ETV Bharat / state

MP में सत्ता परिवर्तन का असर, दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी में EOW - fake admission

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ EOW में दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है.

दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी में EOW
author img

By

Published : Jun 17, 2019, 11:55 PM IST

भोपाल| मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर नजर आने लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ EOW में दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है. साल 2016 में EOW ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया और आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के प्रमुख अनिल कपूर समेत कुछ और लोगों पर FIR दर्ज की थी.

दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी में EOW

ये है मामला

  • आरकेडीएफ इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भोपाल ने 21 छात्रों को नियम विरुद्ध एडमिशन दिया था.
  • तकनीकी शिक्षा विभाग ने गलत एडमिशन देने पर कॉलेज पर 24 लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव शासन को भेजा था.
  • तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया ने जुर्माने को 24 लाख से घटाकर ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिग्विजय सिंह को भेजा था.
  • दिग्विजय सिंह पर जुर्माने को अनुमोदित कर कॉलेज को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था. इससे शासन को करीब साढ़े 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ था.
  • EOW ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कॉलेज को जुर्माने में रियायत देने के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी.
  • EOW को जांच में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाने के भी सबूत मिले थे.
  • दिग्विजय सिंह के साथ मंत्री राजा पटेरिया, आरकेडीएफ एजुकेशन सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील कपूर को भी आरोपी बनाया गया था.
  • मामले में EOW ने पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया से पूछताछ भी की थी और उनके बयान भी दर्ज किए गए थे.
  • मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है.
  • केस को लेकर EOW के अधिकारियों ने कहा कि छात्रों के खिलाफ आरजीपीवी और अन्य संस्था कार्रवाई कर उनके एडमिशन निरस्त कर सकती थी.
  • छात्रों ने परीक्षा भी दी और उन्हें डिग्री भी मिल गई. अब मामले में कार्रवाई करने का कोई औचित्य नहीं बनता.

भोपाल| मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर नजर आने लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ EOW में दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है. साल 2016 में EOW ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया और आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के प्रमुख अनिल कपूर समेत कुछ और लोगों पर FIR दर्ज की थी.

दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी में EOW

ये है मामला

  • आरकेडीएफ इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भोपाल ने 21 छात्रों को नियम विरुद्ध एडमिशन दिया था.
  • तकनीकी शिक्षा विभाग ने गलत एडमिशन देने पर कॉलेज पर 24 लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव शासन को भेजा था.
  • तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया ने जुर्माने को 24 लाख से घटाकर ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिग्विजय सिंह को भेजा था.
  • दिग्विजय सिंह पर जुर्माने को अनुमोदित कर कॉलेज को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था. इससे शासन को करीब साढ़े 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ था.
  • EOW ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कॉलेज को जुर्माने में रियायत देने के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी.
  • EOW को जांच में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाने के भी सबूत मिले थे.
  • दिग्विजय सिंह के साथ मंत्री राजा पटेरिया, आरकेडीएफ एजुकेशन सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील कपूर को भी आरोपी बनाया गया था.
  • मामले में EOW ने पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया से पूछताछ भी की थी और उनके बयान भी दर्ज किए गए थे.
  • मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है.
  • केस को लेकर EOW के अधिकारियों ने कहा कि छात्रों के खिलाफ आरजीपीवी और अन्य संस्था कार्रवाई कर उनके एडमिशन निरस्त कर सकती थी.
  • छात्रों ने परीक्षा भी दी और उन्हें डिग्री भी मिल गई. अब मामले में कार्रवाई करने का कोई औचित्य नहीं बनता.
Intro:भोपाल- मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर नजर आने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू मैं दर्ज एक केस में खात्मा लगाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल साल 2016 में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया और आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के प्रमुख अनिल कपूर समेत कुछ लोगों पर एफ आई आर दर्ज की थी। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया से पूछताछ भी की थी और उनके बयान भी दर्ज किए गए थे। इस मामले में दिग्विजय सिंह ने सफाई भी दी थी, लेकिन अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मामले में खात्मा लगाने की तैयारी की जा रही है।


Body:दरअसल राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ आरकेडीएफ इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भोपाल को जुर्माने में रियायत देने के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी। दिग्विजय सिंह के साथ पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया, आरकेडीएफ एजुकेशन सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील कपूर को भी आरोपी बनाया गया था। इस दौरान दिग्विजय सिंह पर आरोप लगे थे कि, उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए कॉलेज पर लगे जुर्माने की रकम 24 लाख को घटाकर ढाई लाख रुपये कर दी थी। इससे शासन को करीब साढ़े 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। इतना ही नहीं इओडब्ल्यू की जांच में इस मामले में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाने के भी सबूत मिले हैं। इधर खात्मा लगाने के पीछे ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का तर्क है कि, जिस समय छात्रों को गलत तरीके से प्रवेश दिया गया था तब उनके खिलाफ आरजीपीवी या अन्य संस्था, कार्रवाई कर उनके ऐडमिशन निरस्त कर सकती थी। लेकिन उन छात्रों ने परीक्षा भी दी और उन्हें डिग्री भी अवॉर्ड हो गई। अब मामले में कार्रवाई करने का कोई औचित्य नहीं बनता है।


Conclusion:बता दें कि आरकेडीएफ इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भोपाल ने साल 2000 से लेकर साल 2002 तक 21 छात्रों को नियमों के विरुद्ध जाकर ऐडमिशन दिया था। जिसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने गलत एडमिशन देने पर कॉलेज पर 24 लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव शासन को भेज था। लेकिन तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया ने प्रस्तावित जुर्माने को 24 लाख से घटाकर ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भेजा था। जिसे दिग्विजय सिंह ने अनुमोदित कर कॉलेज को लाभ पहुंचाया था।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.