भोपाल| नगर निगम भोपाल अपनी आय में वृद्धि और शत प्रतिशत संपत्तियों को टैक्स के दायरे में लाने के साथ वास्तविक करारोपण (Actual taxation) कर निगम के राजस्व में वृद्धि के लिए सरकारी कर्मचारियों से ज्यादा अब इंजीनियरिंग के छात्रों पर भरोसा किया जा रहा है. यही वजह है कि अब इंजीनियरिंग स्टूडेंट से भोपाल शहर की प्रॉपर्टी का दोबारा से सर्वे कराया जाएगा.
शहर में संपत्तियों का सर्वेक्षण
इंजीनियरिंग के छात्रों को भोपाल की संपत्तियों के सर्वेक्षण (Property survey) के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संभागायुक्त और प्रशासक कविंद्र कियावत ने नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी (Municipal Corporation Commissioner KVS Chaudhary) की उपस्थिति में विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है. साथ ही इस संबंध में विशेष रूप से चर्चा की गई है. इस दौरान संभागायुक्त ने बैठक में आए हुए इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रतिनिधियों से कहा है कि आप सभी लोग अपने अपने संस्थानों के तृतीय और चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों को स्टाई फंड के आधार पर सर्वेक्षण कार्य के लिए प्रोत्साहित करें. बैठक में अपर आयुक्त पवन सिंह, उपायुक्त देवेंद्र सिंह चौहान, सहायक आयुक्त संध्या चतुर्वेदी सहित निगम के अन्य अधिकारी और विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
निगम की आय में होगी वृद्धि
संभागायुक्त ने इस दौरान कहा है कि निगम सीमा में स्थापित सभी संपत्तियों को कर के दायरे में लाया जाएगा और उन पर वास्तविक आकार एवं उपयोग के आधार पर ही टैक्स लिया जाएगा, जिससे निगम की आय में वृद्धि होगी और शहर के विकास को और अधिक बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जा सकेगा.
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संपत्तियों पर वास्तविक करारोपित से मिलेगा ज्यादा राजस्व
उन्होंने कहा कि शहर की सभी संपत्तियों पर वास्तविक करारोपित (Actual tax on properties) किया जाता है, जिससे निगम को अत्यधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा. इस दौरान उन्होंने कॉलेज प्रतिनिधियों से कहा है कि छात्रों को घर-घर जाकर सर्वे करने और सभी भवन के आकार, उपयोग की जानकारी एकत्रित करने के लिए स्टाई फंड के आधार पर सर्वे कार्य में लगाया जाएगा. उन्हें इस कार्य के लिए परिश्रमिक भी दिया जाएगा. साथ ही परिचय पत्र और कार्य का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा.
इंजीनियरिंग छात्रों के कार्य की सराहना
संभागायुक्त ने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों ने जो कार्य किया है, वह बेहद ही सराहनीय है. उन्हें कार्य के दौरान किसी प्रकार की कोई असुविधा भी नहीं हुई है और ना ही किसी करदाता (Taxpayer) ने उनसे किसी प्रकार का अप्रिय व्यवहार किया है. उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा किए गए घर-घर सर्वे के सार्थक परिणाम सामने आए हैं और 1 वार्ड में 32 प्रतिशत तक राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. संभागायुक्त ने कहा कि निगम की आय में वृद्धि के उद्देश्य से ये सर्वे कराया जा रहा है.