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एंबुलेंस के इंतजार में बच्चे ने तोड़ा दम, पिता ने कंपनी पर लगाया लापरवाही का आरोप

भोपाल में समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने के चलते एक कैंसर पीड़ित बच्चे की मौत हो गई. जिस पर मृतक के पिता ने एंबुलेंस का संचालन करने वाली निजी कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 21, 2019, 8:50 PM IST

कंपनी के मीडिया प्रभारी तरुण सिंह

भोपाल। राजधानी भोपाल में एक बच्चे के पिता ने 108 एंबुलेंस का संचालन करने वाली एक निजी कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसके चलते बच्चा इलाज के लिए समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाया और उसकी मौत हो गई.

समय पर 108 नहीं पहुंचने पर कैंसर पीड़ित बच्चे की हुई मौत

गौहर गंज निवासी राजेश नागर का बेटा कैंसर से पीड़ित था. जिसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था. तबीयत बिगड़ने पर उसे हमीदिया अस्पताल में शिफ्ट करना था. जिसके लिए राजेश ने 108 पर कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई.

कंपनी के मीडिया प्रभारी तरुण सिंह का कहना है कि उनकी तरफ से केस लेने के लिए मना नहीं किया गया. सिर्फ इतना पूछा गया था कि जिस अस्पताल में आप बच्चे को शिफ्ट कर रहे हैं, क्या वहां पर वेंटिलेटर की व्यवस्था है. बच्चे के पिता का सिर्फ एक ही बार कॉल आया था.

भोपाल। राजधानी भोपाल में एक बच्चे के पिता ने 108 एंबुलेंस का संचालन करने वाली एक निजी कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसके चलते बच्चा इलाज के लिए समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाया और उसकी मौत हो गई.

समय पर 108 नहीं पहुंचने पर कैंसर पीड़ित बच्चे की हुई मौत

गौहर गंज निवासी राजेश नागर का बेटा कैंसर से पीड़ित था. जिसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था. तबीयत बिगड़ने पर उसे हमीदिया अस्पताल में शिफ्ट करना था. जिसके लिए राजेश ने 108 पर कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई.

कंपनी के मीडिया प्रभारी तरुण सिंह का कहना है कि उनकी तरफ से केस लेने के लिए मना नहीं किया गया. सिर्फ इतना पूछा गया था कि जिस अस्पताल में आप बच्चे को शिफ्ट कर रहे हैं, क्या वहां पर वेंटिलेटर की व्यवस्था है. बच्चे के पिता का सिर्फ एक ही बार कॉल आया था.

Intro:भोपाल- 108 एंबुलेंस का संचालन करने वाले जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी के लापरवाही के चलते रविवार को एक 3 साल के बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे के पिता का कहना है कि बार-बार फोन लगाने पर भी 108 एंबुलेंस समय पर अस्पताल नहीं पहुंची यदि समय पर मेरे बच्चों को इलाज मिल जाता तो शायद मेरा बच्चा बच पाता।



Body:वहीं इस बारे में जिगित्सा हेल्थ केयर के मीडिया प्रभारी तरुण सिंह का कहना है कि हमारी तरफ से केस लेने के लिए मना नहीं किया,हमने बस उनसे इतना पूछा था कि जिस अस्पताल में आप बच्चे को शिफ्ट करें रहें है, क्या वहां पर वेंटिलेटर की व्यवस्था है और न ही हमें बार-बार फोन आया।


Conclusion:बताया जा रहा है कि गौहर गंज निवासी राजेश नागर के बेटे मितांश कैंसर पीड़ित था और राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती था, तबीयत बिगड़ने पर उसे हमीदिया अस्पताल में शिफ्ट करना था लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची और उसकी मौत हो गई।
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