भोपाल। 'मरना है तो मर जाइए, जो करना है करें'. यह बयान प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का है. दरअसल, फीस कम करने के मुद्दे को लेकर पालक संघ के प्रतिनिधि शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान मंत्री ने बेतुका बयान देकर सबको हैरान कर दिया है. बहरहाल, शिक्षा मंत्री के इस बयान से बवाल खड़ा हो चला है. इसी बात को लेकर एनएसयूआई (NSUI) कार्यकर्ताओं ने इंदर सिंह परमार का पुतला दहन कर मुर्दाबाद के नारे लगाये.
शिक्षा मंत्री का जलाया पुतला
एनएसयूसीआई कार्यकर्ताओं ने फीस कम कराने की मांग पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बयान की आलोचना की. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर मंत्री का पुतला जलाकर जमकर प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश भर में इंदर सिंह परमार का पुतला जलाया जाएगा. इस तरह हजारों पालकों का शिक्षा मंत्री अपमान नहीं कर सकते हैं. ये लाखों पालकों को अपमान है, जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं.
मुख्यमंत्री से की शिक्षा मंत्री को हटाने की मांग
एनएसयूआई ने इस मामले में पूरे प्रदेश भर में पुतला जलाने की घोषणा की है. इंदर सिंह परमार के बयान पर अब राजनीति गरमा गई है. इसकी शुरुआत प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने से की गई है. वही मुख्यमंत्री से भी शिक्षा मंत्री को हटाने की मांग की गई है.
मंत्री के बयान का वीडियो हुआ वायरल
लॉकडाउन के दौरान स्कूलों की फीस का मुद्दा लगातार लंबे समय से चला आ रहा है. इसी मुद्दे को लेकर पालक संघ शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिलने सोमवार को बंगले पर पहुंचा था. इसी दौरान पालक और शिक्षा मंत्री की बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि मरना है तो मर जाएं जो करना है करें. इसके बाद से ही लगातार वीडियो वायरल हो रहा है. इस पर मंगलवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया.
निजी स्कूलों की फीस वसूली पर बोले मंत्री इंदर सिंह परमार, कहा- नहीं चलेगी मनमानी
छात्रवृत्ति के लिए NSUI जारी करेगा आंकड़े
एनएसयूआई छात्र प्रवेश वर्मा ने कहा कि छात्रवृत्ति की समस्या से जूझ रहे सभी विद्यार्थियों के डाटा एकत्र करेगी. जिन्हें सरकार के समक्ष रखकर छात्रवृत्ति दिलाने की मुहिम चलाएगी. इसको लेकर गूगल फॉर्म जारी किया जा रहा है. स्टूडेंट इस फॉर्म को भरकर एनएसयूआई पोर्टल पर भेज सकेंगे, जिनके आधार पर सरकार से प्रदर्शन कर जल्द से जल्द उन्हें छात्रवृत्ति दिलवाने की कोशिश की जाएगी.