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क्या 8 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप नजदीक है, एक्सपर्ट से जानें क्या है हिमालय का Earthquake कनेक्शन - Dr Deepak Raj Tiwari Statement

दिल्ली-NCR के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. झटके काफी हल्के थे. कहीं से जान माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ. दीपक राज तिवारी का कहना है कि, ये जो झटके भूकंप के आ रहे हैं. इसे सेफ्टी वॉल्व की तरह देखा जा सकता है.

MP earthquake
एमपी में भूकंप के झटके
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Published : Feb 23, 2023, 4:47 PM IST

Updated : Feb 23, 2023, 5:12 PM IST

भोपाल। देश के सेंटर में आबाद एमपी और दिल्ली एनसीआर में आए भूकंप के झटके क्या संकेत दे रहे हैं. 3.6 रिक्टर स्केल का भूकंप बेशक तबाही नहीं लाता, लेकिन बार बार हिल रही दिल्ली एनसीआर की धरती क्या इशारा कर रही है. क्या हिमालयन रीजन में टेक्टोनिक प्लेट के खिसकने का विशेषज्ञों ने जो पूर्वानुमान लगाया था वो अब असर दिखाने लगा है. भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ दीपक राज तिवारी का कहना है कि जो झटके आ रहे हैं भूकंप के इसे सेफ्टी वॉल्व की तरह देखा जा सकता है कि एनर्जी निकल रही है. लेकिन ये भी तय है हिमालय में धरती के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है जो भविष्य में बड़े खतरे का संकेत कहा जा सकता है.

दिल्ली एनसीआर में भूकंप खतरा कितना: हिमालय को लेकर जानकार पहले से ये कहते रहे हैं कि, यहां टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार ऊपर खिसक रही हैं. इसकी वजह से कभी भी यहां बड़ा भूकंप आ सकता है. भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ दीपक राज तिवारी कहते हैं, अनुमान ये है कि ये भूकंप आठ तक की तीव्रता वाला भी हो सकता है. अगर इस तीव्रता का भूकंप आया तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही किस स्तर की होगी.

Dr Deepak Raj Tiwari Statement
भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ दीपक राज तिवारी

भूकंप की फ्रीक्वेंसी: ऐसे में ये कहा जा सकता है कि, अभी जो भूकंप जल्दी जल्दी कम रिक्टर स्केल के आए हैं. ये एक तरीके से सेफ्टी वॉल्व हैं. डॉ तिवारी कहते हैं इसे पॉजीटिव साईड के तौर पर लिया जा सकता है. इसे ऐसे समझिए कि कहीं लगातार हवा बढ़ती जा रही है दबाव बढ़ रहा है तो अगर छोटे में रिलीज नहीं होगा तो जाहिर है फर्क पड़ेगा. लेकिन दूसरा एक पक्ष ये भी है कि भूकंप की फ्रीक्वेंसी बढ़ना ये संकेत तो है ही कि हिमालय रीजन में सब ठीक नहीं चल रहा है. फिर उस क्षेत्र विशेष की जानकारी के साथ विशेषज्ञ ये कह चुके हैं कि हिमालय में आठ रिक्टर स्केल की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली एनसीआर में तबाही को संभालना मुश्किल हो जाएगा. हांलाकि अभी तो सब अनप्रिडक्टेबल है.

Must Read: भूकंप से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें

भूकंप नहीं मानव निर्मित स्ट्रक्चर लेते हैं जान: भूगर्भ शास्त्री डॉ दीपक राज तिवारी कहते हैं. अभी सबसे ज्यादा जरुरत इस बात की है भूकंप के लिए जागरुकता हो. भूकंप आने पर क्या करना है. कैसे खुली जगह में जाना है. तुरंत ये तो सभी जानते ही हैं. लेकिन बड़ी जागरुकता की जरुरत इसलिए है कि, मकान भूकंप रोधी बनाए जाएं. मल्टी स्टोरी से बचा जाए. निर्माण मजबूत है. डॉ तिवारी कहते हैं जब भूकंप आता है और नुकसान पहुंचाता है. तो असल में भूकंप से उतना ज्यादा नुकसान नहीं होता जो ताबाही और मौते होती हैं उसकी असल वजह होते हैं. मानव निर्मित वो स्ट्रक्चर जो भूकंप आने के बाद ताश के पत्तों की तरह ढह जाते हैं. तो शुरुआत से ही ये प्रयास होना चाहिए कि जो सेंसेटिव इलाके हैं वहां मकान बनाने की अनुमति के साथ ही भूकंपरोधी मकान की शर्त प्रशासन की ओर से जोड़ दी जाए.

