हैं उनमें से अधिकतर घर पर ही आइसोलेट हैं. सरकारी अस्पतालों में फिलहाल बच्चों भर्ती नहीं हैं. ऐसे में अगर ज्यादा बच्चे संक्रमित होते हैं तो बिस्तरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

Special arrangements for the treatment of children in Sagar
सागर में बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था

जबलपुर में बच्चों के लिए 45 बेड्स

तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के खतरे के बीच जबलपुर प्रशासन ने कोरोना वार्ड को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. यहां जिला अस्पताल सहित ब्लॉक लेवल पर भी ऑक्सीजन युक्त बैड तैयार कर लिए गए हैं. जबलपुर जिला अस्पताल में पीआईसीयू में 12 बेड ऑक्सीजन और वेंटीलेटर युक्त तैयार कर लिए गए हैं, इसके अलावा चिल्ड्रेन वार्ड में 20 बेड एवं एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में 15 बैड तैयार हैं, जिनमें ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के बेड की व्यवस्था पूरी तरह से कर ली गई है. जहां पर कुछ कमी है उसे भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.

ब्लॉक स्तर पर भी बेड तैयार (Beds ready at block level)
डॉक्टर संजय मिश्रा की मानें तो सरकारी अस्पतालों सहित बच्चों के निजी अस्पतालों को भी अलर्ट मोड में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी निजी अस्पतालों को हिदायत दी गई है कि वह अपने अस्पतालों में बच्चों को लेकर खास इंतजाम रखें. बेड की व्यवस्थाएं तैयार रखें. उधर जिला अस्पताल सहित सातों ब्लॉक स्तर पर स्थित सिविल अस्पतालों में भी ऑक्सीजन युक्त बैड तैयार कर लिए गए हैं, प्रत्येक ब्लॉक में ऑक्सीजन युक्त 10 बेड की व्यवस्था की गई है और जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाकर 15 बेड्स तक किए जा सकते हैं.

Special ward for children in Chhindwara
छिंदवाड़ा में बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड

छिंदवाड़ा में बच्चों के लिए 120 बेड्स

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को भी खतरा हो सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में 120 बिस्तर बच्चों के लिए रिजर्व रखे गए हैं, जिसमें 40 बेड का बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है. छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर पवन नंदूरकर ने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों को अच्छा इलाज दे सकें इसके लिए 40 बिस्तरों का आधुनिक वार्ड बनाया गया है, जिसमें बच्चों के हिसाब से वॉल पेंटिंग और बिस्तर, खिलौने रखे गए हैं (Special ward for children in Chhindwara). इनमें आईसीयू सेक्शन में 19 बिस्तर, आईसीयू के 6 बेड्स नवजात बच्चों के लिए तो वहीं 15 बेड हाई डिपेंडेंसी यूनिट (HDU) वाले तैयार किए गए हैं. जबकि 80 बेड्स रिजर्व रखे गए हैं. फिलहाल छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में कोई भी बच्चा कोविड वार्ड में भर्ती नहीं है.

सागर में बच्चों के लिए 20 बेड्स

सागर जिले में मरीजों का आंकड़ा रोजाना बढ़ रहा है और हर उम्र के लोग कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं. बच्चों में संक्रमण न फैले इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. फिलहाल सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज कोविड केयर हॉस्पिटल के तौर पर कार्य कर रहा है. यहां कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. शिशु रोग विभाग में एक स्पेशल वार्ड पीआईसीयू तैयार किया गया है. जिसमें कुल 20 बेड बच्चों के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 14 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड है. इस स्पेशल वार्ड के लिए प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ के अलावा शिशु रोग विशेषज्ञ अलग से नियुक्त किए गए हैं.

10 दिनों में तेजी से बढ़ा संक्रमण
कोरोना की तीसरी लहर ने सागर में भी कहर बरसाना (MP corona update) शुरू कर दिया है. पिछले 10 दिनों में मरीजों का आंकड़ा (MP corona case) काफी तेजी से बढ़ा है और 9 जनवरी रविवार को एक ही दिन में 115 मरीज मिले हैं. तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 543 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित किए गए हैं. जिनमें से 236 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स है. इसके अलावा आईसीयू में 88 और एचडीयू में 205 बेड्स हैं. केंद्र सरकार की बीड़ी कामगार अस्पताल को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा प्रशासन ने जिला चिकित्सालय में कोविड-19 वार्ड तैयार करने और निजी चिकित्सालय में इलाज की तैयारियों के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Jan 10, 2022, 6:15 PM IST
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