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ADG राजेंद्र मिश्रा के पिता की मौत बनी पहेली, जांच के लिए डॉक्टरों का बोर्ड किया गया गठित

ADG राजेंद्र मिश्रा का मामला लगातार उलझता जा रहा है. उन्हें कई लोगों ने समझाने की कोशिश की लेकिन उनका अभी भी यही मानना है कि उनके पिता जिंदा हैं. शुक्रवार को डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित कर दिया गया है, जो उनके पिता कुलामणि मिश्रा की मेडिकल जांच करेगा.

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Published : Feb 23, 2019, 3:42 PM IST

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भोपाल। अपने मृत पिता को जीवित बताने वाले ADG राजेंद्र मिश्रा का मामला लगातार उलझता जा रहा है. सभी वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बाद भी वे पिता की मौत को मानने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसके बाद शुक्रवार को डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित कर दिया गया है, जो उनके पिता कुलामणि मिश्रा की मेडिकल जांच करेगा.

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एडीजी

दरअसल ADG का मानना है कि उनके पिता की नाड़ी अभी चल रही है और उनका आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज जारी है. चूंकि यह एक पारिवारिक मामला है, इसके चलते कोई अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, लेकिन राज्य मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है. इस बोर्ड में 3 एलोपैथिक डॉक्टर और तीन आयुर्वेदिक डॉक्टर शामिल हैं. इस टीम में नाड़ी वैद्य, दिमाग और हार्ट विशेषज्ञ भी शामिल हैं. टीम आज राजेंद्र मिश्रा के घर जाकर उनके पिता की मेडिकल जांच कर सकता है. इस जांच से यह साबित हो जाएगा कि ADG के पिता जीवित हैं या नहीं.

बता दें कि 14 जनवरी को एक निजी अस्पताल ने कुलामणि मिश्रा को मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद एडीजी राजेंद्र प्रसाद मिश्रा ने उन्हें घर लाकर उनका आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार शुरू कर दिया. हालांकि ADG मिश्रा मानवाधिकार आयोग में अपना पक्ष रख चुके हैं. अब उलझन यह है कि इस मामले की किसी ने शिकायत नहीं की है. आयोग ने सीधे विभाग को आदेश दिए हैं, लेकिन किसी के घर में बिना अनुमति जाने में कई कानूनी उलझनें आ सकती हैं.

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भोपाल। अपने मृत पिता को जीवित बताने वाले ADG राजेंद्र मिश्रा का मामला लगातार उलझता जा रहा है. सभी वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बाद भी वे पिता की मौत को मानने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसके बाद शुक्रवार को डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित कर दिया गया है, जो उनके पिता कुलामणि मिश्रा की मेडिकल जांच करेगा.

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एडीजी

दरअसल ADG का मानना है कि उनके पिता की नाड़ी अभी चल रही है और उनका आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज जारी है. चूंकि यह एक पारिवारिक मामला है, इसके चलते कोई अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, लेकिन राज्य मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है. इस बोर्ड में 3 एलोपैथिक डॉक्टर और तीन आयुर्वेदिक डॉक्टर शामिल हैं. इस टीम में नाड़ी वैद्य, दिमाग और हार्ट विशेषज्ञ भी शामिल हैं. टीम आज राजेंद्र मिश्रा के घर जाकर उनके पिता की मेडिकल जांच कर सकता है. इस जांच से यह साबित हो जाएगा कि ADG के पिता जीवित हैं या नहीं.

बता दें कि 14 जनवरी को एक निजी अस्पताल ने कुलामणि मिश्रा को मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद एडीजी राजेंद्र प्रसाद मिश्रा ने उन्हें घर लाकर उनका आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार शुरू कर दिया. हालांकि ADG मिश्रा मानवाधिकार आयोग में अपना पक्ष रख चुके हैं. अब उलझन यह है कि इस मामले की किसी ने शिकायत नहीं की है. आयोग ने सीधे विभाग को आदेश दिए हैं, लेकिन किसी के घर में बिना अनुमति जाने में कई कानूनी उलझनें आ सकती हैं.

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Intro:डॉक्टरों का बोर्ड आज कर सकता है एडीजी के पिता की जांच

भोपाल अपने पिता को जीवित बताने वाले एडीजी राजेंद्र प्रसाद का मामला लगातार उलझता जा रहा है सभी वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा एडीजी राजेंद्र प्रसाद को समझाने के बावजूद भी वह यह मानने को तैयार नहीं है कि उनके पिता अब जीवित नहीं है उन्होंने समझाइश देने आए समकक्ष अधिकारियों को अपने पिता के जीवित होने की बात ही कही है एडीजी का मानना है कि उनके पिता की नाड़ी अभी चल रही है और उनका आयुर्वेद से उपचार जारी है क्योंकि यह एक पारिवारिक मामला है इसके चलते कोई अधिकारी कुछ कहने को भी तैयार नहीं है


Body:एडीजी राजेंद्र मिश्रा के पिता को कुलामणि मिश्रा की मेडिकल जांच के लिए शुक्रवार को डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित कर दिया गया है इस बोर्ड में 3 डॉक्टर एलोपैथी और तीन आयुर्वेद के डॉक्टर शामिल है इस जिम में नाड़ी वैद्य दिमाग व हार्ड के विशेषज्ञ भी शामिल किए गए हैं राज्य मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर गठित की गई बोर्ड आज उनके निवास पर जाकर उनके पिता की मेडिकल जांच कर सकता है इस जांच से यह साबित हो जाएगा कि एडीजी के पिता जीवित हैं या नहीं


Conclusion:उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को कुल मणि मिश्रा को एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के संक्रमण के चलते भर्ती किया गया था जहां डॉक्टरों के द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था इसके बाद परिजन उन्हें घर ले आए और तब से ही उनका नाड़ी वैद्य और आयुर्वेद पद्धति से उपचार किया जा रहा है हालांकि एडीजी राजेंद्र मिश्रा मानव अधिकार आयोग में भी अपना पक्ष रख चुके हैं जो बोर्ड गठित किया गया है वह एसपी साउथ संपत उपाध्याय की निगरानी में ही जांच के लिए जाएगा इस बोर्ड में हमीदिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अजय शर्मा न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर आर एस यादव व फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर आशीष जैन शामिल है वही आयुर्वेद से खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज से डॉक्टर राजेश मेश्राम डॉ रीता सिंह व कामिनी सोनी शामिल है

इस पूरे मामले में सबसे बड़ी उलझन यही है कि इस मामले की शिकायत पुलिस में किसी ने नहीं की है और आयोग ने भी सीधे विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं लेकिन किसी व्यक्ति के घर में बिना अनुमति जाकर जांच पड़ताल करने में कई कानूनी उलझन है आ सकती हैं इस पूरे मामले में एक अड़चन यह भी है कि राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले को लेकर कोई भी दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं .
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