भोपाल। सीहोर में अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों को छोड़ने और वाहन मालिकों को लाभ पहुंचाने के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है. इस मामले में आरोप है कि कलेक्टर और खनिज अधिकारी ने अवैध परिवहन करने वाले रेत वाहनों को पहले जब्त किया और फिर माफिया से मिलीभगत के चलते वाहनों को छोड़ दिया था, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल कोर्ट ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू को करने का आदेश दिया है.
इस मामले में भुवनेश्वर मिश्रा ने एसपी सीहोर, लोकायुक्त संगठन और ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी. इसके बाद भी इस मामले की न तो कोई जांच हुई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पूरे दस्तावेजों के साथ भोपाल कोर्ट में परिवाद दायर कर इस मामले की जांच किए जाने की मांग की थी. जिस पर अदालत ने ईओडब्ल्यू को आदेश दिया है कि इस मामले की जांच कर 27 फरवरी तक अंतिम प्रतिवेदन पेश करें.
भुवनेश्वर मिश्रा की अर्जी में बताया गया है कि 3 दिसंबर 2019 को सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता, सहायक खनिज अधिकारी आरिफ खान ने बुधनी में अवैध रेत खनन करते 10 डंपरों को जब्त किया था. इसमें से चार डंपरों को मौके पर ही छोड़ दिया गया था, जबकि छह डंपरों पर कम जुर्माना करने के बाद छोड़ा गया है, जिससे शासन को करीब 55 लाख रूपए राजस्व का नुकसान हुआ है.