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अवैध रेत परिवहन की जांच करे EOW, 27 फरवरी तक कोर्ट को सौंपे रिपोर्ट - Court asked for report

सीहोर में अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों को छोड़ने और वाहन मालिकों को लाभ पहुंचाने के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है. जिसके चलते ईओडब्ल्यू को भोपाल कोर्ट में 27 फरवरी तक अंतिम प्रतिवेदन पेश करना होगा.

EOW will investigate Sehore illegal sand transport
अवैध रेत परिवहन की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी
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Published : Feb 10, 2020, 7:33 AM IST

Updated : Feb 10, 2020, 7:43 AM IST

भोपाल। सीहोर में अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों को छोड़ने और वाहन मालिकों को लाभ पहुंचाने के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है. इस मामले में आरोप है कि कलेक्टर और खनिज अधिकारी ने अवैध परिवहन करने वाले रेत वाहनों को पहले जब्त किया और फिर माफिया से मिलीभगत के चलते वाहनों को छोड़ दिया था, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल कोर्ट ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू को करने का आदेश दिया है.

अवैध रेत परिवहन की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी

इस मामले में भुवनेश्वर मिश्रा ने एसपी सीहोर, लोकायुक्त संगठन और ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी. इसके बाद भी इस मामले की न तो कोई जांच हुई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पूरे दस्तावेजों के साथ भोपाल कोर्ट में परिवाद दायर कर इस मामले की जांच किए जाने की मांग की थी. जिस पर अदालत ने ईओडब्ल्यू को आदेश दिया है कि इस मामले की जांच कर 27 फरवरी तक अंतिम प्रतिवेदन पेश करें.

भुवनेश्वर मिश्रा की अर्जी में बताया गया है कि 3 दिसंबर 2019 को सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता, सहायक खनिज अधिकारी आरिफ खान ने बुधनी में अवैध रेत खनन करते 10 डंपरों को जब्त किया था. इसमें से चार डंपरों को मौके पर ही छोड़ दिया गया था, जबकि छह डंपरों पर कम जुर्माना करने के बाद छोड़ा गया है, जिससे शासन को करीब 55 लाख रूपए राजस्व का नुकसान हुआ है.

भोपाल। सीहोर में अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों को छोड़ने और वाहन मालिकों को लाभ पहुंचाने के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है. इस मामले में आरोप है कि कलेक्टर और खनिज अधिकारी ने अवैध परिवहन करने वाले रेत वाहनों को पहले जब्त किया और फिर माफिया से मिलीभगत के चलते वाहनों को छोड़ दिया था, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल कोर्ट ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू को करने का आदेश दिया है.

अवैध रेत परिवहन की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी

इस मामले में भुवनेश्वर मिश्रा ने एसपी सीहोर, लोकायुक्त संगठन और ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी. इसके बाद भी इस मामले की न तो कोई जांच हुई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पूरे दस्तावेजों के साथ भोपाल कोर्ट में परिवाद दायर कर इस मामले की जांच किए जाने की मांग की थी. जिस पर अदालत ने ईओडब्ल्यू को आदेश दिया है कि इस मामले की जांच कर 27 फरवरी तक अंतिम प्रतिवेदन पेश करें.

भुवनेश्वर मिश्रा की अर्जी में बताया गया है कि 3 दिसंबर 2019 को सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता, सहायक खनिज अधिकारी आरिफ खान ने बुधनी में अवैध रेत खनन करते 10 डंपरों को जब्त किया था. इसमें से चार डंपरों को मौके पर ही छोड़ दिया गया था, जबकि छह डंपरों पर कम जुर्माना करने के बाद छोड़ा गया है, जिससे शासन को करीब 55 लाख रूपए राजस्व का नुकसान हुआ है.

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सीहोर में हुए अवैध रेत परिवहन चार्ज करेगा ईओडब्ल्यू , 27 फरवरी तक न्यायालय ने मांगी रिपोर्ट


भोपाल | सीहोर में अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों को छोड़ने और वाहन मालिकों को लाभ पहुंचाने के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है क्योंकि इस मामले में आरोप है किसी और कलेक्टर और खनिज अधिकारी ने अवैध परिवहन करने वाले रेत वाहनों को पहले जप्त किया लेकिन मिलीभगत कर इन सभी वाहनों को बाद में छोड़ दिया गया था . मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए भोपाल न्यायालय ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को करने के निर्देश दिए हैं .Body:मामले की भुवनेश्वर मिश्रा ने एसपी सीहोर और लोकायुक्त संगठन और ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी लेकिन ना तो जांच हुई और ना ही किसी प्रकार की कार्यवाही की गई थी यही वजह रही कि शिकायतकर्ता ने पूरे दस्तावेजों के साथ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भोपाल निशिथ खरें की कोर्ट में परिवाद दायर कर इस मामले की जांच किए जाने की मांग की थी अदालत ने मामले में ईओडब्ल्यू को निर्देश दिया है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कर 27 फरवरी तक अंतिम प्रतिवेदन पेश करेंConclusion: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भोपाल निशिथ खरें की अदालत में भुवनेश्वर मिश्रा ने अर्जी लगाई है जिसमें बताया गया है कि 3 दिसंबर 2019 को सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता , सहायक खनिज अधिकारी आरिफ खान ने बुधनी में अवैध रेत खनन करते हुए 10 डंपरों को जप्त किया था इसमें से चार डंपरो को मौके पर ही छोड़ दिया गया था वहीं छह डंपरो पर कम जुर्माना कर छोड़ा गया है इससे शासन को करीब 55 लाख का राजस्व का नुकसान हुआ है इस मामले की शिकायत पहले भी ईओडब्ल्यू को की गई थी लेकिन कार्यवाही नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने अदालत का सहारा लिया है अब अदालत से निर्देश मिलने के बाद ईओडब्ल्यू को हर हाल में इस मामले की जांच कर 27 फरवरी तक अंतिम प्रतिवेदन अदालत में पेश करना होगा .
Last Updated : Feb 10, 2020, 7:43 AM IST
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