भोपाल। देश के सेंटर में आबाद एमपी और दिल्ली एनसीआर में आए भूकंप के झटके क्या संकेत दे रहे हैं. 3.6 रिक्टर स्केल का भूकंप बेशक तबाही नहीं लाता, लेकिन बार बार हिल रही दिल्ली एनसीआर की धरती क्या इशारा कर रही है. क्या हिमालयन रीजन में टेक्टोनिक प्लेट के खिसकने का विशेषज्ञों ने जो पूर्वानुमान लगाया था वो अब असर दिखाने लगा है. भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ दीपक राज तिवारी का कहना है कि जो झटके आ रहे हैं भूकंप के इसे सेफ्टी वॉल्व की तरह देखा जा सकता है कि एनर्जी निकल रही है. लेकिन ये भी तय है हिमालय में धरती के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है जो भविष्य में बड़े खतरे का संकेत कहा जा सकता है.

दिल्ली एनसीआर में भूकंप खतरा कितना: हिमालय को लेकर जानकार पहले से ये कहते रहे हैं कि, यहां टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार ऊपर खिसक रही हैं. इसकी वजह से कभी भी यहां बड़ा भूकंप आ सकता है. भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ दीपक राज तिवारी कहते हैं, अनुमान ये है कि ये भूकंप आठ तक की तीव्रता वाला भी हो सकता है. अगर इस तीव्रता का भूकंप आया तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही किस स्तर की होगी.

Dr Deepak Raj Tiwari Statement
भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ दीपक राज तिवारी

भूकंप की फ्रीक्वेंसी: ऐसे में ये कहा जा सकता है कि, अभी जो भूकंप जल्दी जल्दी कम रिक्टर स्केल के आए हैं. ये एक तरीके से सेफ्टी वॉल्व हैं. डॉ तिवारी कहते हैं इसे पॉजीटिव साईड के तौर पर लिया जा सकता है. इसे ऐसे समझिए कि कहीं लगातार हवा बढ़ती जा रही है दबाव बढ़ रहा है तो अगर छोटे में रिलीज नहीं होगा तो जाहिर है फर्क पड़ेगा. लेकिन दूसरा एक पक्ष ये भी है कि भूकंप की फ्रीक्वेंसी बढ़ना ये संकेत तो है ही कि हिमालय रीजन में सब ठीक नहीं चल रहा है. फिर उस क्षेत्र विशेष की जानकारी के साथ विशेषज्ञ ये कह चुके हैं कि हिमालय में आठ रिक्टर स्केल की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली एनसीआर में तबाही को संभालना मुश्किल हो जाएगा. हांलाकि अभी तो सब अनप्रिडक्टेबल है.

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भूकंप नहीं मानव निर्मित स्ट्रक्चर लेते हैं जान: भूगर्भ शास्त्री डॉ दीपक राज तिवारी कहते हैं. अभी सबसे ज्यादा जरुरत इस बात की है भूकंप के लिए जागरुकता हो. भूकंप आने पर क्या करना है. कैसे खुली जगह में जाना है. तुरंत ये तो सभी जानते ही हैं. लेकिन बड़ी जागरुकता की जरुरत इसलिए है कि, मकान भूकंप रोधी बनाए जाएं. मल्टी स्टोरी से बचा जाए. निर्माण मजबूत है. डॉ तिवारी कहते हैं जब भूकंप आता है और नुकसान पहुंचाता है. तो असल में भूकंप से उतना ज्यादा नुकसान नहीं होता जो ताबाही और मौते होती हैं उसकी असल वजह होते हैं. मानव निर्मित वो स्ट्रक्चर जो भूकंप आने के बाद ताश के पत्तों की तरह ढह जाते हैं. तो शुरुआत से ही ये प्रयास होना चाहिए कि जो सेंसेटिव इलाके हैं वहां मकान बनाने की अनुमति के साथ ही भूकंपरोधी मकान की शर्त प्रशासन की ओर से जोड़ दी जाए.

Last Updated : Feb 23, 2023, 5:12 PM IST
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