भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की ओर से कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर कराने के आदेश जारी होने के बाद से ही प्राइवेट स्कूल संचालक इसके विरोध में हैं. ऐसे हालात में 25 मार्च से होने वाली इन बोर्ड परीक्षाओं पर संशय की तलवार लटक रही है. एक तरफ स्कूल संचालकों का विरोध है तो दूसरी ओर राज्य शिक्षा केंद्र परीक्षा केंद्रों की सूची जारी करता जा रहा है. भोपाल के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर परीक्षा केंद्रों की सूची भी जारी कर दी गई है. इसमें जानकारी दी गई है कि किस परीक्षा केंद्र में कितने बच्चों को बैठाया जाएगा.
सुनवाई के बाद लिया जाएगा फैसला: प्राइवेट स्कूल संचालक एसोसिएशन के साथ प्रदेश के सभी अशासकीय स्कूल संगठनोंं ने एकमत होकर सरकार से गुहार लगाई है कि इस साल पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर आयोजित नहीं की जाएं. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा, 'गुरुवार को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी. इसके बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा. बुधवार को विधानसभा घेराव की भी तैयारी थी लेकिन गुरुवार को होने वाली सुनवाई के चलते इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. शिक्षा विभाग को समझना चाहिए कि बच्चों के फॉर्म नहीं भरे गए हैं. उन्होंने बोर्ड परीक्षा के हिसाब से पढ़ाई नहीं की है तो ऐसा क्यों किया जा रहा है. सरकार द्वारा जारी की गई नई शिक्षा नीति में भी पांचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षा का उल्लेख नहीं है. इसके बावजूद सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
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बीच सत्र में आदेश जारी किए गए: मध्यप्रदेश में करीब 30 हजार अशासकीय स्कूल हैं. जिनमें 8 लाख बच्चे पांचवीं और आठवीं में अध्ययनरत हैं. एकाएक आदेश जारी होने से सभी बच्चे तनाव के बीच अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. रश्मि शुक्ला की बेटी कक्षा आठवीं में पढ़ती हैं. वे कहती हैं कि उनकी बेटी बोर्ड की परीक्षा के लिए अभी तैयार नहीं है क्योंकि बीच सत्र में ही इसके आदेश जारी किए गए हैं. परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर हो भी पाएंगी या नहीं, इसको लेकर भी अभी कोई जानकारी नहीं है. वहीं, अशोक त्रिपाठी कहते हैं कि उनका बच्चा पांचवीं कक्षा में पढ़ता है. स्कूल की तरफ से परीक्षा को लेकर अभी कोई भी जानकारी नहीं दी गई. रोल नंबर भी नहीं आए हैं. कहा जा रहा है कि समग्र नंबर को ही रोल नंबर माना जाएगा.