भोपाल। कोरोना काल में आम आदमी पर दोहरी मार पड़ रही है, बिजली कंपनियों ने 2020-21 के लिए टैरिफ रेट में 5 फीसदी इजाफा करने का जो प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंपा था, उस पर 30 मई तक दावे आपत्तियां मांगी गई है. बिजली दरों में इजाफे का फैसला आयोग अगले माह तक करेगा. मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी सहित सभी बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग को फरवरी में बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था.
कंपनियों ने दो हजार करोड़ रुपए की वित्तीय हानि का हवाला देते हुए बिजली दरों में 5 फीसदी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, लॉकडाउन की वजह से पूर्व में प्रस्तावित विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई को स्थगित कर दिया गया था. अब आयोग ने इस टैरिफ पर सुनवाई के लिए 30 मई तक दावे आपत्तियां मांगी है, ये सभी दावे आपत्तियां ऑनलाइन बुलाई गई है. दावे आपत्तियों पर सुनवाई के बाद आयोग बिजली बिल में बढ़ोत्तरी पर फैसला लेगा. बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी होगी या नहीं, इसका फैसला अगले माह तक हो जाएगा.
प्रति यूनिट 30 पैसे की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव
बिजली कंपनियों ने पांच फीसदी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है. इसके हिसाब से अभी तक 0 से 50 यूनिट खपत पर उपभोक्ता को 4.05 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल का भुगतान करना होता है, जबकि कंपनियों ने इसके स्थान पर 4.35 रुपए प्रति यूनिट का प्रस्ताव रखा है. इसी तरह से 51 से 100 यूनिट खपत पर 4.95 रुपए के स्थान पर 5.25 रुपए प्रति यूनिट, 101 से 300 यूनिट खपत पर 6.30 रुपए यूनिट के स्थान पर 6.60 रुपए प्रति यूनिट और 300 यूनिट से ऊपर 6.50 रुपए के स्थान पर 6.80 रुपए प्रति यूनिट का प्रस्ताव रखा है. इसमें फिक्स चार्ज शामिल नहीं है. बिजली की दरें बढ़ने पर फिक्स चार्ज में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है.