भोपाल। राजधानी से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा लगातार आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने पहले मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे की शहादत को लेकर विवादास्पद बयान दिया था और फिर राम मंदिर को लेकर बयान देकर उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. इन दोनों मामलों में भारत निर्वाचन आयोग ने खुद संज्ञान लेते हुए प्रज्ञा सिंह को नोटिस भी जारी किए हैं.
शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान में प्रज्ञा सिंह ने अपना जवाब पेश कर दिया है. लेकिन राम मंदिर मामले में उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. दोनों ही मामलों में मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भारत निर्वाचन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा प्रज्ञा सिंह को निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की मांग पर चुनाव आयोग का कहना है कि मामले में अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग लेगा.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने कहा कि ये प्रकरण अभी प्रक्रिया में है. एक मामले में उनका जवाब और कलेक्टर का प्रतिवेदन हमें मिल गया है, जिसमें उन्होंने हेमंत करकरे के संबंध में कमेंट किए थे, उसका जवाब और रिपोर्ट हमें मिल चुकी है. वहीं दूसरे मामले में हमने खुद संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया था, उसका जवाब और रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. दोनों ही मामलों में हम भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेजेंगे, जिस पर भारत निर्वाचन आयोग अंतिम निर्णय लेगा.
इस मामले में बसपा सुप्रीमो द्वारा प्रज्ञा भारती को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की गई थी. इस पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए अहर्ता निश्चित है, उसके आधार पर कोई भी चुनाव लड़ सकता है. लगातार आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक व्यक्ति को अधिकतम नोटिस दिए जा सकते हैं. इस स्थिति में भारत निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन भेजा जाता है. आयोग कई तरह के निर्णय लेने में सक्षम हैं और अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग ही लेता है.