ETV Bharat / state

इंजीनियरिंग छात्र कर रहा चौकीदार की नौकरी, कोरोना से प्रभावित हुई इस युवक की ज़िदगी

कोरोना के कारण प्रदेश के प्रतिष्ठित कॉलेजों में इस साल कैंपस न के बराबर आए हैं. ऐसे में प्रदेश के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, ऐसी ही कहानी है राजधानी के दीपक की, जो टीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज से फर्स्ट डिवीजन की डिग्री लेकर चौकीदार की नौकरी कर रहे हैं.

Engineering degree janitor's job
इंजीनियरिंग की डिग्री चौकीदार की नौकरी
author img

By

Published : Dec 3, 2020, 5:57 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के स्कूल, कॉलेज पिछले 9 माह से बंद हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण का बुरा प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है. खासतौर पर वो छात्र जो फाइनल ईयर की डिग्री लेकर कॉलेज से पास आउट हुए हैं. कोरोना के चलते कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट 10% भी नहीं है. प्रदेश के प्रतिष्ठित कॉलेजों में भी इस साल कैंपस न के बराबर हुए हैं. ऐसे में प्रदेश के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं ऐसी ही कहानी है राजधानी के दीपक की जो टीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज से फर्स्ट डिवीजन की डिग्री लेकर चौकीदार की नौकरी कर रहे हैं.

इंजीनियरिंग की डिग्री चौकीदार की नौकरी

मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं दीपक

छात्र दीपक ने बताया जब वह इंजीनियरिंग कोर्स कहते हैं, तो मन में हजारों सपने होते हैं. कॉलेज जाने से पहले हजार सपनों में संजोय होते हैं. माता पिता को भी बहुत उम्मीदें होती हैं और इसी उम्मीद के चलते वे लाखों रुपये अपने बच्चे पर खर्च करते हैं, लेकिन इस मंजिल का अंत क्या होगा. ये हमें नहीं पता होता.

चीन से निकले कोरोना वाइरस ने भी दुनिया भर में कहर बरपाया और इस वायरस ने लोगों की ज़िंदगी बदल दी, ऐसा ही कुछ हुआ. दीपक के साथ, जो मन में हजारों सपने लिए इंजियरिंग कर रहे थे. मैकेनिकल इंजीनियर बनने का सपना लिए दीपक ने बी.टेक की डिग्री ली, लेकिन उसे क्या पता था, कि इस डिग्री के साथ उन्हें चौकीदार की नौकरी करनी पड़ेगी.

घर की आर्थिक स्थिति के चलते करनी पड़ रही चौकीदारी

दीपक का कहना है कि यूं तो कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट हर साल कम ही आते हैं, जैसी जॉब इंजीनियरिंग करने के बाद मिलनी चाहिए, वो स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाती, छात्र अपनी काबिलियत पर ही नौकरी पाता है, और अपना भविष्य खुद बनाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण कहीं जॉब नहीं है. कंपनियां हायरिंग नहीं कर रही, जो लोग काम कर रहे हैं. वे 50% सैलरी पर काम कर रहे हैं कई लोगों की जॉब कोरोना के चलते चले गई, ऐसे में बहुत कोशिशों के बाद भी उन्हें कंही जॉब नही मिली, और बेरोजगारी ने उन्हें चौकीदार बनने पर मजबूर कर दिया. दीपक के परिवार में 3 लोग है. दीपक के पिता खेती करते हैं बहन पढ़ाई करती है और दीपक 7 हजार की तनख्वाह पर चौकीदार की नौकरी करते हैं. जिससे उनका घर चलता है.

कार शोरूम पर नाइट शिफ्ट करते हैं दीपक

दीपक राजधानी के एक निजी कार शोरूम पर नाईट ड्यूटी करते हैं. दिन में कुछ वक़्त अपने आपको देते हैं आगे कॉम्पिटेटिव परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहे हैं, साथ ही घर की स्थिति के चलते मजबूरन चौकीदार की नौकरी कर रहे हैं. दीपक की जॉब से ही उनका घर चल रहा है. वहीं दीपक का कहना है जब तक कोरोना का कहर है तब तक शायद इसी नौकरी के साथ काम करना पड़े.

