भोपाल| मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर नजर आने लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ EOW में दर्ज केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है. साल 2016 में EOW ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया और आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के प्रमुख अनिल कपूर समेत कुछ और लोगों पर FIR दर्ज की थी.
ये है मामला
- आरकेडीएफ इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भोपाल ने 21 छात्रों को नियम विरुद्ध एडमिशन दिया था.
- तकनीकी शिक्षा विभाग ने गलत एडमिशन देने पर कॉलेज पर 24 लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव शासन को भेजा था.
- तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया ने जुर्माने को 24 लाख से घटाकर ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिग्विजय सिंह को भेजा था.
- दिग्विजय सिंह पर जुर्माने को अनुमोदित कर कॉलेज को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था. इससे शासन को करीब साढ़े 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ था.
- EOW ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कॉलेज को जुर्माने में रियायत देने के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी.
- EOW को जांच में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाने के भी सबूत मिले थे.
- दिग्विजय सिंह के साथ मंत्री राजा पटेरिया, आरकेडीएफ एजुकेशन सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील कपूर को भी आरोपी बनाया गया था.
- मामले में EOW ने पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया से पूछताछ भी की थी और उनके बयान भी दर्ज किए गए थे.
- मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद केस को खत्म करने की तैयारी की जा रही है.
- केस को लेकर EOW के अधिकारियों ने कहा कि छात्रों के खिलाफ आरजीपीवी और अन्य संस्था कार्रवाई कर उनके एडमिशन निरस्त कर सकती थी.
- छात्रों ने परीक्षा भी दी और उन्हें डिग्री भी मिल गई. अब मामले में कार्रवाई करने का कोई औचित्य नहीं बनता.