प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति

मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग की अगर हम बात करें, तो पिछले 5 सालों में छात्रों का रुझान इंजीनियरिंग से कम हुआ है. प्रदेश में पिछले 5 सालों में इंजीनियरिंग में छात्रों की प्रवेश संख्या लगातार घटी है. साल 2020 में 40% प्रवेश कम हुए है. प्रदेश में पिछले सालों में 60 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हुए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह छात्रों को इंजीनियरिंग के बाद रोजगार नहीं मिलना और कैंपस प्लेसमेंट नहीं होना है. यही वजह है कि प्रदेश के छात्र इंजीनियरिंग से रुझान कम कर रहे हैं और इसका एक उदाहरण दीपक भी है, जो इंजीनियरिंग करके चौकीदार की नौकरी कर रहा है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के स्कूल, कॉलेज पिछले 9 माह से बंद हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण का बुरा प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है. खासतौर पर वो छात्र जो फाइनल ईयर की डिग्री लेकर कॉलेज से पास आउट हुए हैं. कोरोना के चलते कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट 10% भी नहीं है. प्रदेश के प्रतिष्ठित कॉलेजों में भी इस साल कैंपस न के बराबर हुए हैं. ऐसे में प्रदेश के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं ऐसी ही कहानी है राजधानी के दीपक की जो टीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज से फर्स्ट डिवीजन की डिग्री लेकर चौकीदार की नौकरी कर रहे हैं.

इंजीनियरिंग की डिग्री चौकीदार की नौकरी

मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं दीपक

छात्र दीपक ने बताया जब वह इंजीनियरिंग कोर्स कहते हैं, तो मन में हजारों सपने होते हैं. कॉलेज जाने से पहले हजार सपनों में संजोय होते हैं. माता पिता को भी बहुत उम्मीदें होती हैं और इसी उम्मीद के चलते वे लाखों रुपये अपने बच्चे पर खर्च करते हैं, लेकिन इस मंजिल का अंत क्या होगा. ये हमें नहीं पता होता.

चीन से निकले कोरोना वाइरस ने भी दुनिया भर में कहर बरपाया और इस वायरस ने लोगों की ज़िंदगी बदल दी, ऐसा ही कुछ हुआ. दीपक के साथ, जो मन में हजारों सपने लिए इंजियरिंग कर रहे थे. मैकेनिकल इंजीनियर बनने का सपना लिए दीपक ने बी.टेक की डिग्री ली, लेकिन उसे क्या पता था, कि इस डिग्री के साथ उन्हें चौकीदार की नौकरी करनी पड़ेगी.

घर की आर्थिक स्थिति के चलते करनी पड़ रही चौकीदारी

दीपक का कहना है कि यूं तो कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट हर साल कम ही आते हैं, जैसी जॉब इंजीनियरिंग करने के बाद मिलनी चाहिए, वो स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाती, छात्र अपनी काबिलियत पर ही नौकरी पाता है, और अपना भविष्य खुद बनाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण कहीं जॉब नहीं है. कंपनियां हायरिंग नहीं कर रही, जो लोग काम कर रहे हैं. वे 50% सैलरी पर काम कर रहे हैं कई लोगों की जॉब कोरोना के चलते चले गई, ऐसे में बहुत कोशिशों के बाद भी उन्हें कंही जॉब नही मिली, और बेरोजगारी ने उन्हें चौकीदार बनने पर मजबूर कर दिया. दीपक के परिवार में 3 लोग है. दीपक के पिता खेती करते हैं बहन पढ़ाई करती है और दीपक 7 हजार की तनख्वाह पर चौकीदार की नौकरी करते हैं. जिससे उनका घर चलता है.

कार शोरूम पर नाइट शिफ्ट करते हैं दीपक

दीपक राजधानी के एक निजी कार शोरूम पर नाईट ड्यूटी करते हैं. दिन में कुछ वक़्त अपने आपको देते हैं आगे कॉम्पिटेटिव परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहे हैं, साथ ही घर की स्थिति के चलते मजबूरन चौकीदार की नौकरी कर रहे हैं. दीपक की जॉब से ही उनका घर चल रहा है. वहीं दीपक का कहना है जब तक कोरोना का कहर है तब तक शायद इसी नौकरी के साथ काम करना पड़े.

प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति

मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग की अगर हम बात करें, तो पिछले 5 सालों में छात्रों का रुझान इंजीनियरिंग से कम हुआ है. प्रदेश में पिछले 5 सालों में इंजीनियरिंग में छात्रों की प्रवेश संख्या लगातार घटी है. साल 2020 में 40% प्रवेश कम हुए है. प्रदेश में पिछले सालों में 60 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हुए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह छात्रों को इंजीनियरिंग के बाद रोजगार नहीं मिलना और कैंपस प्लेसमेंट नहीं होना है. यही वजह है कि प्रदेश के छात्र इंजीनियरिंग से रुझान कम कर रहे हैं और इसका एक उदाहरण दीपक भी है, जो इंजीनियरिंग करके चौकीदार की नौकरी कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.